‘कांग्रेस सांसद की बीवी के ISI से संबंध’: BJP नेताओं ने गौरव गोगोई पर लगाई आरोपों की झड़ी, जॉर्ज सोरोस से जुड़े NGO के तार

गौरव गोगोई हिमंता बिस्वा सरमा

'कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की बीवी के ISI-जॉर्ज सोरोस से संबंध': BJP ने लगाए आरोप

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में उपनेता प्रतिपक्ष गौरव गोगोई पर BJP नेताओं ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा का कहना है कि गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा गौरव गोगोई के NGO के संबंध जॉर्ज सोरोस व अन्य डीप स्टेट से फंडिंग लेने वाली संस्थाओं से सामने आए हैं। ऐसे में BJP नेता खासतौर से असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया कांग्रेस पर हमलवार हैं।

दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बिना नाम लिए एक्स पर एक के बाद कई पोस्ट किए हैं। एक पोस्ट कर उन्होंने कहा:

“सिंगापुर में एक आईएफएस अधिकारी के साथ बातचीत के दौरान मुझे पता चला कि भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी भारत सरकार की पूर्व अनुमति के बिना किसी विदेशी नागरिक से शादी नहीं कर सकते। इसके अलावा, जब अनुमति दी जाती है, तब भी यह शर्त जुड़ी होती है कि पति या पत्नी को छह महीने के भीतर भारतीय नागरिकता हासिल करनी होगी। दिलचस्प बात यह है कि यह नियम हमारे सांसदों पर लागू नहीं होता है। हालाँकि, किसी विधायक के विदेशी पति या पत्नी को 12 साल तक विदेशी नागरिकता बनाए रखने की अनुमति देना बहुत लंबा है। राष्ट्र के प्रति निष्ठा को हमेशा अन्य सभी विचारों से ऊपर रखा जाना चाहिए।

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा:

“ISI से संबंध, युवाओं को ब्रेनवॉश करने और कट्टरपंथी बनाने के लिए पाकिस्तानी दूतावास में ले जाने और बीते 12 वर्षों से भारतीय नागरिकता लेने से इनकार करने के आरोपों के बारे में गंभीर सवालों के जवाब दिए जाने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, धर्मांतरण कार्टेल में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस के साथ ही विदेश से धन प्राप्त करना गंभीर चिंताएं हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इस मामले में जवाब देना जरूरी है। केवल जिम्मेदारी से बचना या दूसरों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करना बचने का आसान रास्ता नहीं होगा। यह देश सच्चाई जानना चाहता है।”

इसके बाद उन्होंने बड़ा हमला बोलते हुए लिखा:

“देर-सवेर यह बात सामने आ ही जाएगी कि जॉर्ज सोरोस के नेतृत्व में विदेशी शक्तियों ने 2014 में असम कांग्रेस के एक बड़े फैसले को कैसे प्रभावित किया। उम्मीद है कि समय आने पर सच्चाई सामने आ जाएगी।”

अन्य आरोपों को जानने से पहले सोशल मीडिया पर हो रहे इन दावों को भी ध्यान से देखिए:

इस दावे में कहा गया है कि गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न जलवायु विकास पर काम करने वाले संस्थान CDKN के लिए काम करती थीं। इस दौरान वह अधिकांश समय पाकिस्तान में ही रहीं। अब यहां यह भी जानना अहम हो जाता है कि CDKN स्थानीय पर्यावरण पहल के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिषद यानी ICLEI का पार्टनर है। अब इसमें दिलचस्प तथ्य यह है कि ICLEI को जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से 2.1 मिलियन डॉलर यानी करीब 182333000 (18 करोड़ 23 लाख 33 हजार) रुपए प्राप्त हुए।

इसके बाद अब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने नए आरोप लगाते हुए लिखा है:

“साल 2015 में, भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए पहली बार के सांसद और उनके स्टार्टअप, पॉलिसी फॉर यूथ को आमंत्रित किया। उल्लेखनीय है कि यह सांसद उस समय विदेश मामलों की संसदीय समिति का सदस्य भी नहीं था, जिससे उसके संबंधों को लेकर सवाल उठे।”
CM हिमंता ने लिखा है, “भारत सरकार ने उस सांसद के जाने का आधिकारिक तौर ओर विरोध किया था। भारत सरकार ने आंतरिक मामलों में पाकिस्तानी उच्चायोग के हस्तक्षेप, खासतौर से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के साथ इनके संबंधों को लेकर विरोध जताया था। हालांकि इसके बाद भी सांसद 50 से 60 भारतीय युवाओं को अपने साथ लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलने गए थे।

