क्या है Z-Morh टनल, आतंकी हमले के 85 दिन बाद PM मोदी ने किया जिसका उद्घाटन: समझिए श्रीनगर-लेह का जुड़ना सुरक्षा के लिए क्यों ज़रूरी

2,680 करोड़ की लागत से तैयार हुई Z-Morh टनल

PM Modi inaugurates Z-Morh tunnel

PM Modi inaugurates Z-Morh tunnel (image source: DD News)

सोमवार (13 जनवरी 2025) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में Z-Morh टनल का उद्घाटन किया, जिसे श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में देखा जा रहा है। इस उद्घाटन समारोह में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। टनल के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने टनल का निरीक्षण किया और इसे क्षेत्र में सुरक्षा व कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बताया।

 

20 अक्टूबर 2024 को, इसी टनल पर आतंकियों ने एक कायराना हमला किया था, जिसमें एक डॉक्टर समेत 6 मजदूरों की जान चली गई थी। यह हमला उस समय हुआ था जब इस महत्वपूर्ण परियोजना पर काम जोरों से चल रहा था। इसके बावजूद, सरकार ने बिना रुके परियोजना को जारी रखा और इसे पूरा करके आतंकियों को कड़ा संदेश दिया कि भारत विकास की राह में रुकने वाला नहीं है।

2,680 करोड़ की लागत से तैयार हुई Z-Morh टनल

Z-Morh टनल को नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) ने इंजीनियरिंग की एक बेहतरीन मिसाल और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर बताया है। यह टनल न केवल रक्षा क्षेत्र को मजबूती देगी, बल्कि यात्रा को सरल बनाएगी और कश्मीर और लद्दाख के बीच सामाजिक एवं आर्थिक विकास की गति को भी तेज करेगी।

श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाली यह टनल Z-आकृति में बनी है, और यही वजह है कि इसे Z-मोड़ टनल के नाम से जाना जाता है। इसकी कुल लंबाई 6.5 किलोमीटर है, और इसमें दो लेन बनाई गई हैं। टनल के निर्माण के लिए न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का इस्तेमाल किया गया, जो दुनिया की सबसे सुरक्षित और आधुनिक तकनीकों में से एक मानी जाती है। इस परियोजना पर करीब 2,680 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, जो कि कश्मीर और लद्दाख के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश साबित होगा।

सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी है Z-morh Tunnel

Z-Morh टनल सोनमर्ग और गगनगीर को जोड़ते हुए 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, और इसमें आपातकालीन परिस्थितियों के लिए 7.5 मीटर चौड़ा एक समानांतर मार्ग भी है। यह सुरंग पूरे इलाके को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करती है, जिससे कठोर मौसम के बावजूद यात्रा सुगम बनी रहेगी। जहां पहले पहाड़ी रास्तों पर घंटों का सफर तय करना पड़ता था, वहीं अब यह 6.5 किलोमीटर लंबी सुरंग केवल 15 मिनट में पार की जा सकती है।

Z-Morh टनल और ज़ोजी-ला सुरंग मिलकर श्रीनगर-लेह राजमार्ग को एक रणनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण बना देती हैं। यह सुरंग अमरनाथ गुफा (बालटाल), कारगिल, और लद्दाख जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को साल भर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सैन्य संचालन और रसद की प्रक्रिया को बेहतर किया जाएगा। इसके अलावा, यह क्षेत्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

इस टनल के निर्माण से सोनमर्ग को हर मौसम में कनेक्टिविटी मिल सकेगी, साथ ही यह स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। इसके कारण पर्यटन और उससे जुड़े उद्योगों में भी तेजी से विकास होगा, और यह परियोजना न केवल सामरिक बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी क्षेत्र के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी।

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