कहीं उतरवाए कपड़े, कहीं पथराव और गोली, तिरंगा यात्रा पर हमले की कई वारदातें…चंदन गुप्ता आखिरी नहीं!

तिरंगा यात्रा चंदन गुप्ता

तिरंगा यात्रा पर हमले की कई वारदातें...चंदन गुप्ता आखिरी नहीं! (HT, DG)

देश में रहने वाली एक कौम को भारत माता की जय के नारे से लेकर, वंदे मातरम बोलने और देश के तिरंगे झंडे से नफरत है। तिरंगा यात्रा में होने वाली पत्थरबाजी, गोलीबारी और हत्या की घटनाएं चीख-चीख कर इस बात की गवाही देती हैं। साल 2018 में उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में हाल ही में कोर्ट ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

हालांकि अब सवाल यह है कि क्या दोषियों को सजा होने के बाद ‘शांति पसंद’ कौम तिरंगा का विरोध करना बंद कर देगी? इसका उत्तर शायद ‘ना’ है। इससे पहले भी कट्टरपंथियों को तमाम मामलों में सजा मिल चुकी है। लेकिन कट्टरपंथी हैं कि मानते नहीं। बीते कुछ सालों में चंदन गुप्ता की हत्या के साथ ही तिरंगा यात्रा का विरोध करने से लेकर हिंसा तक की कई घटनाएं सामने आई हैं।

1.) कांग्रेस नेताओं ने उतरवाई छात्रों की टी-शर्ट:

15 अगस्त, 2024 को देश 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह मना रहा था। देशभर में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही थीं। हालांकि गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के सांगानी गांव में तिरंगा यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं ने तिरंगा यात्रा छात्रों को रोका और उनकी भगवा रंग की टी-शर्ट उतरवादी थी। टी-शर्ट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर की फोटो थी। इस घटना के वीडियो सामने आने के बाद आरोपित कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई थी।

2.) DMK सरकार ने रोकी तिरंगा यात्रा:

अगस्त 2024 में तमिलनाडु में सत्ताधारी DMK ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भाजपा द्वारा निकाली जा रही तिरंगा यात्रा पर रोक लगाने की पूरी कोशिश की थी। हालांकि कोर्ट के आगे DMK को घुटने टेकने पड़ गए थे। दरअसल, तमिलनाडु पुलिस का कहना था कि तिरंगा यात्रा से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि इसके बाद भाजपा नेता हाई कोर्ट पहुंच गए थे। जहां कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को फटकार लगाते हुए तिरंगा यात्रा की अनुमति ने दी थी।

3.) तिरंगा यात्रा के बाद हिंदू युवक पर मुस्लिमों का हमला:

गुजरात के आणंद जिले में तिरंगा यात्रा के बाद हिंदू युवक को निशाना बनाकर मुस्लिमों ने पिटाई कर दी थी। पीड़ित हिंदू युवक का कहना था कि तिरंगा यात्रा के दौरान वह भगवा झण्डा लहरा रहा था। इससे कट्टरपंथी मुस्लिम भड़क गए थे। बाद में जब वह घर लौट रहा था तो 3 मुस्लिम युवकों ने घेरकर क्रिकेट बैट से उसकी पिटाई कर दी थी।

4.) तिरंगा यात्रा में पत्थरबाजी और तिरंगा फाड़ने का आरोप:

हरियाणा के करनाल जिले में 15 अगस्त 2023 को तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। यात्रा जब गढ़ी भरल गांव के पास पहुंची तो लोगों ने इसका विरोध किया। यात्रा निकाल रहे लोगों ने दूसरे पक्ष पर पत्थरबाजी करने और तिरंगा फाड़ने का आरोप लगाया था। घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत भी की थी।

5.) खालिस्तानी आतंकियों ने छात्रों पर किया हमला:

तिरंगा का विरोध करने वालों में खालिस्तानी आतंकी भी शामिल हैं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी अक्सर भारत विरोधी बयानबाजी करते रहे हैं। इस दौरान तिरंगे के अपमान के वीडियो भी सामने आते हैं। जनवरी 2023 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में तिरंगा यात्रा निकाल रहे भारतीय छात्रों और अन्य लोगों पर खालिस्तानी आतंकियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में 5 लोग घायल हुए थे।

6.) तिरंगा यात्रा निकालने पर मुस्लिमों ने चलाई महिला पर गोली:

अगस्त 2022 में उत्तर प्रदेश के हरदोई में तिरंगा यात्रा निकालने के चलते घर में घुसकर महिलाओं से छेड़छाड़ करने, जान से मारने की धमकी देने और महिला पर गोली चलाने का मामला सामने आया था। पीड़ित परिवार का कहना था कि उनका बेटा तिरंगा यात्रा की अगुवाई कर रहा था। कट्टरपंथी मुस्लिम इससे नाराज थे।

ऐसे में, घर में घुसकर पहले तो गाली-गलौच की फिर लड़कियों से छेड़छाड़ करने लगे। इसके बाद विरोध करने पर महिला के सीने से तमंचा सटाकर गोली चला दी थी। कारतूस मिस होने से महिला बच गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरिफ़, जुबैर, शमशाद, मारुफ़ समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।

7.) कट्टरपंथियों ने की इमाम की पिटाई:

उत्तर प्रदेश के बदायूं में 15 अगस्त 2022 को मदरसा संचालक इमाम ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। इमाम के तिरंगा यात्रा निकालने पर मुस्लिम भड़क गए। साथ ही इमाम की पिटाई कर मदरसे पर पथराव कर दिया। बाद में इमाम ने पुलिस को इसकी शिकायत दी थी।

8.) तिरंगा यात्रा निकालने पर AMU ने छात्रों को भेजा नोटिस:

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों ने गणतंत्र दिवस से पहले जनवरी 2019 में तिरंगा यात्रा निकाली थी। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो छात्रों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया था। इसके बाद छात्रों ने खून से खत लिखकर राष्ट्रपति को भेजा था। छात्रों का कहना था कि पत्थरबाजों के समर्थन में रैली निकालने पर एएमयू प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता और देशभक्ति को दबाने का प्रयास करता रहता है। एएमयू छात्र नेता सोनवीर ने कहा था, “हम जिस भूमि पर रहते हैं, वह पवित्र भूमि भारत भूमि है और उसका जयघोष करना भी हमारा कर्तव्य है।”

इन सभी घटनाओं को देखें तो समझ आता है कि चंदन गुप्ता तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा का आखिरी ‘शिकार’ नहीं हैं, बल्कि देश में कट्टरपंथियों के हमले का हर साल कई चंदन गुप्ता शिकार बन रहे हैं। इनमें से कुछ मामले सामने आ जाते हैं और कुछ दब कर रह जाते हैं।

 

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