धर्मांतरण पर मेरठ पुलिस का कड़ा प्रहार, मिशनरी द्वारा 500 लोगों के धर्मांतरण की थी कोशिश

धर्मांतरण पर मेरठ पुलिस का सख्त एक्शन

मेरठ, धर्मांतरण

मेरठ में 500 लोगों का हो रहा था ईसाई धर्मांतरण, यूपी पुलिस ने रोका

 

धर्मांतरण हमेशा से भारत में एक संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा रहा है, खासकर जब इसे गरीब और असहाय लोगों से जोड़ा जाता है। मिशनरी संगठन द्वारा अक्सर मानसिक दबाव डालकर गरीबों को धर्म बदलने के लिए मजबूर करने की खबर सुर्खियां बटोरती रहती हैं। इसी कड़ी में सोमवार (9 दिसंबर, 2024) को एक बार फिर मेरठ(Meerut) के एक घर में 500 लोगों का धर्मांतरण की खबर सामने आई है। इसे पुलिस ने समय रहते रोक लिया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। इस घटना ने एक बार फिर धर्मांतरण की सच्चाई और इसके खतरों को उजागर किया है।

 

धर्मांतरण की कोशिश का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक बार फिर क्रिस्चियन मिशनरी के धर्मांतरण की कोशिशों पर हिन्दू संगठन हिंदू रक्षा दल की मदद से मेरठ पुलिस ने पानी फेर दिया है। मेरठ के थाना परतापुर क्षेत्र के शंकरपुरी इलाके में मेडिकल कैंप के नाम पर गरीब लोगों को बहला फुसलाकर प्रार्थना सभा में शामिल किया गया। इसके बाद उन्हें क्रिस्टियन प्रेयर और बाइबिल पढ़ाई जा रही थी। इस बीच भारतीय किसान मंच और हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता उस घर में पहुँच गए और इसका विरोध किया। सूचना की जानकारी मिलते ही मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस ने 5 पुरुष और 3 महिलाओं समेत कुल आठ लोगों को हिरासत में ले लिया।

 

मेरठ में पहले भी हो चुकी है धर्मांतरण की कोशिश 

इससे पहले भी क्रिस्चियन मिशनरी द्वारा मेरठ के मूल स्वरूप को बिगाड़ने की कोशिश की ख़बरें सामने आई थीं। अक्टूबर 2024 में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा मेरठ स्थित कंकरखेड़ा में धर्मांतरण की कोशिशों का पर्दाफाश किया गया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, वो आरोपितों के मकान के पास से गुजर रहा था, जब उसने देखा कि एक युवक हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के बारे में दुष्प्रचार कर रहा था। इस दौरान, लगभग 50 महिला और पुरुष एक कमरे में प्रार्थना सभा कर रहे थे। आरोप है कि युवक सभा में शामिल लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर योगीपुरम चौकी ले गई.

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