राहुल गांधी का शीशमहल पर प्रहार, रॉबर्ड वाड्रा को जेल भेजना चाहते हैं केजरीवाल: दिल्ली में भिड़े कांग्रेस-AAP, भाजपा की बल्ले-बल्ले

कांग्रेस-आप की लड़ाई में बीजेपी की बल्ले-बल्ले?

Arvind Kejriwal Vs Rahul Gandhi

Arvind Kejriwal Vs Rahul Gandhi

बचपन से आप सभी ने वो कहानी सुनी होगी जिसमें दो बंदर एक रोटी के लिए लड़ते हैं और अंत में दोनों को ही कुछ नहीं मिलता—बल्कि रोटी बिल्ली का निवाला बन जाती है। अब वही कहानी 2025 के दिल्ली चुनावी मंच पर दोहराई जा रही है। कल तक एक-दूसरे के नाम की फतिहा पढ़ने वाले अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) और राहुल गांधी(Rahul Gandhi) अब एक-दूसरे की बखिया उधेड़ रहे हैं। गठबंधन की मिठास खत्म हो चुकी है, और अब बस जहरीले तीर चल रहे हैं। सवाल ये है—क्या इस आपसी लड़ाई में बीजेपी मज़े से बाज़ी मार ले जाएगी?

अरविन्द केजरीवाल बनाम राहुल गाँधी

कभी एक-दूसरे के हितैषी दिखने वाले राहुल गांधी(Rahul Gandhi) और अरविंद केजरीवाल अब खुलकर एक-दूसरे की सियासी कब्र खोदने में लगे हैं। मंगलवार को एक चुनावी रैली के सम्बोधन के दौरान राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) को उनके तथाकथित “स्वच्छ राजनीति” के ढोंग पर घेरा और दिल्ली में हुए शराब घोटाले को लेकर हमला बोला। उन्होंने AAP को भ्रष्टाचार का गढ़ बताते हुए कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को शराब माफिया के हाथों बेच दिया और खुद “शीश महल” में बैठकर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं।

इतना ही नहीं, राहुल ने मनीष सिसोदिया को भी घेरते हुए उन्हें “शराब घोटाले का आर्किटेक्ट” बताया और जनता से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल चौधरी के समर्थन की अपील की। मगर, क्या कांग्रेस यह भूल रही है कि घोटालों की जननी वही खुद है? नेशनल हेराल्ड से लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स और 2G घोटाले तक, कांग्रेस का नाम भ्रष्टाचार की किताब में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।

AAP बनाम कांग्रेस: जनता को मूर्ख समझने का खेल 

राहुल गांधी के हमले के बाद केजरीवाल भी कहाँ चुप बैठने वाले थे? उन्होंने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस की चिंदियां उधेड़नी शुरू कर दीं। एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने राहुल गांधी और उनके परिवार पर हमला बोलते हुए लिखा—

“मोदी जी तो शराब घोटाले जैसा फ़र्ज़ी केस बनाकर भी लोगों को जेल में डाल देते हैं। आप और आपका परिवार नेशनल हेराल्ड जैसे ओपन एंड शट केस में अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुए? रॉबर्ट वाड्रा को बीजेपी से क्लीन चिट कैसे मिल गई? डर और बहादुरी पर ज्ञान ना ही दें तो अच्छा है। देश जानता है कौन कायर है और कौन बहादुर।”

यानी कांग्रेस और AAP, दोनों ही अपने-अपने गुनाहों को छिपाने के लिए एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। एक तरफ राहुल गांधी हैं, जिनकी खुद की पार्टी 70 साल के भ्रष्टाचार की प्रतीक बन चुकी है, और दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने “ईमानदार राजनीति” का नारा देकर दिल्ली को घोटालों का हब बना दिया।

बीजेपी को मिलेगा इस घमासान का फायदा?

दिल्ली चुनाव 2025 में जो सियासी ड्रामा चल रहा है, वह किसी पुराने किस्से से कम नहीं। एक समय तक जो राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल एक-दूसरे के साथी दिखते थे, आज वही एक-दूसरे की सियासी कब्रें खोदने में लगे हैं। राजनीति के ये दांव-पेच जनता के सामने खुलकर आ चुके हैं। कांग्रेस और आप, दोनों ही पार्टियां इस समय अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए लड़ रही हैं, लेकिन इस टकराव का असली फायदा किसे मिलेगा, यही बड़ा सवाल है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सफलता का सबसे बड़ा कारण अब तक मुस्लिम वोटों का एकतरफा समर्थन रहा है। कांग्रेस के कमजोर पड़ने से केजरीवाल को खुला मैदान मिला, लेकिन अब राहुल गांधी उसी वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस का पूरा प्रचार मुस्लिम बहुल इलाकों में केंद्रित है, ताकि AAP के वोटबैंक को कमजोर किया जा सके। दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल ने समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से समर्थन मांगकर मुस्लिम वोटों को एकजुट रखने की रणनीति बना ली है। उनका मकसद सिर्फ इतना है कि यह वोट कहीं बंट न जाएं।

लेकिन असली तस्वीर कुछ और कहती है। एक तरफ जहां AAP और कांग्रेस मुस्लिम वोटों को लुभाने में जुटी हैं, वहीं बीजेपी के लिए यह लड़ाई एक सुनहरे मौके की तरह उभर रही है। हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना इस बार पहले से कहीं ज्यादा मजबूत दिख रही है। बीजेपी लंबे समय से दिल्ली की सत्ता से दूर रही है, लेकिन इस बार समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। अगर AAP और कांग्रेस की यह लड़ाई यूं ही जारी रही और वोटों का बंटवारा हुआ, तो हो सकता है कि दिल्ली की राजनीति का रुख पूरी तरह बदल जाए।

 

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