OBC को गाली, महाकुंभ पर फर्जी पोस्ट… श्याम यादव की गिरफ़्तारी को जातिवादी एंगल देने वालो, उसकी हरकतें भी देख लो

महाकुंभ में रोज करोड़ों लोग पहुँच रहे हैं, अगर श्याम यादव के फर्जी पोस्ट से भगदड़ की स्थिति आ गई तो? सोचिए कितना बड़ा नुकसान हो सकता था।

श्याम यादव, महाकुंभ 2025

श्याम यादव महाकुंभ पर फर्जी ख़बर फैलाने के लिए गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक गाँव है – मझिगवाँ, थाना – रामपुर कलाँ। वहाँ के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया गया है, जिसने एक तरह से घृणा फैलाने को अपने जीवन का पेशा और शौक, दोनों ही बना रखा था। उसका नाम है – श्याम यादव। उसकी गिरफ़्तारी के बाद एक गिरोह विशेष यहाँ 2 एंगल लेकर आ रहा है – पहला, जातिवाद और दूसरा, तानाशाही। यानी, कहा जा रहा है कि श्याम यादव को सिर्फ़ इसीलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वो एक ख़ास जाति से आता है। उस जाति से, जिससे समाजवादी पार्टी का प्रथम परिवार भी आता है।

दूसरी बात ये कही जा रही है कि उत्तर प्रदेश में अब लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं बची है। यानी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक शब्द बोलने पर भी आपको पुलिस उठा कर ले जाती है। आइए, थोड़ा इन प्रपंचों को बेनकाब करने की कोशिश करते हैं। पहली बात तो ये है कि श्याम यादव को सीएम योगी की आलोचना के लिए गिरफ्तार किया ही नहीं गया है। उसे यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है फर्जी खबर फैलाने के लिए। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 को लेकर फर्जी खबर फैलाने के लिए। उस महाकुंभ को लेकर, जहाँ रोज करोड़ों श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं।

श्याम यादव ने महाकुंभ को लेकर फैलाई फर्जी खबर

सबसे पहले श्याम यादव का ट्वीट देखिए, फिर बताते हैं कि वो है कौन। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर श्याम यादव अपने पोस्ट में लिखता है, “सावधान, महाकुंभ में स्नान के बाद इतने लोगों की मौत, कई हजार लोग हुए घायल।” इसके बाद वो आगे लिखता है, “जिसने मोक्ष प्राप्त की, उसको स्वर्ग पक्का है।” पहली बात तो ये कि उसका ये ट्वीट शत-प्रतिशत झूठ था, ऐसा भी नहीं कह सकते कि इसके इस ट्वीट का कुछ प्रतिशत हिस्सा सच है, ये पूरा झूठ है। इस पर हम चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले आते हैं इसकी सोच पर। एक तो ये झूठी खबर फैलाता है, ऊपर से अपने मन में ही हिन्दुओं की मौत की बात सोच कर ख़ुश होता है। तभी ये मोक्ष वाला तंज कस रहा है।

पुलिस ने BNS व IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया, उसे गिरफ्तार किया। अब ये श्याम यादव है कौन? श्याम यादव, समाजवादी पार्टी का नेता है। उसी पार्टी का, जिसने कभी रामभक्तों पर गोली चलवाई थी। उसी समाजवादी पार्टी का, जिसने आज महाकुंभ में अपना शिविर लगाया और अपने संस्थापक मुलायम सिंह यादव की हिन्दू वेशभूषा में तस्वीरें भी उस शिविर में लगा रखी हैं।

महाकुंभ पर श्याम यादव का फर्जी पोस्ट

श्याम यादव वो बिसवाँ में समाजवादी पार्टी की छात्रसभा का अध्यक्ष रह चुका है। महाकुंभ को लेकर फर्जी खबर तो छोड़ दीजिए, पिछले 2-3 वर्षों में शायद ही कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब उसने कोई आपत्तिजनक पोस्ट न की हो। उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भी आपत्तिजनक पोस्ट की थी। यहाँ सवाल ये है कि अगर सिर्फ सीएम योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उसे गिरफ्तार किया जाना होता, तो आज से 2 साल पहले ही वो जेल में होता। पिछले 2 वर्षों से वो ये सब कर रहा है, फिर भी खुला घूम रहा था, अपने-आप में यही बताता है कि उत्तर प्रदेश में कितना लोकतंत्र है।

