दिल्ली में 5 फ़रवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार ने रफ़्तार पकड़ ली है और राजनीतिक दल दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी पर्दे के पीछे से दिल्ली की चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इन चुनावों के मद्देनज़र दो-दो सह सरकार्यवाह (अरुण कुमार और आलोक कुमार) भी मैदान में उतर गए हैं और देर रात तक RSS की बैठकें चल रही हैं। बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी और RSS विधानसभा चुनावों में इस मूमेंटम को बनाए रखना चाहता है। मज़बूत संगठन और ज़मीनी काम करने के लंबे अनुभव के साथ RSS इन चुनावों में पूरी ताकत के साथ बीजेपी को करीब 25 साल बाद फिर से सत्ता में वापस लाने में जुटा है।
सभी विधानसभाओं पर RSS के प्रभारी
दिल्ली चुनाव के लिए RSS ने सभी 70 विधानसभाओं पर अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। RSS के ये प्रभारी स्थानीय मुद्दों, चुनावी रणनीतियों और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बनाने में मदद करेंगे। इन सभी प्रभारियों की अरुण कुमार और आलोक कुमार के साथ-साथ प्रांत प्रचारक व प्रांत के अन्य पदाधिकारियों की बैठकें चल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, 3 दिनों से अलग-अलग विधानसभा के प्रभारियों की बैठकें RSS के झंडेवालान कार्यालय पर चल रही हैं और ये बैठकें देर रात 1-1 बजे तक की जा रही हैं। RSS द्वारा बनाए गए प्रभारी ना केवल चुनावी प्रचार की निगरानी करेंगे बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि RSS की नीतियां और संदेश सही तरीके से जनता तक पहुंच सकें।
रूठों को मनाने का लक्ष्य
RSS ने चुनावी प्रबंधन के साथ-साथ अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा है। RSS की बैठकों को लेकर सूत्रों ने बताया कि इन बैठकों में संघ ने ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं की सूची मांगी है जो किन्हीं वजहों के चलते पार्टी से नाराज़ हो गए हैं। माना जा रहा है कि इन कार्यकर्ताओं और नेताओं को मनाने और फिर से पार्टी के साथ जोड़ने के लिए RSS द्वारा सक्रियता से काम किया जाएगा। इन बैठकों में ज़मीनी स्तर पर चुनावी रणनीति बनाए जाने का काम किया जा रहा है और चुनाव के दिन हर घर से लोग वोट डालने किस तरह निकलें इसकी चर्चा की जा रही है। RSS के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करेंगे और उनसे मतदान करने की अपील की जाएगी।
BJP की सत्ता में वापसी की तैयारी
करीब 25 वर्षों से दिल्ली की सत्ता से दूर बीजेपी इन चुनावों में पूरी ताकत से जुटी हुई है। दिल्ली बीजेपी के नेताओं के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गुरुवार (23 जनवरी) से चुनावी मैदान में उतर गए हैं और जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियां शुरू कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP की भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बनी छवि से बीजेपी नेताओं को लग रहा है कि इस बार लोगों के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को लेकर पहले जैसा उत्साह नहीं है। इस बार बीजेपी सत्ता में वापसी का मौका नज़र आ रहा है और बीजेपी ने अपने चुनावी वादों में भी AAP की काट करने की कोशिश की है।