लव जिहाद, कई लोगों को यह शब्द सुनने के बाद महज दुष्प्रचार लगता है, कई को निजी मामला लगता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ‘स्वार्थी सेक्युलरिज्म’ के सूरमाओं ने अपनी वैचारिक प्रतिबद्धताएं वोट बैंक की राजनीति की भेंट चढ़ा दी हैं। वो धर्म विशेष पर कोई सवाल नहीं उठाते हैं, चाहे मामला महिलाओं की सुरक्षा और इज़्ज़त का ही क्यों ना हो। यहां तक की किसी और का भी उससे जुड़े लोगों पर सवाल उठाना इन सूरमाओं को पसंद नहीं आता। अन्याय के खिलाफ तुरंत आवाज उठाने का दावा करने वाले ये लोग हिंदू लड़कियों को छल, धोखे और जबरन धर्मांतरण का शिकार बनाए जाने पर चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन भारत में लव जिहाद एक गंभीर समस्या बन चुका है। और अब तो मामला लव जिहाद से भी आगे बढ़ गया है, इसे जानने के लिए बिहार से आई इस खबर को पढ़िए, ये आपको झकझोर कर रख देगी।
खुद को कट्टर हिंदू बताता आफताब
बिहार के पूर्णिया के रेड लाइट इलाके से कुछ दिनों पहले पुलिस ने कुछ लड़कियों को रेस्क्यू किया गया था और देह व्यापार कराने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। पुलिस ने वहां से जिन 27 महिलाओं का रेस्क्यू किया था उनमें से 11 तो नाबालिग थीं। लेकिन इस मामले का असली सच अभी खुलना बाकी था। और वो सच खोला, पुलिस द्वारा रेस्क्यू की गई एक लड़की ने। पीड़िता ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि इस गैंग का सरगना आफताब खान नाम का एक शख्स था।
ये आफताब खान खुद को अंकित तिवारी बताकर लड़कियों को फंसाता था। जो लिबरल इसे आपसी मामला बता देते हैं वे ये भी जान लें कि इस आफताब के पास एक काले रंग की थार भी थी जिस पर ‘जय बजरंग बली’ लिखा हुआ था। यह आफताब खुद को कट्टर हिंदू बताता था, हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए उसने यह छवि गढ़ी थी।
हिंदू लड़कियों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेला
यह आफताब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और रॉन्ग नंबर के ज़रिए कम उम्र की लड़कियों से पहले दोस्ती करता था। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें अपने प्यार के जाल में फंसाता और शादी का झांसा देता था। लेकिन इसका असल मकसद तो कुछ और ही था, कुछ भोली लड़कियां जो इसके झांसे में आ जाती थीं ये उन्हें जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देता था। यह काम आफताब अकेले ही अंजाम नहीं देता था बल्कि इसके गैंग में तीन और लोग शामिल थे।
ये तीनों भी पहचान बदलकर आफताब की तरह ही काम करते थे। लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाना, उन्हें शादी का झांसा देना और जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देना, यही इन चारों का पैटर्न था। पुलिस ने इस मामले में आफताब के तीनों सहयोगियों को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन सरगना आफताब अपने पूरे परिवार के साथ फरार है।
हिंदू नामों के आधार कार्ड तक बनवाए
पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया उनके नाम राजीव शाह, ऋषभ शाह और गुड्डू बताए गए। ये तीनों लोग इन्हीं नाम का इस्तेमाल कर लड़कियों को फंसाया करते थे। एक पीड़िता ने कहा कि चारों दलाल मुस्लिम हैं लेकिन शहर के रेड लाइट एरिया में ये नाम बदलकर रह रहे थे। पीड़िता ने बताया कि मोहम्मद शाकिब ने अपना नाम बदलकर राजीव शाह कर लिया था। इन लोगों की प्लानिंग किस स्तर की है इसका अंदाज़ा इससे भी लग सकता है कि शाकिब के पास राजीव शाह के नाम का आधार कार्ड भी था। पीड़िता के मुताबिक, मोहम्मद गुड्डू ने अपना नाम बदलकर गुड्डू कर लिया था और मोहम्मद मौसम खान ने अपना नाम बदलकर ऋषभ शाह रख लिया था।
