हिंदुओं का बार-बार अपमान करने वाली राना अय्यूब पर कोर्ट का सख्त प्रहार, FIR दर्ज करने का दिया आदेश

Delhi court orders registration of FIR against journalist Rana Ayyub

Delhi court orders registration of FIR against journalist Rana Ayyub

बार-बार हिंदू भगवानों का अपमान करने और भारतीय सेना को अपमानित करने वाली पत्रकार राना अय्यूब पर दिल्ली कोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह फैसला उस शिकायत के आधार पर लिया गया है जिसमें एक वकील ने राना अय्यूब पर सोशल मीडिया के जरिए “भारत विरोधी भावना फैलाने” और “हिंदू देवताओं का अपमान करने” का आरोप लगाया था।

साकेत कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह ने 25 जनवरी को दिए अपने आदेश में कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, शिकायत में संज्ञेय अपराधों का खुलासा होता है, जिसके लिए एफआईआर दर्ज किया जाना आवश्यक है। सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत आवेदन को मंजूरी दी जाती है। साइबर पुलिस स्टेशन, दक्षिण के एसएचओ को शिकायत की सामग्री को एफआईआर में परिवर्तित करने और निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया जाता है।”

कोर्ट के आदेश के बाद अधिवक्ता अमित सचदेवा 

अधिवक्ता अमित सचदेवा पिछले दो महीने से राना अय्यूब के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थीं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। इसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया। अब सुनवाई के बाद कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने साइबर थाने में राना अय्यूब के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने अपने X पर पोस्ट किया:

“भगवान श्री कृष्ण जी के आशीर्वाद से, 25 जनवरी 2025 को साकेत कोर्ट, नई दिल्ली के माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। उन पर हिंदू देवताओं का अपमान करने, भारत विरोधी भावना फैलाने और धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप था।

Advocate Amita Sachdeva

दिल्ली पुलिस ने माननीय कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 27 जनवरी 2025 को साइबर पुलिस स्टेशन दक्षिण, नई दिल्ली में आईपीसी की धारा 505, 295A और 153A के तहत एफआईआर संख्या 0003/2025 दर्ज की है।

मैं माननीय न्यायाधीश का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस गंभीर मामले को गंभीरता से लिया और न्याय सुनिश्चित किया। यह एक स्पष्ट संदेश है कि जो समाज में दुर्भावना फैलाने का प्रयास करेंगे, उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी।

मेरे दिल से धन्यवाद वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मकरंद आडकर जी को, जिनकी तर्कपूर्ण बहस न्याय की आवाज बनकर गूंज रही थी, जैसे वह भगवान श्री कृष्ण से सीधे आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हों।”

हिंदुओं को निशाना बनाने का इतिहास

राना अय्यूब का नाम अक्सर विवादों में आता है, और यह कोई नई बात नहीं है। उनका इतिहास हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने और धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिशों से भरा हुआ है। यह पहली बार नहीं है जब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले भी कई बार उनके खिलाफ आरोप लगाए जा चुके हैं। राना अय्यूब उन पत्रकारों में से हैं जो बिना किसी संकोच के हिंदू धर्म और उसके प्रतीकों का मजाक उड़ाती हैं और समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश करती हैं।

जनवरी 2024 में, जब पूरा भारत भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन का जश्न मना रहा था और अयोध्या की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा था, उसी समय राना अय्यूब ने एक लेख में राम मंदिर के उद्घाटन पर विवाद खड़ा करने की कोशिश की। उन्होंने ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में लिखा, “भारत के प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का उद्घाटन किया, जो एक गिराई गई मस्जिद की जगह पर बना है, वही सप्ताह जब भारतीय तिरंगा देशभर में गर्व से लहराता है, तब भगवा ध्वज ने देशभर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।”

Rana Ayyub On Ram Mandir

यह अकेला मामला नहीं है। 2013 और 2014 में भी राना अय्यूब ने भगवान राम और माता सीता के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट किए थे। लेकिन इसका सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि राना अय्यूब को भारतीय सेना से भी दिक्कत है। उन्होंने अपने X पर लिखा, “क्या मैं देशद्रोही हूं अगर मैं पाकिस्तानी सैनिकों के भारतीय सेना द्वारा मारे जाने की बात करती हूं? जब देशभक्ति तथ्यों को छुपाने का काम करती है!”

 

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