बॉलीवुड ऐक्ट्रेस ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में संन्यास की दीक्षा ली है। किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhara) ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी है। ममता कुलकर्णी ने संगम किनारे पिंडदान किया है और अब उन्हें यामाई ममता नंद गिरि के नाम से जाना जाएगा। ममता ने कहा कि अर्धनारीश्वर स्वरूप के हाथों से महामंडलेश्वर बनना सौभाग्य की बात है और यह उनके लिए एक बहुत यादगार पल है। इसके साथ ही किन्नर अखाड़े को लेकर भी बड़ी चर्चा शुरू हो गई है। आज हम जानेंगे इस अखाड़े का निर्माण कैसे हुआ था?
श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति
कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि मंगलवार को एक अद्वितीय आध्यात्मिक भाव से भर उठी, जब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर राज्य...






























