दिल्ली चुनाव परिणाम: मुस्लिम बहुल सीटों पर कैसा रहा BJP का प्रदर्शन, कितना खेला कर पाए औवेसी?

AAP और कांग्रेस के बीच मुस्लिम वोटों के बंटवारो को लेकर टक्कर थी लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया था

दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी का 27 वर्ष लंबा वनवास खत्म हो गया है। दिल्ली में लगभग 13% मुस्लिम मतदाता हैं जो कई सीटों पर निर्णायक प्रभाव रखते हैं। इनमें सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, बाबरपुर, चांदनी चौक, मटिया महल और बल्लीमारान की सीटें प्रमुख हैं। बीजेपी ने चुनाव में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था और मुस्लिम बहुल सीटों पर हिंदू वोटों को एकजुट करने के लिए हिंदू उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारा था।

चुनाव से पहले एग्ज़िट पोल्स में कई लोगों ने दावा किया था कि कुछ मुस्लिम मतदाताओं ने बीजेपी का रुख भी किया था। AAP और कांग्रेस के बीच मुस्लिम वोटों के बंटवारो को लेकर टक्कर थी लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया था।

AIMIM ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इन्हें लेकर भारी विरोध भी हुआ था क्योकिं AIMIM ने जिन दो उम्मीदवारों को टिकट दिया था वे दोनों ही दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी थे। इन चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपने उम्मदीवार और दिल्ली दंगों के आरोपी शिफा-उर रहमान खान व ताहिर हुसैन के लिए कई रैलियां की थीं और माना जा रहा था कि इनका प्रभाव आस-पास में भी मुस्लिम मतों को प्रभावित करने में हो सकता है।

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