यदि आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि इस उभरते क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के शामली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां नवाब अली और उसकी गैंग ने निवेशकों को क्रिप्टो के जरिए पैसा दोगुना करने का लालच देकर 210 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। इस गिरोह ने क्यूएफएक्स(आरबीआई द्वारा ब्लैकलिस्टेड) और अन्य कंपनियों में निवेश के नाम पर मासूम लोगों को फंसाया।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले चंडीगढ़ में छापेमारी की, जहां बंद दरवाजों के पीछे अधिकारियों ने गहन जांच-पड़ताल की। छापेमारी के दौरान सुरक्षा के लिए मकान के गेट पर सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया था। जांच के बाद, मुख्य आरोपी लविश उर्फ नवाब अली के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया। जानकारी के अनुसार, नवाब अली फिलहाल दुबई में छिपा हुआ है।
छापेमारी में फ्रीज हुए 170 करोड़ रुपये, हवाला नेटवर्क का खुलासा
11 फरवरी 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश के शामली, दिल्ली, नोएडा और रोहतक समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में 30 से अधिक बैंक खातों में जमा 170 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए गए। छापेमारी के दौरान 94 लाख रुपये नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। इसके साथ ही एक अवैध हवाला नेटवर्क का भी पर्दाफाश हुआ, जो नवाब अली और उसकी टीम के माध्यम से संचालित किया जा रहा था।
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश में क्यूएफएक्स और अन्य कंपनियों के नाम पर 210 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया गया। छापा जिस व्यक्ति के घर पर मारा गया, वह मुजफ्फरनगर निवासी नवाब अली का एजेंट बताया जा रहा है। नवाब अली दुबई में बैठकर लोगों को पैसा दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों रुपये जुटा रहा था।
छापेमारी के दौरान टीम ने आरोपी को हिरासत में लिया और करीब 12 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद तड़के चार बजे ईडी की टीम दो बड़े बैग लेकर वहां से रवाना हुई। बताया जा रहा है कि आरोपी के पास से 94 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, नवाब अली के इस ठगी नेटवर्क में शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बागपत के 17 एजेंट शामिल थे। ये एजेंट भोले-भाले लोगों को फर्जी कंपनियों में निवेश के लिए बहलाते थे और उनकी मेहनत की कमाई ठग लेते थे। ईडी ने इन सभी एजेंटों और ठगी में शामिल अन्य लोगों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पाकिस्तान से अफगानिस्तान तक नवाब अली का ठगी नेटवर्क
ईडी की जांच में एक और हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि नवाब अली हर तीन महीने में दुबई के किसी लग्ज़री होटल में भव्य कार्यक्रम आयोजित करता था। इन कार्यक्रमों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों के प्रभावशाली लोगों को खास तौर पर बुलाया जाता था। इनकी भव्यता और आकर्षण से लोगों को फंसाने के लिए विदेशी मेहमानों से प्रेरक भाषण दिलवाए जाते थे।
जांच में सामने आया है कि नवाब अली ने इन प्रभावशाली लोगों को अपनी कंपनियों में अरबों-खरबों रुपये निवेश करने के लिए राज़ी कर लिया था। इन कार्यक्रमों का पूरा खर्च खुद नवाब अली उठाता था, जिससे वह और विश्वसनीय दिख सके।
इतना ही नहीं, हाल ही में नवाब अली ने अपनी बहन की शादी भी दुबई में बड़ी शानो-शौकत के साथ करवाई थी। इस शादी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देशभर के कई एजेंट और अन्य लोग शामिल हुए थे। ईडी ने इन मेहमानों के वीजा और पासपोर्ट की जांच के लिए विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है।
फिलहाल, बागपत और शामली के छह लोगों की पहचान की गई है, जिनसे जल्द ही पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा, ईडी 100 से ज्यादा वीजा और पासपोर्ट की जांच कर रही है, ताकि नवाब अली के इस अंतरराष्ट्रीय ठगी नेटवर्क का हर पहलू सामने लाया जा सके।
कैसे चल रहा था नवाब अली का घोटाला?