इस पोस्ट में उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है,

“पाकिस्तानी अधिकारियों से मुलाकत के तुरंत बाद, उनके स्टार्टअप ने ‘द हिंदू’ में एक आर्टिकल पब्लिश कराया। इस आर्टिकल में सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों से निपटने के तरीके की आलोचना की गई थी। सांसद द्वारा संसद में पूछे गए सवालों को ध्यान से देखें तो समझ आता है कि देश की रक्षा से जुड़े संवेदनशील मामलों में उसकी रुचि बढ़ती जा रही थी। इसमें, कोस्ट गार्ड सेंटर्स, भारत के हथियार कारखानों, वायुसेना द्वारा सुरक्षा , ईरान के साथ व्यापार मार्ग, कश्मीरी छात्र और चर्चों पर कथित हमलों के बारे में पूछे गए सवाल शामिल हैं। इससे समझ आता है सांसद द्वारा संसद में पूछे गए सवालों के विषय में अचानक से बदलाव आया था।”
दिलचस्प बात यह है कि ये सब एक ब्रिटिश नागरिक से उसकी शादी के तुरंत बाद हुआ, जिसकी प्रोफेशनल लाइफ और भी सवाल खड़े करती है। अपनी शादी से पहले वह एक अमेरिकी सीनेटर (सांसद) के लिए काम करती थी, जो पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए जाने जाते थे। इसके बाद वह लंबे समय तक पाकिस्तान में रही और एक ऐसे संगठन में काम किया, जिसके बारे में यह कहा जाता है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का मुखौटा है। इन घटनाओं का समय सांसद के बदलते राजनीतिक रुख और कामों को देखा जाए तो इसमें एक रहस्य नजर आता है।”

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इन तमाम पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन यह समझना आसान है कि CM हिमंता का निशाना कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न हैं। गोगोई और कोलबर्न ने साल 2013 में शादी की थी। उनकी शादी को अब 12 साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी एलिजाबेथ कोलबर्न ने भारत की नागरिकता नहीं ली है। जॉर्ज सोरोस और अन्य विदेशी संस्थाओं से फंडिंग लेने के आरोप जो CM हिमंता ने लगाए हैं उनको भी गौरव गोगोई से जोड़कर देखा जा सकता है।

गौरव भाटिया ने भी बोला हमला:

BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो जारी कर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर तीखे हमले बोले हैं। साथ ही पूछा है कि राहुल गांधी ने इंडियन स्टेट से लड़ाई यानी ‘भारत के खिलाफ युद्ध’ छेड़ने की बात की तो क्या इसका संबंध गौरव गोगोई और उनकी पत्नी से भी था? क्या राहुल की प्लानिंग गोगोई और उनकी पत्नी पाकिस्तान और ISI के साथ मिलकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की थी? क्या वह भारत को कमजोर करने के लिए काम कर रहे हैं?

इसके साथ ही गौरव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा:

“राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित कुछ चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। उप नेता विपक्ष गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोल्बर्न और उनके पाकिस्तान योजना आयोग के सलाहकार अली तौकीर शेख और आईएसआई के साथ संबंधों का खुलासा हुआ है। यह अत्यंत चिंताजनक है और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है। उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी, मलिकार्जुन खड़गे जी और गौरव गोगोई पाकिस्तान और आईएसआई के साथ अपने संबंधों के बारे में स्पष्टीकरण देंगे। सवाल और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि गौरव गोगोई की पत्नी एक विदेशी नागरिक हैं और कथित तौर पर जिस संगठन के लिए वह काम करती हैं, उसे जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। कुछ दिन पहले, जब राहुल गांधी ने कहा कि उनकी लड़ाई भारतीय राज्य के खिलाफ है, तो सवाल यह है कि क्या गौरव गोगोई और एलिजाबेथ पाकिस्तान और आईएसआई के साथ मिलकर राहुल गांधी की योजना को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं?”

