‘मैं तारीफ करता हूं बता दीजिएगा’: दिल्ली दंगों पर खुशियां मना रहा था कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की बीवी का पाकिस्तानी सुपरवाइजर, फैलाता रहा है भारत विरोधी प्रोपेगेंडा

गौरव गोगोई पत्नी

अली तौकीर शेख (बाएं), एलिजाबेथ कोलबर्न और गौरव गोगोई (दाएं)

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से लेकर डीप स्टेट और जॉर्ज सोरोस तक से संबंधों के आरोप के बाद कुछ और नया खुलासा हुआ है। यह खुलासा असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर किया। दरअसल, CM सरमा ने एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तानी सुपरवाइजर अली तौकीर शेख के कुछ पोस्ट्स शेयर किए हैं। इसमें शेख न केवल भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाता नजर आया, बल्कि संसद में दिल्ली दंगों का मुद्दा उठाने के लिए गौरव गोगोई की तारीफ भी की।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न जलवायु विकास पर काम करने वाले संस्थान CDKN के लिए काम करती हैं। दिलचस्प बात यह है कि CDKN का एशिया में डायरेक्टर निदेशक पाकिस्तान का अली तौकीर शेख है।

अली तौकीर शेख एक्स के जरिए दुनिया के सामने भारत की गलत छवि पेश करने की कोशिश की है। इसके लिए कई पोस्ट किए थे। एक पोस्ट में उसने भारतीय मुस्लिमों को डराने की कोशिश करते हुए लिखा था कि भारत मुस्लिमों को बाहर कर देगा साथ ही मुस्लिमों के लिए डिटेंशन सेंटर बना रहा है।

इतना ही नहीं, उसने कोरोना काल में कोविड-19 के फैलाव को लेकर तब्लीगी जमात की हरकतों पर जब पूरे देश में गुस्सा फैला हुआ था, तब अली तौकीर शेख इस्लामोफोबिया का रोना रो रहा था। इतना ही नहीं, उसने इस्लामिक कट्टरपंथियों की सोची-समझी साजिश ‘लव जिहाद’ को सामान्य घटना बताने की कोशिश की थी।

हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि CDKN के डायरेक्टर अली तौकीर शेख ने भारतीय संसद में दिल्ली दंगों का मुद्दा उठाने के लिए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की तारीफ की थी।

अली तौकीर शेख ने 7 मार्च 2020 को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था, “शाबाश! गौरव और 6 अन्य को साथियों को भारतीय संसद से स्पीकर द्वारा निलंबित कर दिया गया। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा है, ‘मुझे निलंबित कर दो लेकिन प्लीज दिल्ली दंगों पर चर्चा करो’।”

शेख ने ‘द सेंटिनल’ की एक रिपोर्ट शेयर करते हुए गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न को टैग करते हुए लिखा दिया था, “कृपया उन्हें हमारी तारीफ के बारे में सूचना दीजिए।”

बता दें कि इससे पहले असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर बिना नाम लिए गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ संबंध से लेकर जॉर्ज सोरोस से फंडिंग लेने तक की बात कही गई थी। 

गौरव गोगोई के NGO ने किया FCRA का उल्लंघन?

कांग्रेस नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और BJP नेताओं पर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जॉर्ज सोरोस और डीप स्टेस का मुद्दा उठाने का आरोप लगाते रहे हैं। दिसंबर 2024 में गौरव गोगोई ने भी केंद्र सरकार पर मणिपुर के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जॉर्ज सोरोस और उसके ओपन सोसाइटी फाउंडेशन का नाम उछालने का आरोप लगाया था। यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि गौरव गोगोई ने ये आरोप BJP पर लगा तो दिए थे, लेकिन उनके खुद को संबंध जॉर्ज सोरोस द्वारा फंडिंग लेने वाले संगठनों से हैं।

दरअसल, गौरव गोगोई ‘फार्म 2 फूड’ (Farm 2 Food) नामक संस्था या यूं कहें कि ‘कंपनी’ चलाते हैं। इस संस्था की वेबसाइट की मानें तो इसका उद्देश्य कृषि पर आधारित रोजगार को बढ़ावा देना और इसके लिए ही उपकरण प्रदान करना है। इस फार्म 2 फूड’ संस्था या NGO की वेबसाइट पर लिखा है कि इसमें जॉर्ज सोरोस और अन्य डीप स्टेट संस्थाओं द्वारा वित्तपोषित संस्था ‘नेशनल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया’ का सहयोगी है।

अब यहां समझने वाली बात यह है कि ‘नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ की वेबसाइट में देखें तो जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और रॉकफेलर फाउंडेशन जैसे डीप स्टेट से जुड़ी संस्थाओं से इसे फंड मिल रहा है। ये सभी संस्थाएं भारत सहित दुनिया भर की राष्ट्रवादी सरकारों के खिलाफ काम करने वाले ‘डीप स्टेट’ के रूप में कुख्यात हैं। इतना ही नहीं, इन सभी पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने के लिए फंडिंग करने का आरोप है।

अब इसमें दिलचस्प बात यह है कि गौरव गोगोई ने विदेश से फंडिंग लेने वाले संस्थान को अपने NGO ‘Farm 2 Food’ का सहयोगी, भागीदार या पार्टनर बताया है, लेकिन यह NGO, FCRA में रजिस्टर्ड नहीं है। इसका सीधा मतलब यह है कि यह विदेश से फंडिंग नहीं ले सकता और अगर ले रहा है तो वह गैर-कानूनी है। चूंकि गौरव गोगोई का NGO विदेश से फंड लेने वाली संस्थाओं के साथ काम कर रहा है, ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या यहां कानून का उल्लंघन किया जा रहा है?

यहां तक बात तो फिर भी काफी हद संदेहास्पद है। लेकिन ‘फार्म 2 फूड’ स्विस रे फाउंडेशन को भी अपना सहयोगी बताया है। स्विस रे की वेबसाइट देखें तो पता चलता है कि यह अपने पार्टनर या सहयोगियों को भी फंड देता है। ऐसे में क्या फंड गौरव गोगोई के NGO को भी मिला? इसके अलावा एक और सवाल यह है कि ‘फार्म 2 फूड’ असम के विभिन्न स्कूलों में ‘स्कूल पोषण उद्यान’ (School Nutrition Garden) को लेकर प्रोग्राम चला रहा है। यह प्रोग्राम स्विस रे से फंड लेने वाले अशोका फाउंडेशन का प्रोजेक्ट है। अब यहां एक और बेहद दिलचस्प बात यह है कि अशोका फाउंडेशन भी FCRA में रजिस्टर्ड नहीं है।

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