‘अरब के मुसलमान हमारे आदर्श नहीं, भारत में हिंदू से मुस्लिम बने लोग’: चर्चा में मुस्लिम IAS अधिकारी का बयान

आईएएस अफसर नियाज़ खान फिलहाल मध्य प्रदेश में राज्य लोक निर्माण विभाग में उप-सचिव के पद पर कार्यरत हैं

IAS अधिकारी नियाज़ खान

IAS अधिकारी नियाज़ खान

मध्य प्रदेश कैडर के सीनियर IAS अधिकारी नियाज़ खान ‘इस्लाम’ पर दिए अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। नियाज़ अधिकारी होेने के साथ-साथ लेखक भी हैं और ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ और ‘वॉर अगेंस्ट कलियुग’ जैसी कई चर्चित पुस्तकें लिख चुके हैं। वे इससे पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। आईएएस अफसर नियाज़ खान फिलहाल मध्य प्रदेश में राज्य लोक निर्माण विभाग में उप-सचिव के पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने ‘X’ पर एक पोस्ट में भारत में सभी धर्मों को एक संस्कृति का हिस्सा बताया है।

नियाज़ खान ने क्या कहा?

‘भारत में हम सभी भाई-बहन हैं’

नियाज़ खान ने अपने बयान को लेकर आज तक से बातचीत की है। उन्होंने कहा, “इस्लाम की उत्पत्ति सऊदी अरब में हुई लेकिन समय के साथ इसे भारतीय उपमहाद्वीप में भी व्यापक रूप से अपनाया गया है।” उन्होंने तो लोगों के जीन एक जैसे होने तक बात की है। नियाज़ ने कहा, “किसी व्यक्ति के जीन (आनुवंशिकी) का विश्लेषण किया जाए, तो यह स्पष्ट होगा कि हिंदुस्तान के सभी लोगों के जीन एक-दूसरे से काफी मेल खाते हैं। इस्लाम लगभग 1,500 वर्ष पहले आया लेकिन इससे हमारी आनुवंशिक संरचना में कोई बदलाव नहीं हुआ।” उन्होंने कहा, “चाहे हम किसी भी आस्था के हों, भारत में हम सभी भाई-बहन हैं, हमारे रक्त में एकता है।”

‘अरब के मुसलमान हमारे आदर्श नहीं हो सकते’

साथ ही, नियाज़ ने सऊदी अरब के मुस्लिमों को प्रति हिंदुस्तान के मुस्लिमों के रवैये को लेकर भी टिप्पणी की है। नियाज़ ने कहा, “मैंने यह भी देखा है कि अक्सर सऊदी अरब के मुसलमानों को प्राथमिकता दी जाती है, मेरा मानना है कि हमें पहले भारत पर ही अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, क्योंकि हम यहां 24 घंटे एक साथ रहते हैं।” उन्होंने कहा, “हमें अपने अरब के मुसलमान भाइयों के प्रति भी समान निष्ठा रखनी चाहिए। यह धर्म की बात नहीं है बल्कि इंसानियत की बात है। मेरे विचार में अरब के मुसलमान हमारे आदर्श नहीं हो सकते, क्योंकि हमारे यहां के विद्वान और विचारक ही हमारे सच्चे आदर्श हैं। हमारी आस्था भले ही अलग हो, लेकिन हिंदू हमारे भाई हैं।”

कौन हैं IAS नियाज़ खान?

नियाज़ खान 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वे राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत थे वहां से प्रमोशन पाकर वे आईएएस बने और उन्हें मध्य प्रदेश कैडर आवंटित किया गया था। नियाज़ खान मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। फिलहाल, वे लोक निर्माण विभाग में उप-सचिव के पद पर कार्यरत हैं। नियाज़ करीब एक दर्जन किताबें लिख चुके हैं जिनमें अबू सलेम पर लिखी गई किताब भी शामिल है।

पहले भी चर्चा में रहे हैं नियाज़

इससे पहले भी नियाज़ कई मौकों पर चर्चा में रहे हैं। नियाज़ ने पिछले वर्ष जुलाई में उन्होंने मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को लेकर भी सख्त टिप्पणी की थी जिसकी खूब चर्चा हुई है। उन्होंने लिखा था कि दुनिया में जिस तरह मुस्लिम आबादी बढ़ी है उसने बड़ी समस्या पैदा कर दी है। उनका कहना था कि ‘जब तक मौलवी-मदरसा सिस्टम चलेगा तार्किक सोच नहीं आएगी’ और इसे लेकर उस दौरान चर्चा हुई थी। साथ ही, नियाज़ ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के बाद कहा था कि वे अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए किताब लिखने की सोच रहे हैं। नियाज़ ने हिजाब पर जारी विवाद के बीच भी बयान दिया था जिस पर उनकी आलोचना की गई थी

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