पूर्वांचलियों का अपमान और फर्जी वादों की नौटंकी : केजरीवाल के बयान ने मचाई सियासी हलचल

Kejriwal Trapped in His Own Statement, Insulting Purvanchalis

Kejriwal Trapped in His Own Statement, Insulting Purvanchalis

दिल्ली(Delhi) के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल द्वारा पूर्वांचल के लोगों के किए गए अपमान पर राजनीतिक घमासान बढ़ गया है। भाजपा ने केजरीवाल के बयान को उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों की अस्मिता से जोड़ते हुए उनसे माफी की माँग की है। हालाँकि, आम आदमी पार्टी लगातार कह है कि उसने पूर्वांचल के लोगों का कभी अपमान नहीं किया। वो दिल्ली की अकेली पार्टी है, जिसने पूर्वांचल के लोगों को सबसे अधिक टिकट दिया है। विधानसभा चुनावों के बीच जब केजरीवाल और आम आदमी पार्टी अपने बयानों से फँस गई है तो पूर्वांचल के लोगों के सम्मान की बात कर रही है। दिल्ली की 70 में से 15 सीटों पर सीधा प्रभाव रखने वाले पूर्वांचल के लोगों को साधने में AAP जुट गई है।

BJP Protest on Streets Against Anti-Purvanchal Arvind Kejriwal

दिल्ली में उत्तर प्रदेश और बिहार सहित पूर्वांचल के लोगों की एक बड़ी आबादी रहती है, जो दिल्ली में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अपने बयानों से घिरने और विपक्षी भाजपा द्वारा आक्रामक रूख अपनाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचलियों को साधने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्होंने दिल्ली में किराए पर रहने वाले लोगों का भी बिजली-पानी का बिल माफ करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा पूर्वांचल के लोग ही दिल्ली में किराए के मकानों में रहते हैं। उनमें गरीबी इतनी ज्यादा होती है कि एक-एक बिल्डिंग में 100 लोग रह रहे होते हैं। इसलिए इनके भी बिजली और पानी के बिल माफ होंगे।

पूर्वांचलियों का अपमान और रेवड़ी राजनीति

पूर्वांचल के मजदूर या नौकरीपेशा वाले ही बड़ी संख्या में दिल्ली में नहीं रहते, विद्यार्थियों की संख्या भी बहुतायत में है। उनके लिए अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर विद्यार्थियों को दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी घोषणा की है कि विद्यार्थियों को मेट्रो में यात्रा करने पर उसके किराए में 50 प्रतिशत की रियायत देने की बात कही है। केजरीवाल ने कहा कि इसके लिए वे केंद्र सरकार से बात करेंगे। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि पूर्वांचल के लोगों के लिए आम आदमी पार्टी के मन में बहुत इज्जत है। वे पढ़ने और नौकरी के लिए दिल्ली आते हैं और फिर यहीं अपना घर बना लेते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूर्वांचलियों को तिरस्कार की निगाह से देखती है।

अरविंद केजरीवाल पूर्वांचल के लोगों का कितना सम्मान करते हैं, ये उनके पहले बयान और पहले के कामों से समझा जा सकता है। दरअसल, 10 जनवरी को भाजपा पर फर्जी वोटर तैयार करने को लेकर अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। उन्होंने कहा था, “(वोटर जोड़ने और घटाने का) बहुत बड़े स्केल पर स्कैम चल रहा है। बहुत बड़ा फ्रॉड चल रहा है। पिछले 15 दिनों में 13000 नए वोटरों का नाम जोड़ने के लिए आवेदन आए हैं। ये लोग अचानक कहाँ से आ गए? जाहिर है ये यूपी-बिहार से ला-ला कर… यूपी और आसपास के स्टेट से ला-ला कर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग (भाजपा)।”

