दिल्ली चुनावों(Delhi Assembly Election) में अब क़रीब दो हफ्तों का ही वक्त बचा है और नामांकन का आखिरी दिन खत्म होने के साथ ही सभी दलों ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है। भले ही इस चुनाव में मुख्य रूप से कांग्रेस, बीजेपी और आम आम आदमी पार्टी अपनी पूरी ताक़त झोंक रही हों, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही माना जा रहा है।
अमित शाह की अगुआई में होगा मंथन
दिल्ली की सत्ता में बीते एक दशक से क़ाबिज़ आम आदमी पार्टी के लिए ये चुनाव पिछले चुनावों जैसा आसान नहीं है, ख़ासकर तब जबकि पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाले के मामले में न सिर्फ ज़मानत पर हैं, बल्कि पार्टी के दूसरे नेता भी अलग अलग मामलों में जेल जा चुके हैं। यही नहीं पार्टी पर जल संकट, पर्यावरण जैसे मुद्दों से निपटने में नाकाम रहने के भी आरोप हैं और अंदरूनी खींचतान भी ज़ाहिर है। ऐसे में बीजेपी दिल्ली के लिहाज़ से इसे(Delhi Assembly Election) बीते 10 वर्षों के सबसे बड़े मौक़े के रूप में देख रही है और इसके लिए पार्टी ने ख़ास रणनीति भी बनाई है। ऐसी ही रणनीति है दिल्ली के अलग अलग वर्ग और क्षेत्र और भाषाई समूहों पर अपनी पकड़ बनाना और उन तक पार्टी का संदेश पहुंचाना।
इसके लिए आज(17-01-2025) पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक बड़ी बैठक बुलाई गई है। शाम 7 बजे होने वाली इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर के ऐसे नेताओं को बुलाया गया है, जिनकी अपने वर्ग-समुदाय के बीच अच्छी पकड़ है।
दरअसल दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में पूर्वांचली, पहाड़ी, पंजाबी, जाट और पूर्वांचली मतदाताओं के साथ-साथ बाग्लाभाषी और दक्षिण भारतीय मतदाताओं की भी अच्छी संख्या है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की रणनीति है कि इन सभी वर्ग के मतदाताओं के बीच पकड़ रखने वाले नेताओं को उनके बीच भेजा जाए। जैसे बांग्लाभाषी मतदाताओं के बीच मज़बूत पकड़ रखने वाले नेताओं को उनके बीच, तो वहीं जाट और पूर्वांचली समाज के बीच पहचान रखने वाले नेताओं को उनके बीच पार्टी के प्रति समर्थन सुनिश्चित करने के लिए भेजा जाए। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के मुकाबले के लिए स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया है और मतदाताओं की भाषाई, क्षेत्रीय पहचान भी इस रणनीति का हिस्सा है।
ये रणनीति टिकट बंटवारे में भी स्पष्ट रूप से नज़र आई, जहां हर समुदाय और वर्ग को प्रतिनिधित्व देने और उन्हें समायोजित करने का प्रयास किया गया। अब पार्टी इसे नए स्तर पर ले जाने के प्रयास में है, जहां आने वाले दिनों में पार्टी के अधिकांश बड़े नेता राजधानी दिल्ली में प्रचार करते नज़र आएंगे और इसमें उनकी पहचान का भी पूरा इस्तेमाल करने का प्रयास होगा।