ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati) ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर बड़ा दावा किया है। राहुल गांधी ने बलात्कारियों के संरक्षण की बात कहते हुए ‘मनुस्मृति’ का ज़िक्र किया था जिसके खिलाफ प्रयागराज महाकुंभ में रविवार को परम धर्म संसद में भी प्रस्ताव पारित किया गया है। साथ ही, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के ‘X’ हैंडल से एक पोस्ट में राहुल गांधी का लोकसभा में मनुस्मृित पर दिया गया वह बयान भी शेयर किया गया है। इस बयान को लेकर अब राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की गई है और एक महीने के भीतर परम धर्म संसद के सामने उनका पक्ष रखने को कहा गया है। ऐसे ना करने पर उन्हें हिंदू धर्म से बाहर करने की चेतावनी दी गई है।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी के जिस बयान को लेकर धर्म संसद में प्रस्ताव दिया गया है वह उन्होंने लोकसभा में पिछले वर्ष शीतकालीन सत्र के दौरान 14 दिसंबर को दिया था। राहुल का यह बयान यूपी के हाथरस में 2020 में हुए एक कथित रेप को लेकर दिया था। राहुल ने अपने बयान में कहा, “जिन्होंने गैंगरेप किया वो बाहर घूम रहे हैं और लड़की का परिवार अपने घर में बंद है। लड़की का परिवार बाहर नहीं जा सकता है। जो अपराधी हैं, वो उन्हें रोज़ धमकाते हैं और वो बाहर घूमते हैं। बेटी का अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया गया और मुख्यमंत्री ने इसके बारे में खुलकर मीडिया में झूठ बोला है।”
राहुल गांधी ने इसी घटना को लेकर आगे कहा, “यह संविधान में कहां लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वो बाहर रहें और जिसका रेप हुआ, उस परिवार को बंद कर दिया जाए। यह आपकी किताब में लिखा है, मनुस्मृति में लिखा है लेकिन संविधान में नहीं लिखा है।”
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने क्या कहा?
राहुल गांधी के इस बयान को लेकर महाकुंभ में जारी धर्म संसद में धर्मासद विकास पाटनी की ओर निंदा प्रस्ताव रखा गया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे लेकर कहा है, “सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे वीडियो में राहुल गांधी को इस आशय का वक्तव्य कहते हुए दिखाया जा रहा है कि मनुस्मृति बलात्कारियों को संरक्षण देती है। इससे मनुस्मृति को पवित्र ग्रंथ मानने वाले करोड़ों आस्थावान लोगों को बहुत पीड़ा हुई है।”
उन्होंने कहा, “धर्मासद विकास पाटनी जी ने निंदा प्रस्ताव रखा है। परम धर्म संसद 1008 राहुल गांधी के इस वक्तव्य की घोर निंदा करती है और शीघ्रता से अपने आशय को स्पष्ट करने या क्षमा याचना की मांग करती है।” स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राहुल गांधी एक महीने के भीतर यह भी बताएं कि इस परिस्थिति में उन्हें हिंदू धर्म के आधारभूत ग्रंथ की निंदा करने के कारण उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत क्यों ना घोषित किया जाए।
राहुल गांधी एक महीने के भीतर अपना पक्ष, परमधर्मसंसद् के समक्ष रखें। ऐसा न करने पर, उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की घोषणा की जाएगी।#ज्योतिर्मठशंकराचार्य #राहुलगांधी#मनुस्मृति@RahulGandhi pic.twitter.com/0KIEfvA6iV
— 1008.Guru (@jyotirmathah) February 9, 2025
आगे की राह क्या?
यह प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद अब धर्म संसद के सचिव इस प्रस्ताव के साथ एक पत्र लिखकर राहुल गांधी को इसके संबंध में सूचना देंगे। इसके साथ ही राहुल गांधी से एक महीने के भीतर अपना पक्ष परम धर्म संसद के सामने रखने को कहा जाएगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “अगर ऐसा नहीं होता है (राहुल गांधी पक्ष नहीं रखते हैं) तो एक रिमाइंडर देने के बाद उनके हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की घोषणा जारी की जाएगी।”