तानाशाह को गाली देकर रोज उसी के राज में रोज पार्टी

आखिर एक गिरोह तो पीएम मोदी को भी रोज गाली देता है और देश में तानाशाही होने की बात करता है, लेकिन ख़ास बात ये कि इसके बावजूद इस गिरोह का कोई भी व्यक्ति जेल में नहीं है। रवीश कुमार, अजीत अंजुम, साक्षी जोशी और अभिसार शर्मा – इन सबकी तो पूरी की पूरी दुकानदारी ही पीएम मोदी को तानाशाह बता कर चल रही है। देखिए, फिर भी कैसे एक तानाशाह के राज में उसी तानाशाह को गाली देकर रोज मस्त पार्टियाँ करते हैं ये लोग।

और श्याम यादव के मामले में जाति का एंगल दिया जा रहा है? इस घृणा फैलाने वाले शख्स ने सीएम योगी को ‘गंगू तेली’ बताया था। तेली समाज OBC समाज में आता है, हिमाचल प्रदेश में इन्हें अनुसूचित जाति यानी SC का दर्जा प्राप्त है। जो श्याम यादव तेली समाज को गाली देता है, OBC समाज को गाली देता है, दलितों को गाली देता है – उसकी गिरफ़्तारी का विरोध कर के क्या ओबीसी व दलितों का अपमान नहीं किया जा रहा? जो दलितों के सच्चे हितैषी हैं, वो लगातार कह रहे हैं कि सोशल मीडिया के ठेकेदारों के झाँसे में आकर ऐसे घृणित पोस्ट्स न शेयर करें जिससे आप जेल में पहुँच जाएँ।

महाकुंभ में रोज करोड़ों लोग पहुँच रहे हैं, अगर श्याम यादव के फर्जी पोस्ट से भगदड़ की स्थिति आ गई तो? सोचिए कितना बड़ा नुकसान हो सकता था। उस स्थिति में यही लोग सोशल मीडिया पर ये नैरेटिव चला रहे होते कि सरकार आयोजन के प्रबंधन में नाकाम हो गई है, सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है। हमने देखा कि कैसे महाकुम्भ में मानवीय भूल से सिलिंडर फटने की वजह से आगे लगने के बाद प्रशासन ने त्वरित रूप से कार्यवाही की और कोई हताहत नहीं हुआ।

तेली समाज का श्याम यादव ने किया अपमान

4:30 में आग की लपटें दिखाई देनी शुरू हुईं और मात्र 4 मिनट के बाद अग्निशमन विभाग और पुलिस-प्रशासन की गाड़ियाँ मौके पर थीं। राज्य का मुखिया खुद मौके पर पहुँच कर जायजा लेता है, पीएम मोदी फोन करते हैं – और आपको क्या चाहिए? मात्र 10 मिनट में, 10 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन, कुछ लोग घृणा का ही कारोबार करने के लिए बने हैं। हमने ये भी देखा है कि कैसे एक युवती महाकुंभ में एक साधु को प्रताड़ित कर रही है। कुछ लोगों ने उन्हें कुछ सिक्के दान में दिए थे, इसके लिए उस बेचारे साधु को घृणा का शिकार बनाया गया।

महाकुंभ में मत आओ, लेकिन श्रद्धालुओं का अपमान मत करो

हमने ये भी देखा कि कैसे चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ की पार्टी की एक नेता निर्देश सिंह ने गंगा-यमुना-सरस्वती के पवित्र संगम को लैट्रिन का पानी बताया था। महाकुंभ में स्नान कर रहीं महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी की थी। मुरादाबाद के मझोला थाना में उसपर भी FIR हुई है। उसकी गिरफ़्तारी के बाद भी हंगामा होगा। तमाम तरह की बातें की जाएँगी। श्याम यादव को बचाने वाले, तेली समाज के अपमान पर चुप रहेंगे। निर्देश सिंह को बचाने वाले, महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी पर चुप रहेंगे। कारण – इन्हें अपना एजेंडा चलाना है।

तुम्हें महाकुंभ में नहीं आना है, मत आओ। तुम्हें कोई बुलाने गया है? लेकिन, हमारे साधु-संतों को मजाक बनाना, श्रद्धालुओं की मौत की कामना करना, देवी-देवताओं को गाली देना, गंगा नदी के जल को मल-मूत्र बनाना – ये सब मत करो। जहाँ तक श्याम यादव की गिरफ़्तारी के बहाने यादव समाज को निशाना बनाने के आरोप हैं, देखिए कैसे कुंभ में आए इसी समाज के एक श्रद्धालु सीएम योगी की तारीफ़ करते हुए अखिलेश यादव के बयान को नकार रहे हैं। देखिए कैसे महेश यादव श्रद्धालुओं को ऊँटों की सवारी करा के अपना पेट पाल रहे हैं।

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