ईडी की जांच में यह सामने आया कि नवंबर 2023 में हिमाचल प्रदेश के मंडी थाने में गौरव सैनी और अन्य निवेशकों ने क्यूएफएक्स कंपनी के डायरेक्टर समेत तीन लोगों के खिलाफ 210 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला दर्ज कराया था। इस जांच के दौरान पता चला कि इस ठगी का सरगना नवाब अली है, जो लंबे समय से मासूम निवेशकों को ठगने के लिए विभिन्न योजनाओं का सहारा ले रहा था।
नवाब अली ने पहले क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड के माध्यम से मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) स्कीम का जाल बिछाया। इसमें निवेशकों को 5% से 15% मासिक रिटर्न का झांसा दिया गया, लेकिन जैसे ही क्यूएफएक्स के खिलाफ केस दर्ज हुए, नवाब अली और उसकी टीम ने योजना का नाम बदलकर वाईएफएक्स (यॉर्कर एफएक्स) रख दिया और उसी तरीके से लोगों को ठगने का काम जारी रखा। अधिकारियों के अनुसार क्यूएफएक्स कंपनी को आरबीआई ने भी ब्लैक लिस्ट किया हुआ है।
जांच में यह भी पता चला कि नवाब अली बोटब्रो, टीएलसी कॉइन, और वाईएफएक्स जैसी अन्य योजनाओं के जरिए फॉरेक्स ट्रेडिंग और हाई-रिटर्न स्कीम का झांसा देकर लोगों को फंसा रहा था। इन योजनाओं का आधार MLM पिरामिड मॉडल था, जहां पुराने निवेशकों को नए निवेशकों के पैसों से भुगतान किया जाता था।
नकद या बेनामी खातों में निवेशकों से पैसे जमा कराए जाते थे। रिटर्न को नकद या टीएलसी 2.0 कॉइन के रूप में दिया गया, जिसे मार्च 2027 में लॉन्च होने का दावा किया जा रहा है। ठगी को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को विदेश यात्राओं और महंगी गाड़ियों का लालच भी दिया गया। ईडी की जांच में यह भी उजागर हुआ कि नवाब अली और उसके गिरोह ने एनपे बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड, कैप्टर मनी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और टाइगर डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया। इन कंपनियों के जरिए निवेशकों के पैसों को इधर-उधर घुमाया जाता था ताकि घोटाले को छुपाया जा सके।
ट्यूशन टीचर से लेकर महाठग – नवाब अली
वहीं इस मामले की जानकारी देते हुए TFI सूत्र ने बताया कि, “नवाब अली की खोजबीन करने से पता चलता है कि वह कभी एक ट्यूशन टीचर हुआ करता था, लेकिन बाद में उसने क्रिप्टोकरंसी के नाम पर ठगी करनी शुरू कर दी। उसने सबसे पहले RUBEX क्रिप्टोकरंसी बनाई और उसके बाद ETHRO COINS के नाम पर लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया। नवाब ने अपने भाइयों साजिद अली और राशिद अली के साथ मिलकर QFX नाम से फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शुरू किया था। जैसे ही QFX के खिलाफ शिकायतें दर्ज हुईं, नवाब और उसकी टीम ने इसका नाम बदलकर YFX कर दिया और लोगों को ठगने का सिलसिला जारी रखा।
TFI सूत्रों ने बताया कि नवाब अली फिलहाल दुबई में अपने भाइयों के साथ ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा है। वहीं, उसने हाल ही में एक और नई क्रिप्टोकरंसी लॉन्च की है, जिससे वह भारत के मासूम लोगों को फिर से निशाना बना रहा है। पहले उसने TLC क्रिप्टोकरंसी लॉन्च की थी और इसके जरिए हजारों करोड़ रुपये की ठगी की। इसके बाद उसने कई फिल्मी सितारों को इकट्ठा करके TLC 2.0 क्रिप्टोकरंसी लॉन्च की।
सूत्रों के मुताबिक, नवाब की सारी गतिविधियां BOT BRO नामक पोर्टल से संचालित होती थीं। लेकिन जैसे ही मामले की जांच शुरू हुई, उसने इसका नाम बदलकर ALGOBOT.BIZ कर दिया और ONE STEP FIX को NEXT PRO.BIZ में बदल दिया।
TFI ने यह भी खुलासा किया कि नवाब अली की ठगी से जमा किया गया पैसा दुबई में रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में निवेश किया जा रहा है। क्रिकेट प्रेमियों को नवाब अली आसानी से याद आ सकता है क्योंकि T-10 लीग में UP NAWABS नामक टीम उसी ने बनाई थी। इस टीम का कोच मशहूर क्रिकेटर क्रिस गेल है।
सूत्रों ने बताया कि नवाब अली ने हाल ही में अपनी बहन की शादी मेरठ के एक व्यक्ति शोएब के साथ दुबई में करवाई थी। इस शादी में करोड़ों डॉलर खर्च किए गए थे, और ईडी भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है।
फिलहाल नवाब अली, उसके सहयोगियों और परिवार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है। TFI सूत्रों ने बताया कि जल्द ही इन सभी पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी होगा, जिससे उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया तेज होगी।
मुख्य अपराधियों के नामों में नवाब अली (असली नाम लविश चौधरी, मुजफ्फरनगर), तबरेज आलम (रसूलपुर, सहारनपुर), विकास मौर्य और कपिल सिंह चौहान (वसुंधरा, गाजियाबाद) शामिल हैं। TFI सूत्रों के अनुसार, इनकी आतंकी गतिविधियों और नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने की भी जांच जारी है। इसके अलावा, क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल आतंकी संगठनों को फंडिंग के लिए भी किया जा रहा है।