ये महाकुंभ है, तुम्हारी क्लिकबेट पत्रकारिता नहीं… You Tubers, सनातन की साधना है महाकुंभ, रीच के लिए कहीं और जाओ

कब तक होता रहेगा साधु-संतों का अपमान?

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रयागराज की पावन नगरी में पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर महाकुंभ मेले की भव्य शुरुआत हो चुकी है। 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में अब तक करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर अपनी आस्था प्रकट कर चुके हैं। इस बार का महाकुंभ इसलिए भी खास है क्योंकि 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसने इसे और भी शुभ बना दिया है। लेकिन जहां एक ओर श्रद्धालु अपने पवित्र कर्म में लीन हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ तथाकथित You Tubers और सोशल मीडिया Influencers सनातन संस्कृति के इस अनमोल आयोजन को अपनी ‘वायरल कंटेंट’ की भूख का शिकार बना रहे हैं। साधु-संत, जो वर्षों की तपस्या और कठिन साधना के माध्यम से धर्म की सेवा में जुटे हैं, उनकी साधना में खलल डालकर ये लोग सस्ती लोकप्रियता पाने में लगे हुए हैं।

यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। साधु-संतों को तमाशा समझने वालों को यह समझना होगा कि महाकुंभ व्यूज और लाइक्स का मंच नहीं, बल्कि अध्यात्म की गहराई में उतरने का अवसर है। ऐसे लोगों की हरकतें न केवल साधुओं का अपमान हैं, बल्कि हमारी सनातन परंपरा का भी उपहास उड़ाने के बराबर हैं।

रीच की भूख में कब तक होता रहेगा साधु-संतों का अपमान?

संगम तट पर इन दिनों साधु-संतों का एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। महाकुंभ में अलग-अलग अखाड़ों से आए साधु अपने-अपने तरीके से हठयोग की साधना में लीन हैं। कोई एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव की भक्ति में तल्लीन है, तो कोई एक हाथ ऊपर रखकर वर्षों से कठिन तप कर रहा है। ये साधना उनकी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, जो हमारी सनातन परंपरा की गहराई को दर्शाता है।

लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस आध्यात्मिक माहौल में कुछ You Tubers और सोशल मीडिया Influencers अपनी बेहूदा हरकतों से अशांति फैलाने में जुटे हुए हैं। हाल ही में एक घटना का वीडियो सामने आया, जिसमें ‘नाखून बाबा’ से एक YouTuber सवाल-जवाब करने पहुंच गया। शुरुआत में बाबा ने संयम से जवाब दिए, लेकिन जब वही सवाल बार-बार दोहराए गए तो बाबा का गुस्सा फूट पड़ा। बगल में रखा चिमटा उठाकर उन्होंने उस YouTuber की पिटाई कर दी, जिससे घबराकर वह भाग खड़ा हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देखकर लोग हंस रहे हैं, लेकिन यह घटना हंसी से कहीं ज्यादा सोचने का विषय है।

एक और वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक YouTuber बाबा से सवाल पूंछते हुए उनके शरीर की और कॉलर माइक लागें के लिए बढ़ता है. बाबा इससे गुस्से में आ जाते हैं और मोर पंख का झाड़ू से मारने के लिए दौड़ा लेते हैं।

इन घटनाओं से यह साफ होता है कि कुछ लोग महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को अपनी ‘वायरल’ वीडियो की भूख मिटाने का साधन मान बैठे हैं। साधु-संत जो कठिन तप में लीन हैं, उनके ध्यान और साधना को बाधित करना न केवल अशिष्टता है, बल्कि यह हमारी सनातन संस्कृति का अपमान भी है। महाकुंभ कोई तमाशा नहीं, यह एक धार्मिक आयोजन है, जहां साधु-संतों के तप और भक्ति को सम्मान देने की आवश्यकता है, न कि उन्हें सस्ती लोकप्रियता के लिए मजाक का पात्र बनाने की।

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