दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद अब पार्टी पर पंजाब में टूट का खतरा मंडरा रहा है। 2013 में दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव लड़ी AAP इन चुनावों में अपने सबसे खराब प्रदर्शन पर पहुंच गई है। AAP को 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में 22 सीटें मिली हैं और बीजेपी ने 48 सीटों के साथ अपना 27 वर्ष लंबा राजनीतिक वनवास खत्म कर दिया है। इन चुनावों में AAP के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं। दिल्ली की हार के बाद अब पंजाब ही एकमात्र ऐसा राज्य बचा है, जहां AAP सत्ता में है। इस हार के बाद पंजाब में AAP के भविष्य और मौजूदा नेतृत्व को लेकर भी खूब चर्चाएं हो रही हैं।
कांग्रेस में शामिल होंगे AAP के विधायक!
दिल्ली में हार के साथ ही पंजाब में अब भगवंत मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार को कांग्रेस घेर रही है। एक और जहां कांग्रेस के कई नेता मध्यावधि चुनाव का दावा कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा ने कहा कि AAP के 30 विधायक उनके संपर्क में हैं। बाजवा का कहना है कि पंजाब के लोगों को वेबकूफ बनाने के लिए AAP नेताओं ने बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन ज़मीन पर कुछ होता नज़र नहीं आ रहा है जिसके चलते लोगों में AAP के प्रति गुस्सा है।
वहीं, गुरदासपुर से कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने AAP में टूट का दावा करते हुए कहा है कि पंजाब को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि AAP के 35 विधायक दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
केजरीवाल ने बुलाई पंजाब के विधायकों की बैठक
दिल्ली में हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की राजनीति पर अपनी पकड़ को और मज़बूत करना शुरू कर दिया है। पंजाब में 10 फरवरी को कैबिनेट बैठक होनी थी लेकिन इससे पहले ही केजरीवाल ने 11 फरवरी को दिल्ली में पंजाब के सभी AAP विधायकों की बैठक बुला ली है। पंजाब में जहां सरकार के कामकाज को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं ऐसे में AAP किसी भी हालत में पंजाब को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती है। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक से पहले कुछ बड़े फैसलों को लेकर केजरीवाल ने यह बैठक बुलाई है। हालांकि, अभी तक आधारिक रूप से इस बैठक का एजेंडा स्पष्ट नहीं है।
केजरीवाल बनेंगे पंजाब के मुख्यमंत्री?
दिल्ली में चुनाव के नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर एक चर्चा खूब ज़ोर-शोर से चल रही है कि ‘चुनाव केजरीवाल हारे हैं लेकिन इस्तीफा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का होगा’। कुछ दिनों पहले AAP की पंजाब ईकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा था कि हिंदू भी पंजाब का मुख्यमंत्री हो सकता है, वह केवल योग्य होना चाहिए। इस बयान के अब अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं और इसे केजरीवाल को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने के लिए ज़मीन तैयार करने के तौर पर देखा जा रहा है। बाजवा ने भी दावा किया है कि केजरीवाल अब पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। पिछले महीने लुधियाना पश्चिम से AAP के विधायक गुरप्रीत गोगी का निधन हो गया था और वह सीट फिलहाल खाली है। ऐसे में कयास ये भी लग रहे हैं कि केजरीवाल इसी सीट से उप-चुनाव लड़ सकते हैं।
मान ने जहां-जहां किया प्रचार वहां हारी AAP
दिल्ली के विधानसभा चुनावों में पंजाब के मुख्यमंत्री मान समते कई बड़े नेताओं ने अलग-अलग सीटों पर चुनाव प्रचार किया था। मान ने दिल्ली में 12 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार किया था जिनमें केजरीवाल की नई दिल्ली सीट और मनीष सिसोदिया की जंगपुरा सीट भी शामिल थी। हालांकि, AAP इन 12 में से कोई भी सीट नहीं जीत सकी। इसके अलावा मान ने दिल्ली में जनकपुरी, द्वारका, मादीपुर, रोहतास नगर, शकूर बस्ती, आदर्श नगर, पालम, कस्तूरबा नगर, विकासपुरी, विश्वास नगर में प्रचार किया था और इन सभी जगहों पर भी AAP को हार का सामना करना पड़ा है।