बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर आमरण अनशन को दौरान सोमवार (6 जनवरी) तड़के गिरफ्तार किए गए जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को कोर्ट ने बिना शर्त ज़मानत दे दी है। इससे पहले सोमवार दोपहर को पटना के सिविल कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ 25,000 रुपए के निजी मुचलके पर प्रशांत को ज़मानत दी थी और उन्होंने कोर्ट की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद प्रशांत को 14 दिनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। जन सुराज ने प्रशांत को ज़मानत मिलने के बाद ‘X’ पर लिखा, “प्रशांत किशोर के सत्याग्रह के आगे झुकी व्यवस्था। कोर्ट ने बिना शर्त ज़मानत दी। अनशन जारी रहेगा।”
क्या थीं ज़मानत की शर्तें
सोमवार दोपहर को पटना के सिविल कोर्ट ने 25,000 रुपए के निजी मुचलके पर ज़मानत दी थी। कोर्ट ने ज़मानत देते हुए शर्त रखी थी कि प्रशांत किशोर भविष्य में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे। प्रशांत किशोर के वकील ने इस पर कहा था कि अगर हम यह कर देते हैं तो मान लिया जाएगा कि गलती हमारी ही थी। प्रशांत ने कोर्ट में कहा था कि जो शर्त ज़मानत के लिए लगाई गई हैं उन्हें हाट दिया जाए जिन्हें हटाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया था। प्रशांत ने इसके बाद निजी मुचलके भरने से भी इनकार कर दिया था और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेज दिया गया है।
क्यों अनशन पर हैं प्रशांत किशोर?
13 दिसंबर को BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा हुई थी और पटना के बापू परीक्षा परिसर में अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र लेट मिलने, क्वेश्चन पेपर कटे-फटे मिलने और पेपर की सील टूटी होने के आरोप लगाए थे जिसे लेकर लगातार हंगामा शुरू हुआ था। अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने का दावा कर फिर से पूरी परीक्षा कराए जाने की मांग की थी। छात्रों के आंदोलन के बीच आयोग ने बापू सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द कर फिर से कराने का फैसला लिया लेकिन छात्र पूरी परीक्षा फिर से कराने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन करते रहे। छात्रों के प्रदर्शन के दौरान बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और प्रशांत किशोर समेत विपक्ष के कई नेता भी इन छात्रों के समर्थन में आ गए। प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कई बार लाठीचार्ज किया गया और इसके बाद खान सर समेत कई अन्य लोग भी इनके समर्थन में आए। 29 दिसंबर को गांधी मैदान पर छात्र एक बार फिर जुटे और उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और इसके बाद 2 जनवरी से प्रशांत किशोर गांधी मैदान में धरने पर बैठे थे और वहीं से सोमवार सुबह उनकी गिरफ्तारी हुई थी।