‘एप्पल’ बनाने वाले स्टीव जॉब्स के 50 साल पुराने लेटर में कुंभ पर क्या लिखा है?

जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी कुछ दिनों पहले महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज पहुंची थीं

यह पत्र एक नीलामी में $500,312 (4.32 करोड़ रुपए) में बेचा गया है

यह पत्र एक नीलामी में $500,312 (4.32 करोड़ रुपए) में बेचा गया है

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के बीच एप्पल के दिवंगत सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स के करीब 50 वर्ष पहले हाथ से लिखे एक पत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। तब 19 वर्ष के स्टीव जॉब्स ने फरवरी 1974 में यह पत्र अपने बचपन के दोस्त टिम ब्राउन को लिखा था। इस पत्र में जॉब्स की आध्यात्मिकता की झलक देखने को मिलती है। जिसमें उन्होंने कुंभ मेले में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। यह पत्र एक नीलामी में $500,312 (4.32 करोड़ रुपए) में बेचा गया है। जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज पहुंची थीं।

पत्र में क्या लिखा है?

जॉब ने अपने 19वें जन्मदिन से एक दिन पहले यह पत्र पोस्टमार्क किया था। इस समय के आसपास, जॉब्स नोलन बुशनेल के नेतृत्व वाली सनीवेल-आधारित वीडियो गेम कंपनी अटारी में काम कर रहे थे और अपनी भारत की अपनी यात्रा के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे थे। जॉब्स ने इसमें लिखा है, “कई सुबहें आईं और चली गईं, लोग आए और चले गए, मैंने कई बार प्यार किया और रोया।” उन्होंने लिखा, “मैं अब लॉस गैटोस और सांता क्रूज़ के बीच पहाड़ों में एक खेत में रह रहा हूं। मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूँ, जो अप्रैल में शुरू होता है। मैं मार्च में किसी समय जाऊंगा, अभी तक निश्चित नहीं हूं।” इस पत्र में जॉब्स ने आध्यात्मिकता पर चर्चा करते हुए लिखा है, “मैं यह कहकर (पत्र को) समाप्त करूंगा कि मुझे यह भी नहीं पता कि कहां से शुरू करूं।”

जॉब्स द्वारा लिखा गया पत्र (सोर्स: bonhams.com)

जब कुंभ पहुंचे जॉब्स

स्टीव जॉब्स ने 1974 की शुरुआत में भारत आने के लिए पैसे इकट्ठा करना शुरू कर दिया था। वॉल्टर आइजैक्सन ने जॉब्स की बायोग्राफी में लिखा है, “जॉब्स ने इसे लेकर कहा था कि मेरे लिए यह एक गंभीर किस्म की खोज थी। जॉब्स ने अपने दोस्तों से कहा था कि वह अपने गुरु की तलाश में भारत जा रहे हैं।” वॉल्टर लिखते हैं कि भारत आने पर जॉब्स बीमार हो गए और जब उनकी सेहत में सुधार हुआ तो वे हरिद्वार पहुंचे और उस समय वहां कुंभ मेला चल रहा है। जॉब्स ने बताया कि कुंभ में हर तरफ साधु-संत व श्रद्धालु थे और टेंट में अलग-अलग महात्मा रह रहे थे।

‘हिंदू बनना चाहती हैं जॉब्स की पत्नी’

जॉब्स की पत्नी लॉरेन भी कुछ दिनों महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से सनातनी परंपरा के तहत गुरू दीक्षा ली है। उन्हें महाकाली के बीज मंत्र की दीक्षा दी गई है। कैलाशानंद गिरी ने बताया है कि लॉरेन को करीब एक वर्ष पहले ही ‘कमला’ नाम और गौत्र दिया जा चुका था। उन्होंने बताया कि लॉरेन अब सनातन धर्म से जुड़ना चाहती हैं और अपने गुरू से जुड़कर अपनी परंपराएं जानना चाहती हैं।

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