5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के सत्ता से विदाई और बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव के बाद ढाका का रुख पाकिस्तान की तरफ अचानक और तेजी से बढ़ा है। 14 जनवरी 2025 को बांग्लादेश के लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन ने रावलपिंडी का दौरा किया, जहां पाकिस्तान ने उन्हें गर्मजोशी से स्वागत किया। एक मेज पर जिन्ना की तस्वीर और दोनों देशों के झंडे रखे गए, जैसे यह दोनों देशों का गठबंधन हो। अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने ढाका दौरा किया है।
यह बढ़ती नजदीकी और बांग्लादेश में लगातार इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाए जाने से भारत के लिए लगातार खतरे की घंटी बज रही है। इस दौरे के सिर्फ एक दिन पहले, कुछ कट्टरपंथियों ने कथित तौर पर काशियानी, गोपालगंज में दो मंदिरों को आग के हवाले कर दिया। यह हमला मंगलवार की सुबह, तैरेल नॉर्थपारा गांव में हुआ था। ऐसे में यह मुलाकात और हिन्दुओं के खिलाफ बढ़ती घटनाएँ बांग्लादेश को भारत के लिए एक और गंभीर खतरे के रूप में पेश कर रही हैं, जो साफ तौर पर भारत के हितों और सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बन सकती हैं।
रक्षा समझौते की अटकलें
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल आसिफ मलिक, बुधवार को ढाका पहुंचे, जहां उनका स्वागत बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने किया। यह पाकिस्तान के किसी शीर्ष खुफिया अधिकारी का दशकों बाद ढाका दौरा था, और इसके कई संभावित मतलब लगाए जा रहे हैं।
इससे पहले, 14 जनवरी 2025 को बांग्लादेश के एक उच्च सैन्य अधिकारी, जनरल एसएम कमरुल हसन, पाकिस्तान दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी। इसके बाद से यह चर्चा का विषय बन गया है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच कुछ महत्वपूर्ण रक्षा समझौते हो सकते हैं। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि ये बढ़ती नजदीकियों भारत के लिए एक नया रणनीतिक खतरा बन सकती है। हालांकि पाकिस्तान के ही पूर्व राजदूत अशरफ कुरैशी की मानें तो पकिस्तान-बांग्लादेश की नजदीकियां जर्रोर बढ़ रही हैं लेकिन वे भारत विरोधी रुख नहीं अपनाएंगे।
भारत के लिए बढ़ता खतरा
भारत के लिए बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां निश्चित रूप से एक गंभीर चिंता का कारण बन सकती हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इतिहास को देखते हुए, यह संभव है कि वह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों का उपयोग भारत के खिलाफ खुफिया गतिविधियों को बढ़ाने के लिए करे। यह सहयोग भारत की सीमाओं पर निगरानी और सुरक्षा की स्थिति को और जटिल बना सकता है, खासकर जब भारत और बांग्लादेश की सीमा सबसे लंबी है।
हालात इस समय ऐसे हैं कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण हो चुके हैं। साथ ही, बांग्लादेश की सरकार में कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं जो भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। बांग्लादेश ने हाल ही में कट्टरपंथी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के कई नेताओं को जेल से रिहा किया है, जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान इन तत्वों को और प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे भारत के लिए यह खतरा और बढ़ सकता है। JMB पहले भी भारत में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, और यह स्थिति अभी और ज्यादा चिंताजनक हो सकती है।