प्रयागराज के संगम तट पर आस्था एवं विश्वास का महाकुंभ देश दुनिया को अचंभित कर रहा है। त्रिवेणी के तट पर वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देता सनातन धर्म का महापर्व ऐसी छटा बिखेर रहा है, जिसमें जाति, धर्म, क्षेत्रवाद, राज्यवाद की समस्त सीमाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। केवल नजर आ रहा है तो श्रद्धा, आस्था, विश्वास और श्रद्धालुओं का जयघोष। हर हर महादेव और जय श्रीराम के जयघोष से पूरा मेला क्षेत्र रोमांचित है। जनमानस का रोम रोम आह्लादित नजर आ रहा है। एक संन्यासी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महापर्व पर की गई उत्कृष्ट व्यवस्था श्रद्धालुओं को लंबे अर्से बाद यह भरोसा दिला रहा है कि अब सनातनियों की सरकार है। एक संत की सरकार है, जो श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करा रही है।
महाकुंभ 2013 में सपा शासनकाल में जिन लोगों ने अव्यवस्थाओं और भगदड़ को देखा है, उन्हें भरोसा नहीं है कि करोड़ों लोगों के भीड़ का इतना सुंदर ढंग से मैनेजमेंट भी हो सकता है। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में महाकुंभ 2013 की व्यवस्था पूरी तरह आजम खान के भरोसे छोड़ दिये जाने का परिणाम 36 श्रद्धालुओं की निर्मम मौत के रूप में सामने आई थी। यूपीए शासनकाल में रेलवे की दोयम दर्जे की व्यवस्था ने भी हादसे को जन्म दिया था, लेकिन इस बार रेलवे और स्थानीय प्रशासन के बेहतरीन समन्यवय ने प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के मन में सुरक्षा एवं विश्वास का भाव पैदा किया है। योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उनके विश्वस्त अधिकारी मेला में सुरक्षा एवं संरक्षा की व्यवस्था करने के लिये दिन रात मेहनत कर रहे हैं।
तभी तो महाकुंभ में पहले दिन स्नान करने के लिए पहुंचीं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती कहती हैं, “आज सवेरे जब श्री प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन पर उतरी तो भ्रम और भय दोनों दूर हो गये। स्टेशन से लेकर पूरे रास्ते में तीर्थ यात्रियों के लिये सुविधा, सुरक्षा इतनी अच्छी है जो आज तक नहीं देखी। ठंड के बारे में जो भ्रम था, उतनी नहीं है फिर भी योगी जी की सरकार ने ठंड से मुकाबले की भी बहुत अच्छी व्यवस्था कर रखी है। 1977 से मैंने श्री प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान शुरू किये हैं, तब से लेकर इस महाकुंभ तक, यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिये इतनी अच्छी व्यवस्था, सुरक्षा, सुविधा, प्रशासन एवं पुलिस का अतिविनम्र व्यवहार पहले कभी नहीं देखा। धन्य है भारत, धन्य है श्री प्रयागराज और धन्य है महाकुंभ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का करोड़ों भारतवासियों की ओर से मेरा अभिनंदन।”
सचमुच योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम की मेहनत अभिनंदनीय है। दरअसल, 144 साल बाद बने अमृत संयोग वाला महाकुंभ इस बार 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के पावन पग का साक्षी बनेगा। डिजिटल महाकुंभ की व्यवस्था योगी के निर्देशन में उनके बेहद विश्वासपात्र अधिकारियों के पास है, जो दिन रात एक कर इस महा आयोजन को सफल एवं सुगम बनाने में जुटे हुए हैं। मुख्य सचिव, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड आर्डर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार, प्रमुख सचिव सूचना, निदेशक सूचना, मेलाधिकारी, जिला प्रशासन, जिला पुलिस अपनी सक्षमता एवं मेहनत से महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हुए हैं। किसी भी तरह की आपदा और मुश्किल को रोकने के लिये क्विक टाइम मैनेजमेंट तैयार किया गया है। एडीजी जोन भानु भास्कर, डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण एवं एसएसपी राजेश द्विवेदी ग्राउंड जीरो पर उतर कर सुरक्षा व्यवस्था को संभाल रहे हैं।
महाकुंभ प्रारंभ होने से लेकर मकर संक्रांति तक ही तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाये, लेकिन कहीं भी किसी प्रकार की अव्यवस्था अथवा असुरक्षा का भाव नजर नहीं आया। 50 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी लगातार मेला क्षेत्र में सुगम व्यवस्था बनाने रखने के लिये तैनात हैं। अधिकारी स्वयं मेला क्षेत्र में उतरकर श्रद्धालुओं से फीड बैक ले रहे हैं। मेला क्षेत्र में बने कंट्रोल रूम के जरिये चप्पे चप्पे पर निगाह रखी जा रही है। सीसी टीवी कैमरों के जरिये हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। मुख्य सचिव मनोज सिंह एवं डीजीपी प्रशांत कुमार भी अपने अधीनस्थ अधिकारियों से लगातार फीडबैक ले रहे हैं। मनोज सिंह एवं प्रशांत कुमार डीजीपी सपा शासनकाल के महाकुंभ में हुए हादसे से सबक लेकर खुद ही ग्राउंड जीरो पर उतरकर आवश्यक निर्देश अधीनस्थ जिम्मेदारों को दे रहे हैं।
प्रयागराज की धरती से निकलकर महाकुंभ की जो गूंज विदेशों तक पहुंची है और महाकुंभ ब्रांड बनकर उभरा है, उसमें उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग का बहुत बड़ा योगदान है। योगी आदित्यनाथ के महाकुंभ अनुष्ठान तथा सनातन के संदेश को विश्व पटल तक पहुंचाने में सूचना निदेशक शिशिर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार की अथक मेहनत का परिणाम है। डिजिटल महाकुंभ की सफलता के लिये यह दोनों अधिकारी दिन-रात जुटकर मीडिया सेंटर को वर्ल्ड क्लास बनाने में सफल रहे हैं। महाकुंभ के ब्रांड बनने का असर यह है कि 45 दिन के इस मेगा आयोजन के जरिये उत्तर प्रदेश सरकार को दो लाख करोड़ रुपये की आय होने का भी अनुमान है। महाकुंभ असर केवल धर्म और आध्यात्म पर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के आर्थिक सेहत पर भी पड़ने जा रहा है।
प्रयागराज संगम से आने वाली तस्वीरें केवल सनातन धर्मावलम्बियों को रोमांचित ही नहीं कर रहा है बल्कि उन्हें योगी जी के ब्रह्म वाक्य – एक हैं तो नेक हैं – का दर्शन भी करा रहा है। जाति-पाति, ऊंच-नीच के भेदभाव का तटबंध आस्था एवं समर्पण के आवेग से टूट चुका है। अमीर-गरीब का भेद मिट चुका है। हिंदुत्व का मिलन ऐसे हो रहा है, जैसे गंगा और यमुना के पावन जल का। महाकुंभ सनातन के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का उदाहरण बनकर आध्यात्म, आस्था, एकजुटता, पर्यटन, आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, व्यापार, रोजगार, सहकार के जरिये उत्तर प्रदेश के समृद्धि का नवीन मार्ग खोल रहा है। राज्य के उन्नति एवं प्रगति का नया आयाम तैयार कर रहा है।