ट्रम्प के गाज़ा कब्ज़े की योजना का ‘दामाद’ फैक्टर: बम की जगह दिखेगी बिकनी, अरब मुल्क़ों से भी ख़ूब जम रहा कारोबार

और हाँ, अब तो मुस्लिम कारोबारी हुसैन साजवानी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच संबंध और प्रगाढ़ होते जा रहे हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों जनवरी 2025 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दिखाई दिए।

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गाज़ा की तस्वीर बदलेंगे डोनाल्ड ट्रम्प? (बाएँ: AI/Grok निर्मित तस्वीर), ट्रम्प-नेतन्याहू की प्रेस कॉन्फ्रेंस (दाएँ)

इटालियन में एक शब्द है Riviera (रिवीएरा), जिसका आशय किसी आकर्षक और सुंदर समुद्र-तट वाले क्षेत्र से होता है। यानी, ऐसा समुद्र-तटीय क्षेत्र जो पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह हो। जहाँ बीच हों, होटल्स हों और रिजॉर्ट्स हों। ख़ैर, हम आज रीवीएरा की बात इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि शायद अब दुनिया को एक नया पर्यटन स्थल मिलने वाला है। अब ये मिलेगा या नहीं ये तो समय बताएगा, लेकिन हलचल शुरू है। अमेरिका में ताज़ा सत्ता-परिवर्तन के बाद कुछ भी असंभव नहीं है, जो अजीब है वो भी सामान्य है। अब तो डोनाल्ड ट्रम्प पूरी गाज़ा पट्टी को एक रिवीएरा में विकसित करने की योजना बना रहे हैं।

जिस तरह से इजरायल और फिलिस्तीन में संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक-एक कर के कई बैच में हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायलियों को छुड़ाने में इजरायल की सरकार के पसीने छूट रहे हैं – डोनाल्ड ट्रम्प के ऐलान ने सिर्फ गाज़ा पर राज कर रहे हमास ही नहीं बल्कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की परेशानियाँ भी बढ़ा दी हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया है कि अमेरिका न केवल गाज़ा पर अपना नियंत्रण स्थापित करेगा, बल्कि इसका मालिक। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप किस हैसियत से ऐसा करेंगे, तो उनका सीधा सा जवाब था – अमेरिका की हैसियत से।

गाज़ा को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प का नया ऐलान: ‘दामाद’ फैक्टर

अब डोनाल्ड ट्रम्प को कुछ लोग इस ऐलान के बाद सनकी बता सकते हैं, लेकिन जो लोग उनकी कार्यप्रणाली से परिचित हैं वो जानते हैं कि ट्रम्प समस्याओं के समाधान इसी तरह निकाला करते हैं। और अब तो उनके साथ दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क हैं, दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स में से एक ‘X’ है। अमेरिकी मीडिया तो इससे परेशान है कि अगर कोई आवाज़ उठाए भी ट्रम्प के ख़िलाफ़ तो कैसे उठाए, X पर मस्क के एक इशारे पर आकर आलोचकों को शांत कर देती है।

इस पूरे प्रकरण में पर्दे के पीछे से जिस शख्स का नाम सामने आ रहा है, – वो है जेरेड कुशनर। वो इवांका ट्रम्प के पति हैं, यानी डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद। अपने ससुर के वरिष्ठ सलाहकार भी रह चुके हैं। ये तो अब तक सबको पता है कि ट्रम्प परिवार का मुख्य पेशा व्यवसाय का है, उसमें भी रियल एस्टेट। ऐसे में गाज़ा का मालिक बनने के पीछे भी व्यवसाययिक हित हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वो ‘क्यूट’ नहीं दिखना चाहते हैं, चतुर भी नहीं बनना चाहते, लेकिन गाज़ा ‘मध्य-पूर्व का रिवीएरा’ बन सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प की नज़र में ये शानदार और भव्य होगा।

फरवरी 2024 में डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर भी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक इंटरव्यू के दौरान कह चुके हैं कि गाज़ा के लोग आकर जीविकोपार्जन पर ध्यान केंद्रित करें तो गाज़ा का समुद्र-तटीय क्षेत्र बहुत मूल्यवान साबित हो सकता है। उन्होंने कहा था कि इजरायल के नज़रिए से वो यहाँ से लोगों को हटाने और इसे साफ़ करने का प्रयास करेंगे। तो क्या, ससुर के राष्ट्रपति बनने के बाद अब ये प्रयास चालू हो गया है? ट्रम्प के दोनों बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर इनकी व्यावसायिक विरासत सँभाल रहे हैं।

