ग्राउंड रिपोर्ट: मुस्तैद प्रशासन, रात भर चलता बुलडोजर; महाकुंभ में आगजनी के बाद कैसे खड़ा हो रहा गीता प्रेस?

आगजनी में गीता प्रेस के 170 कॉटेज जलकर खाक हो गए लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी की चलते कोई जनहानि नहीं हुई है

गीता प्रेस के कैंप में लगी आग (बाएं) देर रात में चलता बुलडोजर (दाएं)

गीता प्रेस के कैंप में लगी आग (बाएं) देर रात में चलता बुलडोजर (दाएं)

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में गीता प्रेस के कैंप में लगी आग के बाद अगले ही दिन एक और जगह आग लगने का मामला सामने आया है। आस्था के इस महाकुंभ में जहां करोड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग टेंटों में रह रहे हैं ऐसे में आगजनी की घटनाएं बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। हालांकि, दोनों ही घटनाओं में प्रशासन की मुस्तैदी के चलते कोई जनहानि नहीं हुई है और कुछ ही समय में दोनों बार फायर ब्रिगेड की टीमों ने आग पर काबू पा लिया था।

गीता प्रेस के 170 कॉटेज जले

महाकुंभ में गीता प्रेस के कैंप में रविवार शाम 4 बजे आग लगी थी, इस भीषण आगजनी में गीता प्रेस के 170 कॉटेज जलकर खाक हो गए लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी की चलते कोई जनहानि नहीं हुई है। घटना के जानकारी मिलने के बाद करीब एक दर्जन दमकल की गाड़िया मौके पर पहुंच गई थी और इसमें 500 लोगों को बचाया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस आगजनी में एक साधु के करीब 1 लाख रुपए भी जलकर राख हो गए हैं। कुंभ के मेले को लेकर सरकार की मुस्तैदी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि घटना के कुछ ही देर बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंभ में पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया और इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घटना की जानकारी ली।

‘बाहर से आई चिंगारी’

आगजनी की इस घटना को लेकर तरह-तरह की थ्योरियां दी जा रही हैं। कुछ लोग इसे कैंप के अंदर से लगी आग बता रहे हैं जबकि कुछ जगहों पर इसे किसी बाहरी तत्व का काम बताया गया है। घटना के बाद इस कैंप में कई सिलिंडर भी ब्लास्ट हुए थे जिसके चलते आग का रूप और भी विकराल हो गया था। TFI के संवाददाता राहुल पांडे ने इस घटना को लेकर गीता प्रेस के ट्रस्टी और कुंभ में इस कैंप का संचालन देख रहे कृष्ण कुमार खेमका से बातचीत की है।

खेमका ने बातचीत के दौरान बताया कि बाहर से आई चिंगारी के चलते यह आग लगी थी। उन्होंने कहा, “शाम को अचानक हमारे टेंट की बाउंड्री वाल के बाहर से चिंगारी आई थी। ऐसा लगता है कि बाहर जो पंडों को टेंट दिया गया है उसमें कोई भोजन बना रहा होगा और उन्होंने ध्यान नहीं दिया तो चिंगारी हमारी कुटिया पर आकर गिर गई।” भगवान और संतों की कृपा है कि इस अग्निपरीक्षा में कोई हताहत नहीं हुआ है।

तेज़ी से चल रहा पुनर्वास का काम

घटना के कुछ ही समय बाद महाकुंभ में पहुंचे सीएम योगी ने अब फिर से कैंप के निर्माण के आदेश दिए हैं और युद्ध स्तर पर इसका काम भी चल रहा है। खेमका ने कहा, “सीएम योगी ने मेला अधिकारी को जल्द से जल्द गीता प्रेस के पुनर्वास का आदेश दिया है।” उन्होंने कहा, “प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है, सारे अधिकारी आए हुए हैं और साफ-सफाई का काम चल रहा है। प्रशासन पूरी तरह हमारा सहयोग कर रहा है।” सरकार कुंभ के दौरान किसी भी काम में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है इसलिए देर रात तक भी गीता प्रेस के कैंप को तैयार करने के लिए बुलडोजर चलाया जा रहा है। जल्द ही इस काम को पूरा होने की उम्मीद है।

फायर ब्रिगेड की तैयारी भी पूरी

कुंभ जैसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर भीड़ के नियंत्रण के साथ-साथ किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें तैयार हैं। कुंभ क्षेत्र में जगह-जगह पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी खड़ी हैं। दमकल ने नई तरह की गाड़ियां भी तैयार की हैं जो कम स्पेस होने पर भी आराम से घटनास्थल तक पहुंच सकती हैं। साथ ही, कुंभ में रास्ते छोटे होने के चलते ऐसी व्यवस्था तक की गई है कि आगजनी के मामले में बाइक से ही त्वरित गति से राहत पहुंचाई जा सके। पुलिस और दमकल विभाग ने बाइकों पर ही अग्निशामक यंत्र रख दिए हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र को फायर फ्री बनाने के लिए प्रशासन ने यहां 50 अग्निशमन केंद्र और 20 फायर पोस्ट बनाए हैं और 2000 से ज्यादा ट्रेंड लोग यहां किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं

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