राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती, जिन्हें बार-बार टीवी डिबेट्स में बुलाया जाता है, शायद इसलिए ताकि वह हिंदू धर्म के खिलाफ जहर उगल सकें। 18 दिसंबर, 2024 को लाइव डिबेट के दौरान उन्होंने न केवल हिंदू धर्म का अपमान किया, बल्कि मनुस्मृति जैसे धार्मिक ग्रंथ को फाड़कर समाज में घृणा और विभाजन फैलाने की कोशिश की। यह कृत्य न केवल हिंदू धर्म का घोर अपमान है, बल्कि एक ऐसी मानसिकता का भी परिचायक है जो महिलाओं और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ खड़ी है। इस जघन्य कुकृत्य को हिन्दुओं को अपमानित करने वाली सपा जैसे दलों द्वारा खुलकर समर्थन मिल रहा है।
ये पार्टियाँ हमेशा हिंदू धर्म और महिला सशक्तिकरण के खिलाफ बोलने के लिए मशहूर रही हैं, और अब अपनी घृणित राजनीति को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर रही हैं। सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने प्रियंका के इस कुकृत्य का साथ देते हुए हिन्दू ग्रंथों के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है.
दोहरा मापदंड क्यों
सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी का मनुस्मृति के खिलाफ जहर उगलना नया नहीं है। यह वही व्यक्ति हैं, जो हिंदू धर्म और उसकी परंपराओं को बदनाम करने का हर संभव प्रयास करते हैं। महिला अधिकारों की आड़ में हिंदू धर्म पर हमला करना इनकी पुरानी आदत है। लेकिन जब इनके अपने घर की गंदगी पर बात आती है, तो ये चुप्पी साध लेते हैं।
कैसे सुधांशु जी ने बुद्धिहीन नमाजवादी @rajkumarbhatisp को मनुस्मृति पर जहर फैलाते हुए पेला था। इस जहरीले नमाजवादी के हर ट्वीट के नीचे ये पोस्ट करो। 😂 pic.twitter.com/ooM22gRvTm
— Ach. Ankur Arya Official (@AchAnkurArya) December 21, 2024
राजकुमार भाटी बार-बार मनुस्मृति को महिला विरोधी कहते हैं, लेकिन जब आज तक की एक लाइव डिबेट में उनसे मनुस्मृति का एक भी श्लोक पढ़ने को कहा गया, तो उनकी अज्ञानता पूरी तरह उजागर हो गई। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने उन्हें उसी मंच पर लताड़ लगाई थी। यह घटना साबित करती है कि उनका पूरा एजेंडा सिर्फ हिंदू धर्म को बदनाम करने का है, तथ्य और सत्य से उनका कोई लेना-देना नहीं।
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती। सपा का इतिहास महिला विरोधी मानसिकता और घृणित राजनीति से भरा हुआ है:
मुलायम सिंह यादव, जो सपा के संस्थापक रहे हैं, ने दुष्कर्मियों का बचाव करते हुए कहा था, “लड़कों से गलतियां हो जाती हैं।” क्या यह बयान महिला सशक्तिकरण का समर्थन करता है? यही नहीं मंत्री आजम खान ने महिलाओं के खिलाफ बार-बार अभद्र टिप्पणियां की हैं। 2019 में संसद में भाजपा सांसद रमा देवी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने पर उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग तक ने लताड़ा। यही आजम खान, जया प्रदा को “नाचने-गाने वाली” कहकर अपमानित करते हैं और हर मंच पर महिलाओं के प्रति अपनी घृणित मानसिकता को उजागर करते हैं।
सपा का असली चेहरा
मनुस्मृति का विरोध करने वाले राजकुमार भाटी और उनकी पार्टी को महिलाओं के अधिकारों की कोई परवाह नहीं। यह वही पार्टी है, जिसने बार-बार महिलाओं का अपमान किया है और महिला सशक्तिकरण की हर कोशिश को कुचलने का प्रयास किया है। क्या राजकुमार भाटी में हिम्मत है कि वह अपनी ही पार्टी के नेताओं की इस महिला विरोधी मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाएं? राजकुमार भाटी जैसे तुष्टीकृत पोषित नेता का मनुस्मृति के खिलाफ अभियान सिर्फ “फूट डालो राजनीति” का ही हिस्सा है। हिंदू धर्म को बदनाम करना और उसकी परंपराओं को अपमानित करना ही इनका असली एजेंडा है।
जो जहर SP और RJD ने फैलाया, वह अब समाजिक समरसता को खत्म करने पर आमादा है। स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस जलाने की अपील से लेकर लाइव डिबेट्स में मनुस्मृति फाड़ने तक, यह कट्टरपंथी राजनीति देश के लिए खतरा है। मीडिया को TRP के लिए ऐसे नेताओं को मंच देना बंद करना होगा, वरना समाज में विभाजन और हिंसा बढ़ेगी।