दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी हंगामा थमने का नाम नहीं लिया। शनिवार, 24 फरवरी को जहां सत्र के पहले दिन गरमागरम बहस और टकराव देखने को मिला, वहीं आज का दिन भी विवादों से घिरा रहा। जैसे ही दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अभिभाषण शुरू किया, AAP विधायकों ने शोर-शराबा और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सदन की गरिमा भंग होते देख विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सख्त कदम उठाते हुए आप के 12 विधायकों को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। निलंबित विधायकों में सदन में नेता प्रतिपक्ष और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी भी शामिल हैं। इसके साथ ही, आज (25 फरवरी 2025) ही मुख्यमंत्री आवास ‘शीशमहल’ और मोहल्ला क्लीनिक्स के रिनोवेशन में कथित अनियमितताओं के जिक्र वाली CAG रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा पेश की गई।
जिस हथियार से कांग्रेस पर किया था वार, अब वही झेल नहीं पा रही आप सरकार
दिल्ली विधानसभा में आज मंगलवार (25 फरवरी 2025) को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री आवास ‘6 फ्लैग स्टाफ रोड’ (जिसे सोशल मीडिया पर ‘शीशमहल’ भी कहा जाता है) के नवीनीकरण में नियमों के उल्लंघन और वित्तीय अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है। गौरतलब है कि यही बंगला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास है। रिपोर्ट के अनुसार, बंगले के विस्तार के लिए नियमों को नजरअंदाज करते हुए कैंप ऑफिस और स्टाफ ब्लॉक को इसके परिसर में शामिल कर दिया गया था।
दिलचस्प बात यह है कि यही केजरीवाल कभी सीएजी रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे। उन्होंने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान स्ट्रीट लाइटिंग प्रोजेक्ट में 90 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा करते हुए शीला दीक्षित को जेल भेजने की मांग की थी। उस समय केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) को शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। उनके सहयोगी और तत्कालीन कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने भी सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी परियोजनाओं की जांच एसीबी द्वारा की जाएगी।
दिल्ली के दो विधानसभा चुनावों (2013 और 2015) के दौरान केजरीवाल ने सीएजी रिपोर्ट को “370 पन्नों का सबूत” बताते हुए शीला दीक्षित सरकार की प्रशासनिक विफलताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला था। मगर अब हालात बदल गए हैं। वही सीएजी रिपोर्ट, जो कभी केजरीवाल के लिए कांग्रेस पर हमला करने का औजार थी, अब उनकी ही सरकार के लिए मुसीबत बन गई है।