‘इस लड़के के आगे कैलकुलेटर फेल है’: 14 साल के आर्यन शुक्ला ने एक दिन में तोड़ डाले 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड, दुबई में लहराया भारत का झंडा

आर्यन शुक्ला

आर्यन शुक्ला ने एक दिन में तोड़ डाले 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड (फोटो साभार: CNBC)

महाराष्ट्र के रहने वाले आर्यन शुक्ला ने एक ही दिन में एक-दो नहीं, बल्कि 6 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रच दिया है। ‘ह्यूमन कैलकुलेटर’ के नाम से मशहूर आर्यन शुक्ला ने यह कीर्तिमान महज 14 साल की उम्र में अपने नाम किया है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने आर्यन को दुबई आमंत्रित कर वहां उन्हें अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए कहा था। जहां आर्यन ने मेंटल मैथ्स कैलकुलेशन (मानसिक गणना) की अपनी अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन कर एक के बाद एक 6 रिकॉर्ड अपने नाम किए।

आर्यन शुक्ला ने नए रिकॉर्ड्स जानने से पहले यह जान लीजिए कि साल 2024 में महज 13 साल की उम्र में आर्यन ने 5 अंकों की 50 संख्या को मेंटल कैलकुलेशन के जरिए सबसे कम समय में जोड़कर विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए कीर्तिमान रच दिया था। हालांकि अब आर्यन ने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए महज 25.19 सेकंड में यानी हर आधे सेकंड में एक नंबर की कैलकुलेशन कर रिकॉर्ड बनाया है।

एक दिन में बनाए 6 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड:

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुबई में आयोजित कार्यक्रम में आर्यन को अब तक की सबसे कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा। लेकिन हमेशा की तरह वह इसमें भी सफल हो गया।

1.) चार अंकों की 100 संख्याओं को 30.9 सेकंड में जोड़ कर बनाया रिकॉर्ड

2.) चार अंकों की 200 संख्याओं को 1 मिनट, 9.68 सेकंड में जोड़ कर बनाया रिकॉर्ड

3.) पांच अंकों की 50 संख्याओं को 18.71 सेकंड में जोड़ कर बनाया रिकॉर्ड

4.) 20 अंकों की संख्या को 10 अंकों की संख्या से 5 मिनट, 42 सेकंड में विभाजित कर बनाया रिकॉर्ड

5.) 10 बार, 5 अंकों की 2 संख्याओं को 51.69 सेकंड में गुणा करने का बनाया रिकॉर्ड

6.) 10 बार, 8 अंकों की 2 संख्याओं को 2 मिनट, 35.41 सेकंड में गुणा करने का रिकॉर्ड

ये सभी रिकॉर्ड मानसिक गणना यानी मेंटल कैलकुलेशन के हैं। नीचे दिए गए वीडियो को देखकर आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आरीन शुक्ला किस स्पीड से गणना यानी कैलकुलेशन करने में सक्षम है। इसके चलते ही आर्यन को अब ‘ह्यूमन कैलकुलेटर’ कहा जाने लगा है।

ये सभी रिकॉर्ड बनाने के बाद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने आर्यन और उनके परिवार से बात की। इसमें आर्यन ने कहा, “किसी भी प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रैक्टिस बहुत जरूरी होती है, इसलिए मैं हर रोज 5-6 घंटे प्रैक्टिस करता हूं।” बेहद तेज गति से कैलकुलेशन करने को लेकर आर्यन ने कहा, “मानसिक गणना यानी मेंटल कैलकुलेशन में बहुत कुछ एक सेकंड से भी कम में होता है। इसलिए मैं यह नहीं कह सकता कि मेरे दिमाग के अंदर क्या होता है। मैं बस इसे स्वाभाविक रूप से कर देता हूं। यह इतनी तेजी से होता है कि सोचने का भी समय नहीं होता, बस सब कुछ करना होता है।”

इस दौरान वहां मौजूद आर्यन की मां ने कहा, “आर्यन को बचपन से ही संख्याओं (नंबर्स) में दिलचस्पी थी। वह पढ़ाई करते हुए नंबरों के साथ खेलना पसंद करता था। 6 साल की उम्र में ही उसने मेंटल कैलकुलेशन की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी, शुरुआत से ही वह इसमें काफी तेज था। तब हम लोगों ने इसको लेकर घर पर बात की और रिसर्च करना शुरू किया। 8 साल की उम्र में हमने आर्यन को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भेजा था। वहां उसने मेडल और ट्रॉफियां जीती थीं, वह हम सभी के लिए बड़ी उपलब्धि थी। “

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