उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिव्य महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था। हालांकि भारी भीड़ में पुलिस की नाकामी के चलते हुई भगदड़ और उसमें हुई मौतों से मेले की साख पर बट्टा लगा है। महाकुंभ से पुलिस की नाकामी और श्रद्धालुओं से अभद्रता करने के कई वीडियो सामने आए हैं। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि पुलिस CM योगी की मेहनत पर पानी फेर रही है।
बेशक पुलिसकर्मी भीषण ठंड झेलते हुए और कई घंटों तक खड़े होकर ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन कुछ पुलिसकर्मी ऐसे हैं जिन्होंने न केवल अपनी वर्दी की धौंस दिखाई बल्कि लोगों को परेशान करने में भी पीछे नहीं रहे। रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार (30 जनवरी, 2025) को पुलिस कर्मियों ने मिलकर एक पत्रकार अमरीश मनीष शुक्ला की पिटाई कर दी। पत्रकार की कोई गलती नहीं थी बल्कि वह अपना काम कर रहा था। काम यह कि सफाई कर्मी झगड़ा कर रहे थे और पत्रकार इस झगड़े को रिकॉर्ड कर रहा था।
पुलिस यहीं नहीं रुकी, पत्रकार को पकड़कर थाने ले गई और उस पर झूठे मुकदमे ठोंक की धमकी दी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने थाने के बाहर एक महिला को भी थप्पड़ जड़ दिया था। इसके अलावा भगदड़ वाली रात को लेकर भी श्रद्धालुओं ने पुलिस पर लाठी चलाने तथा लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस के एक थाना प्रभारी की शर्मनाक हरकत ने भी पूरे विभाग को शर्मसार कर दिया है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए बनाए जा रहे भंडारे में राख मिलाने का घृणित कृत्य सामने आया। TFI मीडिया के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए कि यह घटना सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि 2-3 स्थानों पर की गई थी। ग्रामीणों ने TFI से बात करते हुए बताया कि थाना प्रभारी को बोलेरो में बैठे एक अधिकारी ने आदेश दिया था। अब सवाल यह उठता है कि थाना प्रभारी तो निलंबित कर दिया गया है, लेकिन बोलेरो में बैठे उस आदेश देने वाले अधिकारी का क्या? और यह अधिकारी आखिर था कौन?
ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए कई चौंकाने वाले खुलासे
गुरुवार रात डीसीपी सिटी प्रयागराज ने महाकुंभ (MahaKumbh 2025) में भंडारे में राख मिलाने के आरोप में सोरांव थाना प्रभारी बृजेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया। दरअसल, एक वायरल वीडियो में थाना प्रभारी भंडारे के भोजन में राख डालते हुए नजर आ रहे थे। इस शर्मनाक हरकत के बाद डीसीपी गंगानगर कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि वीडियो के सामने आने के बाद बृजेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है।
हालांकि, हमारी ग्राउंड टीम ने इस मुद्दे की जमीनी पड़ताल की और पाया कि यह घिनौना कृत्य सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं था। इस प्रकार की घटनाएँ 2-3 जगहों पर भी की गई थीं, देखें वीडियो…
भंडारे के लिए भोजन तैयार कर रहे ग्रामीणों को धमकाया गया कि उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।
वीडियो तो सिर्फ एक जगह का आया, कई भंडारों को ऐसे ही भंग किया गया।
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बोलेरो से आदेश दे रहे थे अधिकारी
ग्राउंड पर पहुंची हमारी टीम से बातचीत करते हुए घटनास्थल पर मौजूद एक बुजुर्ग ने बताया कि गांव वाले जाम में फंसे श्रद्धालुओं की मदद के लिए पानी और भोजन का इंतजाम कर रहे थे। अचानक बोलेरो से एक अधिकारी पहुंचे और उन्होंने कहा, ‘यह सब बंद करो।’ इसके बाद थाना प्रभारी ने भंडारे के प्रसाद में राख मिला दी। देखें वीडियो…
खाने के भंडारे में पुलिस वाले ने डाल दिया बालू और राख!
TFI के लिए @STVRahul की ग्राउंड रिपोर्ट – बोलेरो में बैठा एक ‘बड़े अधिकारी’ के निर्देश पर चल रहा था ये सब। श्रद्धालुओं को खिलाने के लिए बेचारे गाँव वाले भंडारे का आयोजन कर रहे थे।
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