‘तालिबान को ₹129 करोड़ के कंडोम, खतना के लिए ₹86 करोड़’: कैसे करदाताओं के पैसे फूंक रहा था USAID?

राष्ट्रपति ट्रंप ने USAID को 'कट्टरपंथी पागलों द्वारा संचालित एजेंसी' कहा है और इसकी कड़ी आलोचना की है

लंबे समय से USAID की कार्यशैली के आलोचक रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप

लंबे समय से USAID की कार्यशैली के आलोचक रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन लगातार खर्चों में कटौती की कोशिश करने में लगा हुआ है। इसी के मद्देनज़र अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व में ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ (DOGE) नामक नया मंत्रालय बनाया गया है और यह USAID (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) की गंभीरता से जांच कर रहा है। इसी USAID पर भारत में वोटिंग के नाम पर $21 मिलियन का फंड रखने का भी आरोप है जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने चुनावी हस्तक्षेप की कोशिश बताया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने USAID को ‘कट्टरपंथी पागलों द्वारा संचालित एजेंसी’ कहा है और इसकी कड़ी आलोचना की है।

ट्रंप लंबे समय से USAID की कार्यशैली के आलोचक रहे हैं और उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें 90 दिनों के लिए विदेशी सहायता को रोक दिया गया है। उन्होंने कहा है कि वे ‘बर्बादी, धोखाधड़ी और गड़बड़ी’ को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। पिछले कुछ हफ़्तों में USAID के फंड का दुरुपयोग और गलत तरह से इस्तेमाल किए जाने के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। लाखों डॉलर के फंड को अजीबोगरीब कार्यक्रमों में लगाया गया था, जो वास्तव में एक विदेश नीति को मजबूत करने के बजाय सामाजिक विभाजन और लोगों के बीच दरार पैदा करने पर ज्यादा केंद्रित थे।

ट्रंप और मस्क लगातार इनके तथाकथित कार्यक्रमों का पर्दाफाश कर रहे हैं और USAID के खर्चों की सूची लगातार दुनिया भर में लोगों को चौंका रही है। आपको कुछ अजीबोगरीब नीतियां बताते हैं जिनके ज़रिए अमेरिकी करदाताओं का पैसा दुनिया भर के देशों में खर्च किया जा रहा था।

तालिबान के लिए ₹129 करोड़ के कंडोम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, USAID ने अफगानिस्तान में तालिबान को $15 मिलियन (लगभग 129 करोड़ रुपये) मूल्य के कंडोम आवंटित किए हैं। तालिबान एक कट्टरपंथी धार्मिक संगठन है जिसने अमेरिका की वापसी के बाद काबुल में सत्ता हथिया ली थी। महिलाओं के अधिकारों को दबाने के लिए कुख्यात तालिबान को कंडोम के लिए पैसे देना किसी तरह उचित नज़र नहीं आता है

मोज़ाम्बिक में खतना के लिए ₹86 करोड़ रुपए

DOGE ने खुलासा किया कि USAID मोज़ाम्बिक में खतना के लिए $10 मिलियन (करीब 86 करोड़) देने की योजना बना रहा था। यह अमेरिकी विदेश नीति के लिए कितना अहम था, या इसकी आड़ में इस पैसे को कहीं और ही खर्च किया जाना था, यह ज़रूर सोचने वाली बात है।

नेपाल में नास्तिकता के लिए ₹3.8 करोड़ रुपए

USAID ने हिंदू बहुल देश नेपाल में नास्तिकता को बढ़ावा देने के लिए $4,46,000 (करीब 3.86 करोड़ रुपए) खर्च किए थे। यहां समझने वाली बात यह भी है कि नेपाल के साथ अमेरिकी कोई दुश्मनी वाला मुद्दा नहीं है। हालांकि, USAID अपनी पारंपरिक संस्कृति को हटाने और उसकी जगह नास्तिकता को लाने के लिए बड़ी रकम खर्च कर रहा है।

LGBTQ के लिए बेतहाशा खर्च

USAID ने दुनिया के अलग-अलग देशों में LGBTQ को बढ़ावा देने के नाम मिलियन डॉलर खर्च किए या अगले कुछ समय में खर्च करने की योजना बना रहा था। USAID ने सर्बिया में कार्यस्थलों पर LGBTQ के लिए $1.5 मिलियन खर्च किए हैं। साथ ही, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के माध्यम से पश्चिम और मध्य अफ्रीका में फ्रेंच भाषी LGBTQ समूहों को बढ़ावा देने के लिए 1 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे। वहीं, पेरू में LGBTQ केंद्रित कॉमिक बुक के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय विभाग द्वारा 32,000 डॉलर का अनुदान दिया गया था।

USAID के माध्यम से ‘बीइंग LGBTQ इन कैरेबियन’ के लिए 3.3 मिलियन डॉलर और सर्बिया में LGBTQ लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 मिलियन डॉलर की राशि खर्च की गई थी। वहीं, विदेश विभाग के माध्यम से स्लोवाकिया के ब्रातिस्लावा में LGBTQ समुदाय केंद्र के लिए 80,000 डॉलर खर्च किए गए थे। अर्जेंटीना में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में चेतावनी देने वाली जलवायु परिवर्तन प्रस्तुति के लिए 55,750 डॉलर दिए गए जिसका नेतृत्व महिला और एलजीबीटी पत्रकारों द्वारा किया गया था और यह खर्चा अमेरिकी विदेश मंत्रालय के माध्यम से किया गया था।

ड्रैग शो और ट्रांसजेंडर ओपेरा पर खर्च

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के माध्यम से इक्वाडोर में एक ड्रैग शो के लिए 20,600 डॉलर खर्च किए गए थे। वहीं, विदेश मंत्रालय के माध्यम से ही कोलंबिया में एक ट्रांसजेंडर ओपेरा के लिए 47,020 डॉलर की राशि स्वीकृत की गई थी। साथ ही, ग्वाटेमाला में सेक्स चेंज और ‘एलजीबीटी सक्रियता’ के लिए 2 मिलियन डॉलर की राशि दी गई थी

वित्तीय वर्ष 2023 में USAID ने कुल 72 बिलियन डॉलर खर्च किए जिसमें से सबसे ज्यादा 16 बिलियन डॉलर की राशि यूक्रेन को भेजी गई थी। एलन मस्क ने कहा कि ट्रंप ने USAID को बंद करने पर सहमति दी है क्योंकि यह ‘पूरी तरह से राजनीतिक पक्षपाती’ है और इसे सुधारना नामुमकिन है। खर्च में कटौती की ट्रंप-मस्क योजना के तहत कई कर्मचारियों को उनके कार्यालयों से बाहर कर दिया गया है और USAID को विदेश मंत्रालय में विलय करने की योजना बनाई जा रही है।

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