राष्ट्रपति का पदभार संभालते ही एक्शन मोड में नज़र आये डोनाल्ड ट्रम्प, चीनी कंपनी को दिया 75 दिन का अल्टीमेटम

राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ के साथ किया 'अमेरिका के स्वर्ण युग' का वादा

TikTok Is Back In USA

TikTok Is Back In USA(Image Source: X)

डोनाल्ड ट्रंप(Donald J. Trump) ने अमेरिकी(USA) राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद एक प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने ‘अमेरिका के स्वर्ण युग’ की वापसी का वादा किया। ट्रंप ने अपने इस संकल्प को धरातल पर लाने के लिए तुरंत कई बड़े कदम उठाए, जो अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचाने के संकेत दे रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित कैपिटल रोटुंडा में हुआ, जहां भव्यता अपने चरम पर थी। इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) के विशेष दूत के रूप में किया। शपथ लेने के तुरंत बाद, ट्रंप ने कुछ बड़े और साहसिक फैसले लिए। उन्होंने अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और पेरिस जलवायु समझौते से अलग करने की घोषणा की। इसके साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक टोक(TikTok) को 75 दिनों का अल्टीमेटम दिया।

टिक टॉक की धमाकेदार वापसी

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के साथ ही एक बार फिर चीनी ऐप टिक टॉक की वापसी ने सुर्खियां बटोरीं। शनिवार को बंद हो चुकी इस लोकप्रिय ऐप को अमेरिकी कोर्ट के आदेश और राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद नई जिंदगी मिल गई। ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें टिक टॉक पर प्रतिबंध को 75 दिनों के लिए टालने का फैसला किया गया। इसके साथ ही उन्होंने अपने प्रशासन को यह निर्देश दिया कि कोई भी ऐप स्टोर या सेवा प्रदाता, जो टिक टॉक का संचालन कर रहे हैं, उन पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।

यह कदम रिपब्लिकन नेताओं के उस सख्त रवैये से अलग नजर आता है, जो चीन और उसके व्यवसायों को अमेरिका के लिए खतरा मानते हैं। इन नेताओं का मानना है कि टिक टॉक जैसी चीनी ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती हो सकती है। खास बात यह रही कि टिक टॉक के सीईओ शू च्यू भी ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस समारोह में वह तुलसी गबार्ड के बगल में बैठे, जिन्हें राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, टिक टॉक ने वाशिंगटन में आयोजित इस समारोह के लिए एक पार्टी भी स्पॉन्सर की, जिसने काफी ध्यान खींचा।

इस घटनाक्रम ने टिक टॉक के भविष्य पर मंडराते अनिश्चितता के बादल थोड़े समय के लिए छांट दिए हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने टिक टॉक के खिलाफ ‘बेचो या प्रतिबंधित करो’ कानून को वैध करार दिया था। इसके बाद कंपनी ने शनिवार को अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं, हालांकि ऐसा करना उनके लिए अनिवार्य नहीं था। रविवार को, राष्ट्रपति ट्रंप के नए आदेश का आश्वासन मिलने के बाद, टिक टॉक ने अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर दीं।

ऐसे में एक तरफ जहां वह चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात करते हैं, तो दूसरी तरफ टिक टॉक को राहत देने जैसे फैसले से उनकी रणनीति पर बहस छिड़ गई है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप प्रशासन चीन के साथ अपने रिश्ते और टिक टॉक के मुद्दे को कैसे संभालता है।

Exit mobile version