गोलियों की तड़तड़हाट से गूंज उठा पीलीभीत, मुठभेड़ में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने वाले खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकी ढेर

खालिस्तानी विचारधारा: राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंडराता खतरा 

Pilibhit Encounter

Pilibhit Encounter

पिछले कुछ वर्षों में खालिस्तानी आतंकवाद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरनाक चुनौती बन गया है। यह अलगाववादी विचारधारा अब नफरत और हिंसा का पर्याय बन चुकी है, जिसका उद्देश्य देश की अखंडता और शांति को खंडित करना है। खालिस्तान की साजिश को नाकाम करते हुए सोमवार (23 दिसंबर 2024) को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकियों को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया है।

वीरेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह और जसन प्रीत सिंह

मारे गए आतंकियों – गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि, और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह – ने हाल ही में पंजाब के गुरदासपुर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला किया था।

2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल और कारतूस बरामद

मीडिया को जानकारी साझा करते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि पंजाब पुलिस से इनपुट मिला था कि गुरदासपुर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले के आरोपी यूपी के तराई क्षेत्र के पीलीभीत जिले में छिपे हो सकते हैं। इस महत्वपूर्ण इनपुट के बाद यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम सक्रिय हो गई। रविवार देर रात हुए लाइव एनकाउंटर में तीनों खालिस्तानी आतंकी गोली लगने से घायल हुए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पीलीभीत एनकाउंटर

डीजीपी ने जानकारी दी कि इस ऑपरेशन को पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक ने व्यक्तिगत रूप से लीड किया। एनकाउंटर के दौरान दो बहादुर सिपाही घायल हुए, जो ऑपरेशन की कठिनाई और गंभीरता को दर्शाता है। आतंकियों के पास से भारी मात्रा में घातक हथियार बरामद किए गए, जिनमें दो एके-47 राइफलें और दो ग्लॉक पिस्टल शामिल हैं।

 

खालिस्तानी विचारधारा: राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंडराता खतरा 

 

पिछले कुछ वर्षों में खालिस्तानी आतंकवाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर और खतरनाक चुनौती पेश की है। खालिस्तानी विचारधारा न केवल अलगाववाद को बढ़ावा देती है, बल्कि देश में अशांति और आतंक फैलाने का एक बड़ा जरिया बन चुकी है। इसके हालिया उदाहरण इस बात की गवाही देते हैं कि यह विचारधारा अब केवल विदेशों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत की सीमाओं के भीतर भी गहरी पैठ बना रही है।

 

पंजाब, 19 अगस्त 2023: खालिस्तानी आतंकियों ने अमृतसर में पुलिस चेकपोस्ट पर हमला कर तीन जवानों को घायल कर दिया। हमले में इस्तेमाल हथियार पाकिस्तान से आए ड्रोन के जरिए सीमा पार भेजे गए थे।

दिल्ली, 5 जनवरी 2024: दिल्ली पुलिस ने एक खालिस्तानी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, जिसमें हथियारों और विस्फोटकों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ। जांच में सामने आया कि इन हथियारों का इस्तेमाल गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले के लिए किया जाना था।

मुंबई, 12 जून 2024: एनआईए ने मुंबई में खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़े दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जो सार्वजनिक स्थानों पर बम धमाके की साजिश रच रहे थे।

पंजाब, 10 सितंबर 2024: खालिस्तानी समर्थकों ने जलंधर में एक धार्मिक जुलूस पर हमला किया, जिसमें पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए। जांच में पाया गया कि यह हमला धार्मिक भेदभाव को भड़काने और राज्य में हिंसा फैलाने के उद्देश्य से किया गया था।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि खालिस्तानी आंदोलन अब केवल विचारधारा तक सीमित नहीं है; यह भारत की अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को तोड़ने की कोशिशों में लगा हुआ है। यह विचारधारा युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलती है, आतंकवाद को बढ़ावा देती है, और विदेशी दुश्मनों से मिलकर भारत के खिलाफ साजिशें रचती है।

Exit mobile version