‘बजट के बाद से बिहार विरोधियों का धुआं-धुआं’: पिछड़े राज्य को फायदा मिला तो राजदीप-दलाल गैंग को दर्द क्यों?

बिहार की कलाकार द्वारा डिजाइन की गई साड़ी पहनकर बजट पेश करने पहुंची थीं वित्त मंत्री सीतारमण

पत्रकार राजदीप सरदेसाई और सुचेता दलाल ने बिहार को फायदे दिए जाने पर सवाल उठाए हैं

पत्रकार राजदीप सरदेसाई और सुचेता दलाल ने बिहार को फायदे दिए जाने पर सवाल उठाए हैं

बजट के दिन आम तौर पर ऐसा होता है कि सरकार बजट पेश करे और विरोधी उसमें कुछ ना होने को लेकर उसकी आलोचना करे। यह सामान्य बात है और विपक्ष या सरकार के विरोधी लोगों द्वारा कुछ ना मिलने पर सरकार का आलोचना किया जाना ठीक भी है लेकिन अगर इसका उलटा हो जाए तो? सरकार की आलोचना तो हो लेकिन वो कुछ ना देने के लिए नहीं बल्कि राज्य को कुछ देने के लिए हो। ऐसा ही कुछ आज के बजट के बाद हुआ है। निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी) को बजट पेश किया तो सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनकी बुराई करने इसलिए आ गए कि उन्होंने बिहार को बजट में बहुत ज़्यादा दे दिया है।

बिहार को बजट पर सवाल क्यों?

जो लोग केंद्र सरकार पर बिहार को अधिक देने के लिए सवाल उठा रहे हैं ये वही लोग हैं जो अब तक इस बात के लिए बीजेपी की आलोचना करते आए थे कि बिहार को अब तक गरीब और पिछड़ा रखा है। बिहार देश के सबसे पिछड़े और गरीब राज्यों में शामिल है। पलायन की समस्या से जूझ रहा है, जहां हर साल हज़ारों लोग बेहतर जीवन की तलाश में अन्य राज्यों में चले जाते हैं।

बिहार में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, रोज़गार के अवसर और बेहतर बुनियादी ढांचे को लेकर तमाम तरह की दिक्कतें हैं। बजट में जो घोषणाएं की गई हैं वो सब बिहार के विकास के लिए एक बड़ी पहल हैं। ऐसे में भी बिहार को अधिक दिए जाने पर सरकार की आलोचना की जा रही है। सबसे पहले जाने लेते हैं कि बिहार को बजट में क्या-क्या मिला है?

बजट में बिहार को क्या मिला?

बिहार में क्या मिला इससे पहले यह जानना भी ज़रूरी है कि जिस साड़ी को पहनकर निर्मला सीतारमण बजट पेश करने पहुंची थीं वो भी बिहार के मधुबनी की ही बनी हुई थी। पद्मश्री से सम्मानित बिहार की कलाकार दुलारी देवी ने इसे डिजाइन किया था और उन्होंने ही इसे सीतारमण को गिफ्ट दिया था। अब जानते हैं कि बिहार के लिए क्या-क्या घोषणाएं की गई हैं जिन्हें लेकर सीतारमण पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

सरकार ने बिहार की राजधानी पटना में स्थित जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट का विस्तार करने और राज्य में कई नए एयरपोर्टस बनाने की घोषणा की है। सरकार ने बिहार के कोसी क्षेत्र में कोसी कैनाल प्रोजेक्ट को वित्तीय मदद देने की घोषणा की है जिससे किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना करने का भी ऐलान हुआ है। साथ ही, बिहार में ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, आन्त्रप्रेन्योरशिप ऐंड मैनेजमेंट’ की स्थापन किए जाने की भी घोषणा की गई है। सरकार ने बताया है कि पटना स्थित IIT के कैंपस का विस्तार किया जाएगा। बजट में सरकार ने दिल खोलकर बिहार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।

बिहार के फायदे से कौन दुखी?

इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित है और कुछ लोग इन घोषणाओं को सीधे तौर पर बिहार चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। बिहार में इस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन की सरकार है। सोशल मीडिया पर नेताओं से लेकर इन्फलुएंसर्स तक सरकार की आलोचना इसलिए कर रहे हैं कि इसमें बिहार के लिए बहुत कुछ है।

बिहार के लिए की गईं घोषणाओं से सबसे ज़्यादा परेशान कांग्रेस और उसके समर्थक नज़र आए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘X’ पर लिखा, “ऐसा लगता है कि बिहार को घोषणाओं का खजाना मिल गया है। यह स्वाभाविक है क्योंकि साल के अंत में वहां चुनाव होने हैं।” वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी बिहार के लिए की गई घोषणाओं पर सवाल उठाए हैं। तिवारी ने कहा, “क्या यह बिहार सरकार का बजट था या भारत सरकार का बजट था।” कांग्रेस सांसद किरण कुमार ने कहा है कि बजट में वित्त मंत्री ने बिहार को काफी तवज्जो दी है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसका कोई राजनीतिक एजेंडा है।”

