दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 27 साल बाद दिल्ली में फिर बीजेपी का मुख्यमंत्री बनने जा रहा है। दिल्ली में बीते 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे सामने आए और 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को बंपर बहुमत मिला। बीजेपी ने 48 सीटों पर विजय प्राप्त की जबकि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सिर्फ 22 सीटें ही जीत सकी। आज (19 फरवरी) को बीजेपी के विधायक दल की बैठक होनी है और उम्मीद है कि आज ही दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा।
10 दिन से अधिक समय तक मुख्यमंत्री ना चुन पाने के लिए विपक्ष लगातार बीजेपी पर सवाल उठा रहा है। AAP की विधायक और दिल्ली की कार्यवाहक सीएम आतिशी ने तो यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने 48 विधायकों में किसी पर भी भरोसा नहीं है। वहीं, शिक्षक और AAP नेता अवध ओझा ने भी इसे लेकर बीजेपी को घेरा है। बीजेपी के मुख्यमंत्री चुनने में देरी के लिए तीन प्रमुख वजहें मानी जा रही हैं, आइए उन वजहों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
प्रधानमंत्री का फ्रांस-अमेरिका दौरा
दिल्ली में चुनाव नतीजे आने के दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की आधिकारिक यात्रा पर गए थे। यहां उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी बातचीत की और AI शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता भी की। साथ ही, पीएम मोदी व मैक्रों ने मार्सिले का दौरा भी किया। इसके बाद फ्रांस से पीएम मोदी 13 फरवरी को अमेरिकी की यात्रा पर चले गए और 14 फरवरी को देर रात दिल्ली लौट आए। अमेरिका में पीएम मोदी ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति के कारण दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया धीमी रही और पीएम की अनुपस्थिति में किसी नाम का एलान करना बीजेपी के लिए मुश्किल था।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़
पीएम मोदी के दिल्ली से लौटने के अगले ही दिन (15 फरवरी) की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने के अनाउंसमेंट से हादसा हुआ था। दिल्ली में हुए इस हादसे के बाद बीजेपी को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया को कुछ वक्त के लिए टालना पड़ा था।
भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में यह तय किया गया था कि दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह को सादा रखा जाएगा। हालांकि, बाद में तय किया गया कि दिल्ली में बीजेपी ने 27 वर्षों बाद जीत दर्ज की है और राष्ट्रीय राजधानी में जीत का असर दूरगामी होता है ऐसे में इस समारोह को भव्य बनाया जाए। इस भव्य समारोह की तैयारियों में 2-3 दिन का समय लगना था जिसके चलते भी बीजेपी के नए मुख्यमंत्री की चयन प्रक्रिया में देरी हुई। इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, देशभर के 20 राज्यों के मुख्यमंत्री, सभी केंद्रीय मंत्री और एनडीए के नेता शामिल होंगे। साथ ही, इस आयोजन में राजनीति, उद्योग, फिल्म और आध्यात्मिक जगत की कई दिग्गज हस्तियां भी शिरकत करेंगी।
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री की रेस में नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा, दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज को हराने वालीं शिखा राय समेत कई नेता शामिल हैं। अगले कुछ ही घंटों में विधायक दल की बैठक होनी है और जल्द ही दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान होने जा रहा है।