मुस्लिम मुल्कों के साथ डोनाल्ड ट्रम्प की कंपनियों के प्रोजेक्ट्स

सबसे मजेदार बात – डोनाल्ड ट्रम्प की कंपनी के फैलाव में उनकी सबसे अधिक सहायता मुस्लिम ही कर रहे हैं। ये भारत के वो कट्टरपंथी नहीं हैं जो ISIS वालों के टॉयलेट साफ़ करने जाते हैं, ये मिडिल-ईस्ट के वो अमीर शेख हैं जो इन कट्टरपंथियों को पूछते तक नहीं। सऊदी अरब की एक कंपनी है – Dar Global, ये सऊदी अरब की ही एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी Dar Al Arkan Real Estate Development PJSC (DAARE) का एक हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में ट्रंप समूह के साथ इसने कई प्रोजेक्ट्स को लेकर करार किए हैं।

ओमान में एक लक्जरी होटल और गोल्फ रिजॉर्ट बनाया जा रहा है। सऊदी अरब के जेद्दाह और UAE के दुबई में ट्रम्प और डार मिल कर 2 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। वैसे अक्टूबर 2005 में ही होटल और अपार्टमेंट्स वाले ट्रम्प टॉवर के 2 प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई थी, लेकिन 2011 में वैश्विक मंदी के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। दुबई में ट्रम्प के पास पहले से ही एक गोल्फ क्लब है, जिसे 2017 में चालू किया गया था। अरबपति हुसैन साजवानी की कंपनी DAMAC प्रॉपर्टीज के साथ मिल कर दुबई गोल्फ क्लब को बनाया गया है।

और हाँ, अब तो मुस्लिम कारोबारी हुसैन साजवानी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच संबंध और प्रगाढ़ होते जा रहे हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों जनवरी 2025 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दिखाई दिए। इसमें ऐलान किया गया कि DAMAC अमेरिका में नए डेटा सेंटरों के निर्माण के लिए 20 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। ट्रम्प ओमान, जेद्दाह और दुबई में डील पर डील कर रहे हैं। नए टॉवर और लक्जरी रिजॉर्ट बन रहे हैं। मिडल-ईस्ट में ट्रम्प परिवार कमाई के असीमित मौके देख रहा है। एरिक ट्रम्प ‘फाइनेंसियल टाइम्स’ को बता चुके हैं कि इस क्षेत्र में विकास कार्य जल्द रुकने वाले नहीं हैं।

सऊदी अरब की एक अन्य बड़ी स्पोर्ट्स कंपनी LIV गोल्फ के साथ भी ट्रम्प की कंपनी काम करती है। दुनिया भर में ट्रम्प कई गोल्ड कोर्स हैं, और LIV वहाँ टूर्नामेंट्स आयोजित करने के लिए पैसे देती है। यहाँ तक कि जेरेड कुशनर की कंपनी Affinity Partners भी सऊदी अरब के वेल्थ फंड ‘पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF)’ के साथ मिल कर काम कर रही है। PIF के मुखिया ख़ुद सऊदी अरब के शासक और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हैं। इस कंपनी ने ट्रम्प के दामाद की कंपनी में 2 बिलियन डॉलर का निवेश कर रखा है। ‘क़तर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी’ से लेकर अबुधाबी की सेंट्स मैनेजिंग कंपनी Lunate तक, खाड़ी देशों से ट्रम्प के दामाद की कंपनी में पैसे बहते हैं।

साफ़ है, गाज़ा के लिए मिडिल-ईस्ट के इन अमीर मुल्कों से शायद ही आवाज़ उठे। अमेरिका के गाज़ा पर कब्जे के बाद ट्रम्प वहाँ इन्हीं इस्लामी मुल्कों के साथ मिल कर टॉवर बनाएँगे, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाएँगे, रिजॉर्ट बनाएँगे, होटल बनाएँगे। जिस तरह से वो ग्रीनलैंड को डेनमार्क से ख़रीदने का ऑफर दे रहे हैं, कनाडा का अमेरिका में विलय कर इसे USA का 51वाँ राज्य बनाने की बातें कर रहे हैं, पनामा नहर को नियंत्रण में लेना चाह रहे हैं – उससे साफ़ है कि इस बार वो जल्दी में हैं और इस कार्यकाल को वो किसी भी तरह ऐतिहासिक बनाना चाह रहे हैं।

