बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं के खिलाफ जारी अत्याचारों को सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हिंदुओं को मारा-पीटा जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और कथित तौर पर फर्जी केस लगाकर संतों को जेल में डाला जा रहा है। अब अत्याचारों का सिलसिला ऐसा हो गया है कि हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास जिन्हें कुछ वक्त पहले देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उन्हें वकील तक मुहैया नहीं कराया जा रहा है।
मंगलवार (3 दिसंबर) को चिन्मय दास की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन कोर्ट में उनकी तरफ से कोई वकील ही पेश नहीं हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इस मामले की सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी गई है और अगली सुनवाई 2 जनवरी 2025 को होगी।
पिछली सुनवाई के दौरान दास के जो वकील कोर्ट में पेश हुए थे उनके साथ मारपीट की गई थी जिसके डर से इस बार कोई भी वकील अदालत में पेश नहीं हुआ। रिपब्लिक वर्ल्ड के मुताबिक, चिन्मय कृष्ण दास के लिए कुल 51 वकील केस लड़ रहे थे और उन पर हमले किए गए, उनके चैंबरों में तोड़फोड़ की गयी और वकीलों पर ही फर्जी मुकदमे लगा दिए गए। दास के एक वकील रामेन रॉय को इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने इतना मारा कि उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने आईसीयू में भर्ती रॉय की एक तस्वीर ‘X’ पर शेयर की है। राधारमण दास ने लिखा, “वकील रामेन रॉय के लिए प्रार्थना करें। उनकी सिर्फ यही ‘गलती’ थी कि वे अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव कर रहे थे। इस्लामवादियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया और वह आईसीयू में अपने जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
Please pray for Advocate Ramen Roy. His only ‘fault’ was defending Chinmoy Krishna Prabhu in court.
Islamists ransacked his home and brutally attacked him, leaving him in the ICU, fighting for his life.#SaveBangladeshiHindus #FreeChinmoyKrishnaPrabhu pic.twitter.com/uudpC10bpN
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) December 2, 2024
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का सिलसिला तेज ही हो रहा है। पुलिस ने दास के अलावा इस्कॉन के एक और साधु श्याम दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया और चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के साथ ही इस्कॉन से जुड़े 16 अन्य लोगों के बैंक अकाउंट भी फ्रीज कर दिए गए हैं। अत्याचारों का यह अंतहीन सिलसिला आए दिन बढ़ता ही जा रहा है।