‘मोहम्मद मौसम ने हिंदू लड़की की हत्या की’
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मोहम्मद मौसम खान पर एक लड़की की गला दबाकर हत्या करने का भी आरोप है। एक पीड़िता ने कहा कि मोहम्मद मौसम ने 2021 में ऋषभ शाह नाम बताकर एक हिंदू लड़की को अपने झांसे में लिया था। मौसम ने रॉन्ग नंबर पर कॉल कर नाबालिग हिंदू लड़की से दोस्ती की शुरुआत की थी। लड़की को जहां मौसम में अपना दोस्त नज़र आ रहा था वहीं मौसम के लिए वो एक शिकार मात्र थी। धीरे-धीरे मौसम ने उसे प्रेम जाल में फंसाना शुरू कर दिया, जब लगा कि लड़की प्रेम के जाल में फंस गई है तो उसे शादी का झांसा दे दिया और मिलने के बहाने अनगढ़ गांव में बुला लिया।
मौसम ने बहुत समय तक लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए, उसका यौन शोषण किया, बलात्कार किया और फिर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया। जब लड़की को पता चला कि मोहम्मद मौसम ने अपनी असली पहचान छिपाई थी तो वह समझ गई कि उसके साथ बड़ा धोखा हुआ है। इसके बाद जब लड़की ने घर जाने की जिद की तो मौसम को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने लड़की की गला दबाकर हत्या कर दी। जो लड़की रॉन्ग नंबर के ज़रिए प्रेम जाल में फंसाई गई थी, जिससे शादी के वादे किए गए थे अंत: में उससे हिस्सा केवल दर्दनाक मौत ही आई। इसके बाद मौसम के खिलाफ अनगढ़ थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया।
सफेदपोशों के पास भेजी और बेची जाती थीं लड़कियां
इस लड़कियों को सिर्फ रेड लाइट एरिया में ही नहीं रखा जाता था बल्कि मोहम्मद आफताब शहर के सफेदपोशों को लड़कियां उपलब्ध कराता था। इन सफेदपोशों से मोटी रकम वसूली जाती थी और यह रकम कई बार एक रात के लिए 10,000 रुपए तक होती थी। यही नहीं, इन नाबालिगों को कई बार दूसरे ज़िलों में 2 से 3 लाख रुपए तक में बेची जाती थीं।
नाबालिगों का कहना है कि दूसरे जिलों के दलालों से चारों दलाल 2 से 3 लाख रुपए में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं की खरीद-फरोख्त करते थे और फिर अच्छी कीमत मिलने पर नाबालिग लड़कियों को बिहार से बाहर के दलालों के हाथों बेचते थे। पीड़िताओं ने बताया कि यह सौदा 4 से 5 लाख रुपए में होता था और कीमत लड़कियों की खूबसूरती और उनकी शारीरिक बनावट के आधार पर तय होती थी।
देह व्यापार और लव जिहाद के इस गोरखधंधे का सरगना मोहम्मद आफताब अकेले काम नहीं करता था बल्कि उसके साथ कई महिलाएं भी शामिल थीं। ये महिलाएं उन लड़कियों पर अत्याचार करती थीं जो देह व्यापार में शामिल होने से इनकार करती थीं। साथ ही, ऐसी लड़कियों को मारा जाता था और उन्हें शारीरिक यातनाएं भी दी जाती थीं। पुलिस ने छापेमारी के दौरान जुबैदा उर्फ कैटरीना नाम की एक ऐसी ही लड़की को भी गिरफ्तार किया है।
‘नाबालिग मुस्लिम लड़कियों को भी बनाया शिकार’
इन आरोपियों ने नाम बदलकर और हिंदू पहचान बताकर हिंदू लड़कियों को बरगलाया और झांसा दिया ही। साथ ही, इन्होंने मुस्लिम लड़कियों को भी इस धंधे में झोंकने से नहीं छोड़ा। एक पीड़िता ने कहा, “वे मुस्लिम होने के नाते ना सिर्फ अपनी समुदाय की भोली-भाली नाबालिग लड़कियों और बेबस महिलाओं को जबरन देह व्यापार के धंधे में धकेल देते थे बल्कि हिंदू नाम बताकर हिंदू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाते थे।” जिस्मफरोशी के धंधे की सनक इन आरोपियों पर इस कदर हावी थी कि इन्होंने नाबालिग बच्चियों को भी नहीं छोड़ा। अब जब पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है तो ज़रूरी है कि लव जिहाद करने वाले ऐसे दुराचारियों को सख्त से सख्त दी जाए।