गौरव गोगोई के NGO ने किया FCRA का उल्लंघन?

कांग्रेस नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और BJP नेताओं पर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जॉर्ज सोरोस और डीप स्टेस का मुद्दा उठाने का आरोप लगाते रहे हैं। दिसंबर 2024 में गौरव गोगोई ने भी केंद्र सरकार पर मणिपुर के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जॉर्ज सोरोस और उसके ओपन सोसाइटी फाउंडेशन का नाम उछालने का आरोप लगाया था। यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि गौरव गोगोई ने ये आरोप BJP पर लगा तो दिए थे, लेकिन उनके खुद को संबंध जॉर्ज सोरोस द्वारा फंडिंग लेने वाले संगठनों से हैं।

दरअसल, गौरव गोगोई ‘फार्म 2 फूड’ (Farm 2 Food) नामक संस्था या यूं कहें कि ‘कंपनी’ चलाते हैं। इस संस्था की वेबसाइट की मानें तो इसका उद्देश्य कृषि पर आधारित रोजगार को बढ़ावा देना और इसके लिए ही उपकरण प्रदान करना है। इस फार्म 2 फूड’ संस्था या NGO की वेबसाइट पर लिखा है कि इसमें जॉर्ज सोरोस और अन्य डीप स्टेट संस्थाओं द्वारा वित्तपोषित संस्था ‘नेशनल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया’ का सहयोगी है।

अब यहां समझने वाली बात यह है कि ‘नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ की वेबसाइट में देखें तो जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, ओमिडयार नेटवर्क और रॉकफेलर फाउंडेशन जैसे डीप स्टेट से जुड़ी संस्थाओं से इसे फंड मिल रहा है। ये सभी संस्थाएं भारत सहित दुनिया भर की राष्ट्रवादी सरकारों के खिलाफ काम करने वाले ‘डीप स्टेट’ के रूप में कुख्यात हैं। इतना ही नहीं, इन सभी पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने के लिए फंडिंग करने का आरोप है।

अब इसमें दिलचस्प बात यह है कि गौरव गोगोई ने विदेश से फंडिंग लेने वाले संस्थान को अपने NGO ‘Farm 2 Food’ का सहयोगी, भागीदार या पार्टनर बताया है, लेकिन यह NGO, FCRA में रजिस्टर्ड नहीं है। इसका सीधा मतलब यह है कि यह विदेश से फंडिंग नहीं ले सकता और अगर ले रहा है तो वह गैर-कानूनी है। चूंकि गौरव गोगोई का NGO विदेश से फंड लेने वाली संस्थाओं के साथ काम कर रहा है, ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या यहां कानून का उल्लंघन किया जा रहा है?

यहां तक बात तो फिर भी काफी हद संदेहास्पद है। लेकिन ‘फार्म 2 फूड’ स्विस रे फाउंडेशन को भी अपना सहयोगी बताया है। स्विस रे की वेबसाइट देखें तो पता चलता है कि यह अपने पार्टनर या सहयोगियों को भी फंड देता है। ऐसे में क्या फंड गौरव गोगोई के NGO को भी मिला? इसके अलावा एक और सवाल यह है कि ‘फार्म 2 फूड’ असम के विभिन्न स्कूलों में ‘स्कूल पोषण उद्यान’ (School Nutrition Garden) को लेकर प्रोग्राम चला रहा है। यह प्रोग्राम स्विस रे से फंड लेने वाले अशोका फाउंडेशन का प्रोजेक्ट है। अब यहां एक और बेहद दिलचस्प बात यह है कि अशोका फाउंडेशन भी FCRA में रजिस्टर्ड नहीं है।

क्या बोले गौरव गोगोई:

खुद पर लगे आरोपों पर गौरव गोगोई ने कहा है, “अगर मेरी पत्नी पाकिस्तान की ISI की एजेंट है, तो मैं भारत का रॉ एजेंट हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है अगर एक परिवार जिसके खिलाफ कई मामले और कई आरोप हैं वो मेरे खिलाफ आरोप लगाता है। असम के मुख्यमंत्री ये सभी आरोप केवल अपने खिलाफ लगे आरोपों से ध्यान हटाने के लिए लगा रहे हैं।”

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