शपथग्रहण के साथ ही चीन को झटका देंगे डोनाल्ड ट्रम्प, QUAD की हो सकती है बैठक: भारत में बैठे कुछ तत्वों को भी होगी बौखलाहट

QUAD के सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री वॉशिंगटन डीसी में एक साथ मौजूद होंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि ये सभी एक अनौपचारिक बैठक कर सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प, अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शपथग्रहण के साथ ही चीन को देंगे झटका

विदेश मंत्रालय का बयान उन बयानवीरों और कथित लिबरल्स के लिए किसी झटके से कम नहीं है जो डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह की गेस्ट लिस्ट देख कर इसलिए ख़ुशी से झूम रहे थे क्योंकि उसमें पीएम मोदी का नाम अलग से नहीं लिखा गया था, जबकि शी जिनपिंग को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। हालांकि, अब स्पष्ट है कि अमेरिका की प्राथमिकता भारत है न कि चीन।

भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि डॉनल्ड ट्रम्प के 20 जनवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भी हो सकती है। आपको बता दें कि ट्रम्प के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए भारत की तरफ़ से विदेश मंत्री S जयशंकर हिस्सा ले रहे हैं और इस दौरान वो अमेरिका की नई सरकार के बड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग भी करेंगे।

डोनाल्ड ट्रम्प के शपथग्रहण समारोह में QUAD का दबदबा

उनके अलावा ट्रम्प के शपथ समारोह में जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने भी अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। यानी, QUAD के सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री वॉशिंगटन डीसी में एक साथ मौजूद होंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि ये सभी एक अनौपचारिक बैठक कर सकते हैं।

QUAD इन चारों देशों के बीच एक रणनीतिक गठबंधन है, जिसका अर्थ है क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग। इस ग्रुप में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान हैं। हालांकि, गठबंधन का उद्देश्य समुद्र में सुरक्षा और व्यापार को मज़बूत करना और ocean for all की भावना ही है, लेकिन चीन इस संगठन से टेंशन में रहता है, चीन का मानना है कि ये QUAD कुछ और नहीं उसके खिलाफ एक सैन्य और रणनीतिक गठबंधन है, जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र की चारों बड़ी ताकतें मौजूद हैं, जबकि चीन को इस क्षेत्र की असल महाशक्ति के रूप में पेश करना चाहता है।

चीन ही नहीं, भारत में बैठे कुछ तत्वों को भी झटका

चीन इस क्षेत्र में अपनी मनमानी चाहता है और इसीलिए उसे QUAD की बैठकें जरा भी नहीं सुहातीं, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि जब वॉशिंगटन डीसी में QUAD देशों के विदेश मंत्री बैठक कर नई रणनीति पर चर्चा कर रहे होंगे, तब चीन के विदेश मंत्री भी वहीं मौजूद होंगे।

शपथ समारोह में अगर QUAD की बैठक होती है तो इसे सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि भारत में मौजूद उन तत्वों का बौखलाना भी तय है, जिन्हें उम्मीद थी कि ट्रम्प इस बार शायद पीएम मोदी को वो अहमियत नहीं देंगे, या फिर वो चीन को भारत से ज्यादा तवज्जो देंगे, ताकि वो भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर पीएम मोदी और उनकी विदेश नीति पर निशाना साध सकें।

हालांकि इसे उनकी बदकिस्मती ही कहा जाना चाहिए, क्योंकि फिलहाल ऐसा कुछ भी होता नज़र नहीं आ रहा है और शपथ समारोह में QUAD नेताओं की मौजूदगी से स्पष्ट है कि ट्रम्प की प्राथमिकता भारत है न कि चीन।

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