अरविंद केजरीवाल का जैसे ही यह बयान भाजपा ने पूर्वांचल के लोगों का अपमान बताकर उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। अब केजरीवाल पूर्वांचलियों के लिए बिजली-पानी और फ्री बस सेवा जैसी रेवड़ी दिखाकर लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि, पूर्वांचल के लोगों के प्रति उनका रवैया कैसा है, यह कोरोना काल में दिख चुका है। उनकी नाकामी और पूर्वांचलियों के प्रति दुराग्रह के कारण लाखों लोग दिल्ली से अपने घरों तक पैदल जाने के लिए विवश हो गए थे। कई लोगों की मौत हो गई थी। उनकी नजरअंदाजगी के कारण छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं को लेकर सड़क मार्ग से पैदल ही घर की ओर निकल पड़े थे। उस समय भी केजरीवाल ने अपनी गलती मानने के बजाय इसका सारा दोष केंद्र की मोदी सरकार पर मढ़ने की कोशिश की थी।

पहले भी पूर्वांचलियों का अपमान कर चुके हैं केजरीवाल

दरअसल, साल 2020 में दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे थे। केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से अपने यहाँ के लोगों का ध्यान रखने के लिए कहा था और यह भी कहा था कि केंद्र की सरकार की ओर से जरूरत पड़ने पर उन्हें हर तरह की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बावजूद तत्कालीन केजरीवाल सरकार ने बाहर से आए लोगों को उनके हाल पर ही नहीं छोड़ा, बल्कि अफवाह उड़ाकर उन्हें मौत के मुँह में धकेल दिया था। तब दिल्ली सरकार ने आधी रात को यह कहकर पूर्वांचल के लोगों को उनके राज्य के गृह शहर तक के लिए स्पेशल ट्रेन आनंद विहार स्टेशन से जा रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें छोड़ने के लिए DTC की बसें भी रवाना की जा रही हैं। उनके अफवाह में आकर रात को लाखों लोग सड़कों पर परिवार और सामना सहित निकल पड़े और आनंद विहार की ओर कूच कर गए।

इसका परिणाम ये हुआ कि लॉकडाउन होने के बावजूद दिल्ली के कोने-कोने निकल कर पूर्वांचली आनंद विहार की ओर बढ़ चले। हर जगह सड़कों पर सिर्फ हुजूम ही दिख रहा था। लोग बाहर आए तो किसी तरह का कोई प्रबंध नहीं था। उत्तर प्रदेश की सीमा पर लाखों लोग जमा हो गए। आखिरकार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हर तरह से व्यवस्था करके उन मजदूरों और नौकरीपेशा वाले लोगों को उनके घरों तक पहुँचाया। इस तरह अरविंद केजरीवाल की सरकार ने खुद पर दबाव को कम करने के लिए पूर्वांचल के लोगों को दिल्ली से बाहर निकाल फेंका। इस भीड़-भाड़ के कारण बड़े पैमाने पर कोरोना का फैलाव हुआ और कई लोग मौत के मुँह में भी समा गए। इसके बावजूद दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपनी गलती नहीं मानी। इसका सारा दोष केंद्र की मोदी सरकार को देती रही। तब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अरविंद केजरीवाल को मानवताद्रोही कहा था। यही आम आदमी पार्टी का पूर्वांचल प्रेम है।

इतना ही नहीं, 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 1 अक्टूबर 2019 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग 500 रुपए का टिकट कटाकर दिल्ली आ जाते हैं और 5 लाख रुपए तक का फ्री इलाज करवाकर चले जाते हैं। इस बयान पर भी तब काफी बवाल मचा था। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल को पूर्वांचल विरोधी बताया था। अब अरविंद केजरीवाल ने वही रूख अपनाया है। उन्होंने एक बार फिर से पूर्वांचल के लोगों को फर्जी कहा है। अरविंद केजरीवाल को पूर्वांचल के लोगों से इतनी घृणा है कि वो उन्हें बिजली-पानी की बिल में छूट का लॉलीपॉप देकर उन्हें चुनावों में फिर से लुभाना चाह रहे हैं।

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