पत्रकार राजदीप सरदेसाई जैसे लोग तो सीतारण के बजट भाषण के दौरान बिहार का नाम तक लिए जाने से दुखी नज़र आए। सरदेसाई ने ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, “सीतारमण के भाषण को शुरु हुए आधा घंटा बीता है: (और इस दौरान) बिहार का पहले ही विशिष्ट योजनाओं के लिए 4 बार उल्लेख हो चुका है। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश और हैं। इस साल के अंत में बिहार में होने वाले चुनावों को नहीं भूलना चाहिए। 🙏” राजदीप सरदेसाई की पत्नी और TMC से राज्यसभा सांसद सागरिका घोष भी बिहार के नाम से प्रताड़ित नज़र आईं। उन्हें कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने ‘X’ पर #BudgetSession2025 के साथ ‘बिहार, बिहार, बिहार, बिहार’ ही लिख दिया

पत्रकार सुचेता दलाल बजट से इस कदर उखड़ गईं कि उन्होंने बिहार का अपमान तक कर दिया। उन्होंने ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, “#BiharBudget25 में स्वागत है- हवाई अड्डे, मखाना, खनिज और क्या नहीं – चुनाव जीतना ज़रूरी है, देश की जीडीपी की चिंता किसे है।” सुचेता ने बिहार का अपमान करते हुए कहा, “क्या बिहार को भी अधिक सब्सिडी के साथ प्रजनन दर बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा?” बिहार के लिए हुईं घोषणाओं से इनके अलावा कई अन्य लोग भी सोशल मीडिया पर दुखी नज़र आए हैं।

वहीं, कई लोगों ने एक पिछड़े राज्य के तौर पर केंद्र की मदद को सकारात्मक कदम बताया है। दलित चिंतक दिलीप मंडल ने कहा, “जश्न की तैयारी करो बिहारियों। मछली भात खाइए। लिट्टी-मटन भी बनाइए। शाकाहारी लोग आलू की भुजिया और बैंगन का भर्ता खाइए। आज बजट के बाद से बिहार विरोधियों का धुआं-धुआं हो गया है। गरीब राज्य को मोदी जी कुछ दे रहे हैं, तो उनके शरीर में आग लग गई है।”

वरिष्ठ पत्रकार कमलेश सिंह ने कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं बिहार के लिए बहार है क्योंकि वहां इलेक्शन होने वाला है। भाई, इस देश में इलेक्शन में ही गरीबों का भला होता है। इलेक्शन ही सही, पॉलिटिक्स ही सही, अगर एक पिछड़े राज्य का कुछ इंतजाम हो जाए तो उस पर देश को पीछे घसीटने का इल्जाम थोड़ा कम लगाएंगे आप लोग, है कि नहीं?” कई लोगों ने मधुबनी साड़ी पहनने के लिए सीतारमण की तारीफ भी की है।

नीतीश और तेजस्वी ने क्या कहा?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बजट को प्रगतिशील और भविष्योन्मुखी बताया है। नीतीश ने ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा कि इस बजट के ज़रिए देश के विकास की गति को और बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बजट में बिहार के लिए की गईं घोषणाओं को लेकर उन्होंने कहा, “बजट में बिहार के लिए जो घोषणाएं की गई हैं, उनसे बिहार के विकास को और गति मिलेगी। मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए राज्य में एक मखाना बोर्ड की स्थापना से मखाना किसानों को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा प्रदान करने से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ेगी, जिससे यहां के लोगों को काफी फायदा होगा साथ ही राज्य के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी कैनाल परियोजना के लिए आर्थिक मदद मिलने से यहां के किसानों को फायदा होगा। इस बजट में पटना IIT के विस्तार का प्रावधान किया गया है, इससे तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।”

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने इस बजट को गरीब विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है क्योंकि केंद्र सरकार से नीतीश कुमार ने बिहार को कुछ नहीं दिलवाया है। उन्होंने कहा, “पिछले बजट में जो कुछ दिया गया था उसे इस बार भी दोहराया गया है।”

वहीं, बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने आरजेडी और तेजस्वी यादव पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें (आरजेडी और तेजस्वी यादव) बजट 5-6 दिन बाद समझ आएगा। जायसवाल ने कहा, “दुर्भाग्य की बात है कि जिनके परिवार से दो लोग मुख्यमंत्री रहे हैं उन्होंने 10वीं कक्षा भी पास नहीं की है।”

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