अमेरिकी मीडिया बता रहा मूर्खतापूर्ण और ख़तरनाक

भारत की तरह ही, अमेरिकी मीडिया का अभिजायत वर्ग भी डोनाल्ड ट्रम्प से घृणा करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स में हाल ही में छपा स्तम्भकार थॉमस एल. फ्रीडमैन का एक लेख देखिए, उससे आपको ये और अच्छी तरह समझ में आ जाएगा। उनका मानना है कि गाज़ा को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प का प्रस्ताव अब तक किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पेश किया गया सबसे मूर्खतापूर्ण और खतरनाक मध्य पूर्व ‘शांति’ पहल है। अब तो वो इसीलिए भी हैरान हैं क्योंकि पहले ट्रम्प के इर्दगिर्द जो राजनेता और अधिकारी थे वो रोकटोक करते रहते थे, अब तो सब के सब उनके ही लोग हैं उनके आसपास।

थॉमस एल. फ्रीडमैन का मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति कम और गॉडफादर अधिक हो गए हैं। उनका तो ये भी मानना है कि गाज़ा वालों को जॉर्डन या इजिप्ट में ठूँस देने वाले अभियान में हिस्सा लेने से कई इजरायली सैनिक ही इनकार कर देंगे। भारत के अराजकतावादी मृदुभाषी बुद्धिजीवियों की तरह फ्रीडमैन की भी भविष्यवाणी है कि दुनिया भर के कई मुल्कों में मुस्लिम सड़क पर उतरेंगे, अमेरिकी दूतावासों के लिए ख़तरा उत्पन्न हो जाएगा। वो समाधान देते हैं कि अरब पीसकीपिंग फोर्स को गाज़ा पर शासन करने दिया जाए और वो फिलिस्तीनी सुरक्षाबलों को प्रशिक्षित करे। उनका ये भी विचार है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, इजरायली बंधकों की रिहाई में देरी भी इसी का हिस्सा है।

खैर, जो भी हो लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के ताज़ा बयान ने जॉर्डन और इजिप्ट की नींद तो उड़ा ही दी है। जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने गाज़ा के 2000 बच्चों को अपने देश में लाने पर स्वीकृति भी दे दी है। इन्हें हेलीकॉप्टर से जॉर्डन लाया जाएगा। वहीं इजिप्ट भी कह रहा है कि पुनर्निर्माण के कार्य में वो सहयोग करेगा। ईरान में तो हलचल और भी तेज़ है, ईरानी मीडिया कह रहा है कि जॉर्डन-इजिप्ट डर से ट्रम्प के प्लान को स्वीकार कर लेंगे क्योंकि ऐसा न होने की स्थिति में अमेरिका उनकी वित्तीय मदद रोक देगा। हालाँकि, लेबनान ने ट्रम्प की योजना को नकार दिया है। अब देखना है, मिडिल-ईस्ट की तस्वीर कैसी बनती है आने वाले दिनों में।

जो गाज़ा में करना है, वो अल्बानिया में चालू हो चुका है

दक्षिण-पूर्वी यूरोप में एक देश है – अल्बानिया। यूँ तो सेक्युलर, लेकिन आधी से अधिक जनसंख्या मुस्लिम। डोनाल्ड ट्रम्प की कंपनियों ने गाज़ा में जो करने की योजना बनाई है, वो अल्बानिया में तो चालू भी हो चुका है। वहाँ का एक द्वीप, जो कभी मिलिट्री आउटपोस्ट हुआ करता था, वहाँ अब लक्जरी रिजॉर्ट्स बनेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर की एक कंपनी को वहाँ की सरकार ने ‘स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर’ का दर्जा भी दे दिया है। ‘अटलांटिक इन्क्यूबेशन पार्टनर्स LLC’ को 45 हेक्टेयर के प्रोजेक्ट की अनुमति भी प्रदान कर दी गई है। सज़ान नाम के द्वीप पर ये परियोजना 140 करोड़ डॉलर में पूरी की जाएगी। इससे वहाँ 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद अल्बानिया के ज़्वेर्नेक द्वीप को भी विकसित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। वहाँ इन प्रोजेक्ट्स के कारण विरोध प्रदर्शन भी हो सकता है, क्योंकि पर्यावरण के नाम पर लोगों को उकसाया जा सकता है। हालाँकि, एक तरह से समझ लीजिए कि गाज़ा में हो योजना है अल्बानिया में उसकी शुरुआत भी हो चुकी है।

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