बांग्लादेश में श्मशान तक पहुंची नफरत की आग; ‘कट्टरपंथियों’ ने श्मशान के मंदिर में की हत्या और लूट-पाट

बांग्लादेश में इस वर्ष 8 दिसंबर तक हिंदुओं व अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के 2200 से अधिक मामले सामने आए हैं

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामले में बांग्लादेश ने पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ दिया है

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामले में बांग्लादेश ने पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ दिया है

बांग्लादेश की नई कट्टरपंथी सरकार के राज में हर रोज हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के नई-नई रिकॉर्ड बन रहे हैं। हर तरफ हिंदू धर्म के लोगों का कत्लेआम किया जा रहा है। आलम ऐसा हो गया है कि बांग्लादेश ने हिंसा के मामले में पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ दिया है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं का घर से निकलना भी दूभर हो गया है। दर्जनों मंदिर तोड़ डाले गए, पुजारियों को मारा-पीटा जा रहा है और मूर्तियों तक को जला दिया गया है। अब नफरत की यह आग घरों और मंदिरों से भी आगे निकलकर श्मशान तक पहुंच गई है। कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के उत्तरी जिले नाटोर में एक श्मशान घाट में एक शख्स की हत्या कर दी है। साथ ही, इस दौरान सदियों पुराने इस श्मशान घाट के मंदिर में रखे पीतल, तांबे और कांसे के बर्तनों को चुरा लिया गया है।

सैकड़ों वर्ष पुराना है यह श्मशान

इस मामले को लेकर मंदिर समिति के अध्यक्ष सुबल दास का कहना है कि यह श्मशान सैकड़ों वर्ष पुराना है और यहां स्थित मंदिर लोगों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र था। इस मंदिर में नियमित तौर पर पूजा की जाती थी और हर शुक्रवार को यहां धार्मिक समारोह का आयोजन भी किया जाता था। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने इस मामले को लेकर कहा था कि ‘तरुण कुमार दास नामक एक हिंदू पुजारी की चरमपंथियों द्वारा हत्या कर दी गई’। इस पर बांग्लादेश के ‘चीफ एडवाइजर्स प्रेस विंग फैक्ट्स’ ने सफाई देते हुए कहा कि तरुण की हत्या संभवतः डकैती के प्रयास के कारण हुई है। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी की खबर तक नहीं है इससे पता चलता है कि बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार इसे लेकर कितनी गंभीर है।

पाकिस्तान से बड़ा कट्टरपंथी बनता बांग्लादेश

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा किस हद तक बढ़ गई है इसका अनुमान केंद्र सरकार द्वारा संसद में बताए गए आंकड़ों से लगाया जा सकता है। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया है कि बांग्लादेश में इस वर्ष 8 दिसंबर तक हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के 2200 मामले सामने आए हैं। जबकि पाकिस्तान में अक्टूबर 2024 तक हिंसा का 112 घटनाएं सामने आई थीं।

मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के मुताबिक, 2023 में हिंसा के ये आंकड़े बांग्लादेश में 302 और पाकिस्तान में 103 थे। स्पष्ट है कि इन आंकड़ों के अलावा बड़ी संख्या ऐसा मामलों की भी होगी जो दर्ज नहीं किए गए होंगे। जिन अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के ये आंकड़े हैं उनमें बहुत बड़ी संख्या हिंदुओं की ही है और अब लग रहा है कि पाकिस्तान व बांग्लादेश में होड़ मची है कि कौन खुद को ज्यादा बड़ा कट्टरपंथी साबित करेगा।

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