पादरी से लिखित माफी और होली का अपमान: हिंदुओं की सहिष्णुता का मज़ाक़ बना रहीं फराह खान?

फराह ने 'सेलिब्रिटी मास्टरशेफ' शो के होली स्पेशल एपिसोड के दौरान होली को लेकर विवादित टिप्पणी की है

'हालेलुया' का मज़ाक़ बनाने के लिए फराह खान ने मांगी थी लिखित माफी

'हालेलुया' का मज़ाक़ बनाने के लिए फराह खान ने मांगी थी लिखित माफी

भारतीय संस्कृति और हिंदू त्यौहारों का अपमान करना और हिंदू आस्था को नीचा दिखाना कई सेलेब्रिटीज़ के लिए एक नया ट्रेंड बनता जा रहा है। चाहे फिल्मों में हिंदू देवी-देवताओं का गलत तरीके से चित्रण हो, विज्ञापनों में धार्मिक परंपराओं का मजाक उड़ाना हो या किसी त्यौहार पर गलत टिप्पणी कर उसे गलत रूप में प्रस्तुत करना हो। आपने लगातार ऐसे उदाहरण देखे होंगे, अब इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है और वो नाम है फिल्म डायरेक्टर और कोरियोग्राफर फराह खान का। फराह ने ‘सेलिब्रिटी मास्टरशेफ’ शो के होली स्पेशल एपिसोड के दौरान होली को लेकर विवादित टिप्पणी की है।

क्या बोलीं फराह खान?

फराह ने इस शो में होली को ‘छपरी’ लोगों का त्यौहार बता दिया है। फराह ने कहा, “सारे छपरी लड़कों का पसंदीदा त्यौहार होली ही होता है, यह याद रखना।” भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र त्योहारों में होली पर होलिका दहन की परंपरा भक्त प्रह्लाद, भगवान विष्णु और होलिका की पवित्र कथा से जुड़ी हुई है। तो वहीं, होली पर रंग खेलने की परंपरा भगवान कृष्ण और राधा से जुड़ी हुई है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक होली पर जिस तरह सवाल उठाकर हिंदू संस्कृति का खुलेआम अपमान फराह कर रही हैं, वैसी हिम्मत वो किसी अन्य पंथ या मजहब के लिए नहीं दिखा सकती है। आस्थाओं का सम्मान करना हमारी संस्कृति रही है वैसा ही होना भी चाहिए।

फराह के खिलाफ दर्ज हुआ केस

फराह खान के इस बयान को लेकर उनके खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में क्रिमिनल केस भी दर्ज कराया गया है। यह केस बिग बॉस के प्रतिभागी और ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ के नाम से मशहूर इंफ्लुएंसर विकास पाठक द्वारा कराया गया है। फराह खान के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 299, 302 और 353 के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने को लेकर शिकायत दी गई है। वहीं, विकास के वकील ने कहा है कि होली के त्यौहार को ‘छपरी’ बताकर फराह ने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है। विकास के अलावा कई अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया पर फराह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

‘सबसे बड़ी छपरी हैं फराह खान’

इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर फराह खान का विरोध कर रहे हैं। बिग बॉस प्रतिभागी और बीजेपी के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने तो फराह को सबसे बड़ा ‘छपरी’ बता दिया है। बग्गा ने कहा, “फराह खान का बयान कि होली छपरियों का त्योहार है, मुझे लगता है कि भारतीय संस्कृति और त्यौहारों को निशाना बनाना इन छपरियों का सबसे पसंदीदा काम बन गया है।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि फराह जी, आप सबसे बड़ी छपरी हैं। हम कई सालों और कई सदियों से होली मनाते आ रहे हैं और भारत के लोग होली और दिवाली अच्छे से मनाते हैं, लेकिन आप जैसे कुछ छपरी आकर इसे बदनाम करने की कोशिश करते हैं। आपको देश से इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।”

जब फराह को मांगनी पड़ी लिखित माफी

फराह खान इससे पहले भी विवादों में पड़ चुकी हैं। फराह खान, एक्ट्रेस रवीना टंडन और कॉमेडियन भारती सिंह ने 2019 में फ्लिपकार्ट वीडियो ओरिजनल्स के क्विज शो ‘बैकबेंचर्स’ के दौरान बाइबल के एक शब्द ‘हालेलुया’ का मज़ाक़ उड़ाया था। इसके बाद तीनों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे और मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था जिसके बाद फराह ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी थी

ईसाइयों का गुस्सा इस पर शांत नहीं हुआ और उनके खिलाफ अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किए गए थे। फराह इसके बाद रवीना के साथ रोमन कैथोलिक चर्च के भारतीय कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस से मिलीं और उन्होंने वहां हाथ से लिखकर माफीनामा दिया था जिसके बाद यह मामला शांत हुआ था। फराह ने इस मुलाकात की एक तस्वीर भी शेयर की थी जिसमें वह हाथ जोड़कर पादरी के पास खड़ी नज़र आ रही थीं। फराह ने ग्रेसियस के सामने अपनी कथित पेशी की एक और तस्वीर शेयर कर लिखा था, “ग्रेसियस से आशीर्वाद पाकर धन्य हो गई…परिस्थितियां जो भी हों, ऐसी दयालु और पवित्र आत्मा से मिलना सौभाग्य की बात है।”

ओसवाल्ड ग्रेसियस के साथ फराह खान और रवीना टंडन

हिंदुओं को असहिष्णु बताने वाली जमात को नहीं भूलना चाहिए कि किस तरह सिर्फ एक शब्द पर टिप्पणी के लिए फराह को हाथ से लिखकर माफीनामा देना पड़ा था। अब फराह ने होली को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की है। यह स्पष्ट संकेत था कि आस्था पर चोट करने वालों को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना ही चाहिए। लेकिन लगता है कि फराह ने अपनी पिछली गलती से कोई सबक नहीं लिया या फिर उन्हें लगता है कि हिंदू देवी-देवताओं, त्योहारों और धार्मिक प्रतीकों का अपमान करना आसान चीज़ है। इसमें कहीं कोई शक नहीं है कि बॉलीवुड का एक खास वर्ग हिंदू आस्था को हल्के में लेता आया है। लेकिन इन दोहरे मानदंडों का पुरजोर विरोध करना ही होगा, ऐसा कब तक चलेगा कि अन्य धर्मों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई जाई और हिंदू त्यौहारों और परंपराओं पर तंज़ कसे जाएं, उनका मज़ाक उड़ाया जाए।

Exit mobile version