‘हिंदुओं पर हमले बर्दाश्त नहीं…’: घर में घुसकर बांग्लादेश को लगाई फटकार, बोले भारतीय विदेश सचिव- धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करो

भारत विदेश सचिव बांग्लादेश

भारत विदेश सचिव ने बांग्लादेशी समकक्ष से की मुलाकात (फोटो साभार: IndiaToday)

शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं का लगतार नरसंहार हो रहा है। इस बीच ढाका दौरे पर गए भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार (9 दिसंबर 2024) को अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ ही उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा। साथ ही इस्कॉन के साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर भी बात की है।

बांग्लादेश के विदेश सचिव से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “हमने हाल की घटनाओं पर चर्चा की और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनसे जुड़े हितों को लेकर हमारे बीच बात हुई। हमने सांस्कृतिक और धार्मिक संपत्तियों पर हमलों की दुखद घटनाओं पर भी चर्चा की।”

विदेश सचिव मिस्री ने यह भी कहा, “मैंने महसूस किया है कि भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है। हमने पहले भी ऐसा किया है और आगे भी मिलकर काम करते रहेंगे। दोनों देशों के बीच संबंध आम जनता के हितों पर आधारित हैं, जिसका केन्द्रीय लक्ष्य सभी लोगों को लाभ देना है।”

उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच के रिश्ते बांग्लादेश में जारी परियोजनाओं में भी दिखाई देते हैं। मिस्री ने कहा, “यह व्यापार, वाणिज्य, संपर्क, बिजली, पानी, ऊर्जा, विकास सहयोग और सांस्कृतिक सहयोग जैसे मुद्दों पर हमारे पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों में भी दिखाई होता है।” साथ ही यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच पारस्परिक लाभकारी सहयोग जारी रहेंगे। इस सहयोग को समाप्त करने का कोई कारण नहीं दिखाई देता।

बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर भी भारतीय विदेश सचिव ने आपत्ति जताई। बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का कथित तौर पर अपमान करने का आरोप लगा है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था। उनकी गिरफ़्तारी को लेकर हिंदुओं में काफी गुस्सा फैल गया था, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी मुठभेड़ भी हुई थी।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। अंतरिम सरकार के गठन के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बातचीत हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बांग्लादेश यात्रा पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा, “भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बांग्लादेश यात्रा बहुत महत्वपूर्ण थी। हम सभी इसके परिणाम का इंतजार कर रहे थे। बांग्लादेश के विदेश सचिव से मुलाकात के बाद विक्रम मिस्री ने जो बयान दिया है, उससे हमें उम्मीद है कि जल्द ही बांग्लादेश में शांति लौटेगी। हमने देखा है कि पिछले कुछ दिनों से कट्टरपंथी बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों का नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेशी सरकार इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।” Foreign Secretary Misri conveys Indias concerns about security of minority communities in Bangladesh 

 

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