क्लिपकटुआ जुबैर को हाई कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार, पकिस्तान और सीरिया से कनक्शन ….!!

डासना देवी मंदिर से जुड़ा विवाद

Mohammed Zubair Latest Controversy On Dasna Mandir

Mohammed Zubair Latest Controversy On Dasna Mandir

2022 में दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर को आरोपित किया था, जब यह सामने आया कि उसने पाकिस्तान और सीरिया से पैसे प्राप्त किए थे, और यह गंभीर उल्लंघन माना गया था। अब, एक बार फिर जुबैर इलाहाबाद हाई कोर्ट में खड़ा है, इस बार एक और मामले में। गाजियाबाद स्थित प्रसिद्ध डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के क्लिप काटकर उसे इस्लाम विरोधी रंग देने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने में जुबैर को 18 दिसंबर 2024 को अदालत ने कड़ी फटकार लगाई।

Mohammed Zubair Dasna Controversy

 

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर पर यति नरसिंहानंद के भाषण को जानबूझकर तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप था, जिस पर गाजियाबाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में सुनवाई के दौरान, अदालत ने जुबैर के खिलाफ सवाल उठाया कि उसने इस गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज कराने या कानूनी उपाय अपनाने के बजाय इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट क्यों किया। जुबैर की यह हरकतें समाज में अशांति और नफरत फैलाने के इरादे से की गई प्रतीत होती हैं, और अदालत ने इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य ठहराया।

डासना देवी मंदिर से जुड़ा विवाद

29 सितंबर को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करते हुए एक भाषण दिया। जुबैर ने इस भाषण की क्लिप काटकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया और इसे ‘अपमानजनक और घृणास्पद’ करार दिया। इसके बाद, यति नरसिंहानंद फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी ने जुबैर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने डासना देवी मंदिर में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए जुबैर, अरशद मदनी और असदुद्दीन ओवैसी को जिम्मेदार ठहराया।

गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में जुबैर पर भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (धार्मिक आधार पर दुश्मनी बढ़ाना), 228 (झूठे सबूत गढ़ना), 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से धर्म का अपमान), 356(3) (मानहानि), और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए। इसके साथ ही, बाद में बीएनएस की धारा 152 के तहत भी अपराध जोड़ा गया। जिसके बाद क्लिपकातुवा जुबैर ने इस एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और गिरफ्तारी से बचने की माँग की। जिसपर सुनवाई करते हुए बुधवार को अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि जुबैर ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने या उपयुक्त कानूनी उपाय अपनाने के बजाय इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना क्यों चुना।

पकिस्तान और सीरिया से कनक्शन

यह पहली बार नहीं है जब ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए वीडियो से क्लिप काटकर उसे गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगा है। इससे पहले भी जुबैर पर कई मामलों में दंगे भड़काने के आरोप लगाए जा चुके हैं। नवंबर 2022 में दिल्ली पुलिस ने एक केस की सुनवाई के दौरान जुबैर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे देश से दान लेता है तो वह कानून का उल्लंघन है। कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (CDR) की जांच में यह भी सामने आया कि जुबैर ने रेजरपे गेटवे के जरिए पाकिस्तान और सीरिया से पैसे प्राप्त किए हैं, जिस पर और जांच की आवश्यकता है।

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