बुधवार को इजराइल(Israel) और ग़ज़ा (Gaza) के बीच एक संघर्ष विराम समझौते (Ceasefire Deal) की घोषणा की गई, जिसमें कैदियों की अदला-बदली और मानवीय सहायता की तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित करने का वादा शामिल था। यह समझौता 460 दिनों के लंबे और विनाशकारी संघर्ष के बाद आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा था जिसको किसी पर्व की तरह मनाते हुए ग़ज़ा की जनता सड़कों पर भी उतरी थी। हालांकि, ग़ज़ा के निवासियों और अधिकारियों ने दावा किया कि समझौते की घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर इजराइल ने ग़ज़ा पर अपने हमलों को और तेज़ कर दिया है।
यही नहीं इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार रात अपने बयान में स्थिति को और जटिल बनाते हुए कहा कि हमास के साथ हुआ संघर्ष विराम समझौता अभी पूरी तरह से अंतिम रूप नहीं ले पाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समझौते के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर अब भी चर्चा जारी है। उनका यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि संघर्ष विराम की राह इतनी आसान नहीं होने वाली, और क्षेत्र में शांति स्थापित होने में अभी वक्त लग सकता है।
7 अक्टूबर 2023 से जारी इस युद्ध ने न केवल इजराइल और ग़ज़ा, बल्कि पूरे क्षेत्र में मानवीय संकट को और गहरा किया है। इस युद्ध ने हजारों परिवारों को उजाड़ा और अनगिनत जिंदगियों पर स्थायी असर छोड़ा।
सीज़फायर डील अब भी पूरी नहीं – नेतन्याहू
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ग़ज़ा में संघर्ष विराम के लिए हमास के साथ हुआ समझौता(Ceasefire Deal) अभी भी अंतिम रूप नहीं ले पाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस समझौते के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा जारी है और जब तक ये पूरी तरह तय नहीं हो जाते, वह कोई औपचारिक घोषणा नहीं करेंगे। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने ग़ज़ा में जारी संघर्ष को रोकने के लिए एक बड़ी डील की घोषणा की है।
नेतन्याहू ने बुधवार देर रात कहा, “हम समझौते के अंतिम विवरण पर काम कर रहे हैं। जब यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, तभी इसे लेकर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया दी जाएगी।” उन्होंने इस पर कोई सीधा संकेत नहीं दिया कि वह कतर और अमेरिकी नेतृत्व के इस समझौते को पूरी तरह स्वीकार करेंगे या नहीं।
अमेरिका और कतर द्वारा घोषित इस डील(Ceasefire Deal) को ग़ज़ा(Gaza) में 15 महीने से जारी युद्ध को रोकने के प्रयासों में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इस डील का मकसद न केवल संघर्ष को थामना है, बल्कि बंधकों की सुरक्षित रिहाई और मानवीय सहायता को बढ़ावा देना भी है। हालांकि, ग़ज़ा(Gaza) में जारी तनाव और इजराइल(Israel) की सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए नेतन्याहू का बयान यह संकेत देता है कि समझौते को लेकर इजराइल बेहद सतर्क रुख अपना रहा है।
ग़ज़ा में लंबे समय से जारी यह संघर्ष न केवल पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का कारण बना है, बल्कि वैश्विक स्तर पर विरोध प्रदर्शन और मानवीय संकट को भी बढ़ा रहा है। इजराइल के समर्थकों का मानना है कि नेतन्याहू का सावधानी भरा रवैया देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत है, जो उनकी कूटनीतिक दूरदर्शिता और दृढ़ नेतृत्व को दर्शाता है।
इजराइल-हमास सीज़फायर डील के बारे में हम क्या जानते हैं?
इजराइल(Israel) और हमास के बीच संघर्षविराम और बंधक रिहाई समझौते के बाद, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत की। जसिकी जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज शाम को अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप से बात की और बंधकों की रिहाई में मदद करने और इजराइल को बंधकों और उनके परिवारों की पीड़ा को समाप्त करने में मदद करने के लिए उनका धन्यवाद किया।”
Prime Minister Benjamin Netanyahu spoke this evening with US President-elect Donald Trump and thanked him for his assistance in advancing the release of the hostages and for helping Israel bring an end to the suffering of dozens of hostages and their families. pic.twitter.com/nSkK6Emfk8
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) January 15, 2025
उन्होंने आगे लिखा,”प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि वह हर संभव तरीके से सभी बंधकों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव के इस बयान की सराहना की कि अमेरिका इजराइल के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि ग़ज़ा कभी भी आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना न बने।”
बता दें कि 460 दिनों से ज्यादा समय तक चले विनाशकारी संघर्ष के बाद, इजराइल और हमास के बीच आखिरकार एक सीज़फायर डील पर सहमति बनी है, जिसमें कतर और अमेरिका की अहम भूमिका रही। इस समझौते का उद्देश्य ग़ज़ा में जारी युद्ध को थामना और क्षेत्र में शांति की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाना है। समझौता रविवार से लागू होने की संभावना है, हालांकि कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने बुधवार को कहा कि इस समझौते के लागू होने के कुछ पहलुओं पर अभी भी बातचीत जारी है। इजराइल के अधिकारियों के अनुसार, कुछ अंतिम तकनीकी पहलुओं पर काम किया जा रहा है और इसके लिए गुरुवार को सरकार द्वारा मतदान होने की संभावना है।
फिलहाल इस डील के विवरण, जिसे दोनों पक्षों द्वारा मंजूरी मिलने की खबर है, अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि कुछ अनसुलझे पहलू अभी भी बाकी हैं, जिनके पूरा होने की उम्मीद उन्होंने बुधवार शाम तक जताई। उन्होंने कहा समझौता पूरा होने पर ग़ज़ा में युद्ध रुक जाएगा और बंधकों और कैदियों का आदान-प्रदान होगा।
हमास ने अक्टूबर 2023 में इजराइल पर हमला करते हुए 251 बंधकों को पकड़ लिया था। अभी भी 94 बंधक हिरासत में हैं, हालांकि इजराइल(Israel) का मानना है कि इनमें से केवल 60 जीवित हैं। वहीं इस समझौते के दौरान इजराइल द्वारा लगभग 1,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की उम्मीद है, जिनमें से कुछ वर्षों से जेल में हैं, बदले में बंधकों की रिहाई के लिए।
रिपोर्ट्स की मानें तो समझौते(Ceasefire Deal) का पहला चरण छह हफ्तों तक चलेगा, और इसमें एक सीमित मात्रा में कैदियों का आदान-प्रदान, इजराइली सैनिकों की ग़ज़ा से आंशिक वापसी और ग़ज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति शामिल होगी। यह समझौता न केवल संघर्ष को कम करने का प्रयास है, बल्कि इसके साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण पहल है।