पाकिस्तान में हिंदुओं की खस्ता हालत, धर्म परिवर्तन और घटती जनसंख्या की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। हालांकि अब यही हाल भारत में भी देखने को मिल रहे हैं। पाकिस्तान सीमा से सटे गुजरात के कई गांवों में एक भी हिंदू परिवार नहीं बचा है। वहीं मुस्लिमों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्थानीय धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने PM मोदी को पत्र लिखकर इसकी सूचना भी दी है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के कच्छ जिले में पाकिस्तान सीमा से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित गांवों में हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही है। रिपोर्ट में पाकिस्तान सीमा के पास स्थित 23 गांवों का जिक्र किया गया है। इसमें से 6 गांव ऐसे हैं, जहां अब एक भी हिंदू नहीं बचा है। वहीं एक गांव में सिर्फ 1 ही हिंदू परिवार शेष है। बाकी के 16 गांवों में हिंदुओं की आबादी बेहद कम बची है।
कच्छ जिले के मोटा दिनारा गांव में रहने वाले मंगलभाई वेलाभाई कहते हैं कि पहले गांव में 500 साल पुराने मंदिर के पास हिंदुओं के 30 घर थे। अब सिर्फ एक ही घर बचा है। बाकी लोग पास के रूद्रमाता और सरसपुर गांव में जाकर रह रहे हैं क्योंकि वहां रोजगार है और मूलभूत सुविधाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि साल 2001 में जब भूकंप आया तो लोगों के घर गिर गए थे। इसके बाद ही लोग पलायन कर यहां से चले गए। अब मंदिर में जब भी कोई कार्यक्रम होता है, वे लोग गांव वापस आते हैं।
बड़ी दिनारा ग्राम पंचायत के सरपंच अमीर हसन का कहना है कि गांव की आबादी 5000 के करीब है और हिंदुओं के 20-25 घर हैं। 2001 में आए भूकंप के बाद अधिकांश हिंदू पलायन कर गए। इसके चलते ही 6 गांवों में अब एक हिंदू नहीं बचा है।
पास में ही स्थित शेह गांव की मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) के अनुसार यहां 160 वोटर हैं। इसमें से सिर्फ 8 वोटर ही हिंदू हैं शेष 152 वोटर मुस्लिम हैं। शेह समेत आसपास के गांवों में 2 दशक पहले तक हिंदुओं की अच्छी खासी आबादी थी।
कच्छ के ही सुठारी गांव में पहले हिंदुओं के 150 परिवार रहते थे। हालांकि अब सिर्फ 60 हिंदू घर बचे हैं। वहीं जैन संप्रदाय के सिर्फ 15 लोग ही यहां रहते हैं। सुठारी की कुल आबादी करीब 3500 है। पास में ही स्थित लखपत और कनेर गांव की बात करें तो यहां भी हिंदुओं की आबादी तेजी से घटी है। 2001 में आए भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर लोग पलायन कर गए। इसके बाद कई लोग सुविधाओं और रोजगार के चलते ही अन्य शहरों व आसपास के गांवों में रह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर हाल ही में कच्छ के 25 से अधिक धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हिंदुओं की घटती आबादी को लेकर सूचित किया था। पत्र में कहा गया था कि कच्छ के सीमावर्ती इलाके में हिंदुओं की आबादी काफी कम हो गई है। कई घरों में ताले लगे हैं और गांव खाली हैं। इसकी वजह से सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। हिंदू शौर्य समिति का आरोप है कि यहां की जमीन पर मुस्लिमों ने कब्जा कर लिया है। इसके कारण आसपास रहने वाले लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। यहां जमीन कब्जाने की कई शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।