महाकुंभ भगदड़: योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगने को लेकर संतों में छिड़ी बहस, किसने क्या कहा?

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मांगा है सीएम योगी का इस्तीफा

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मांगा है सीएम योगी का इस्तीफा

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़ में कम-से-कम 30 श्रद्धालुओं की दुखद मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे। बताया गया कि महाकुंभ में डुबकी लगाने पहुंचे लाखों श्रद्धालु संगम नोज़ पर पहुंचना चाहते थे जिसके चलते भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। हालांकि, प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए कुछ ही समय में स्थिति पर काबू पा लिया और एक वक्त पर भीड़ के चलते रद्द कर दिए गए अखाड़ों को अमृत स्नान को प्रशासन द्वारा पूर्ण कराया गया

इस घटना के बाद सरकार और प्रशासन पर सवाल उठने लगे और इसमें सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या इतनी विशाल भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे या नहीं। इस घटना के बाद सपा नेता शिवपाल यादव और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग तो दूसरी और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी सीएम योगी के विरोध में उतर आए और उन्होंने भी सीएम के इस्तीफे की मांग कर दी। हालांकि, कई संतों ने सीएम के इस्तीफा मांगे जाने का विरोध भी किया है।

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने क्या कहा?

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ में भगदड़ के बाद योगी सरकार और प्रशासन को लेकर कहा कि ये लोग काबिल नहीं है और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तत्काल इस्तीफा देने की मांग कर दी थी। उन्होंने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि यह बहुत पीड़ादायक बात है कि मुख्यमंत्री ने इतनी बड़ी घटना को एक-दो नहीं बल्कि 18 घंटे तक छिपाकर रखा था।

साथ ही, उन्होंने यहां तक कह दिया कि सीएम योगी कोई संत नहीं हैं और अगर वह संत होते तो लोगों की मौत जैसी दुर्घटना को किसी से छिपाते नहीं। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार पर मौतों की संख्या कम करके बताने का भी आरोप लगाया है। गौरतलब है कि अविमुक्तेश्वरानंद ने कुछ दिनों पहले ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की थी जिसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई थी।

संतों में अविमुक्तेश्वरानंद से नाराज़गी

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा सीएम योगी का इस्तीफा मांगे जाने को लेकर कई संतों में नाराज़गी भी है। संत इस भगदड़ और लोगों की मृत्यु से मर्माहत हैं लेकिन सीएम का इस्तीफा मांगे जाने पर उन्होंने नाराज़गी जाहिर की है। अयोध्या के श्री हनुमत निवास पीठाधीश्वर महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने सीएम योगी के इस्तीफा मांगे जाने को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में भीड़ बहुत ज्यादा है। जिससे वहां सामान्य नियमों का पालन कर पाने में दिक्कत आ रही है। एक पीठाधीश्वर का इस तरह का बयान देना बेहद लज्जा से भरा हुआ है।”

मिथिलेश नंदिनी शरण ने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि जब सड़कों पर घसीटकर लाठी डंडों से पीटा गया था तो उस मुख्यमंत्री से इस्तीफा लिया गया था। उन्होंने कहा, “पालघर के साधुओं को दौड़ाकर मारा गया था, तो उस मुख्यमंत्री से इस्तीफा लिया गया था?” साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर किसी बात पर असहमत हैं तो बात रखने का तरीका आना चाहिए और ऐसी बातें अराजकता पैदा कर रही हैं।

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने तो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शंकराचार्य पद पर पट्टाभिषेक किए जाने को ही गलत बता दिया है। उन्होंने महाकुंभ के लिए सरकार की तैयारियों और सीएम योगी की सराहना करते हुए कहा कि सीएम योगी संतों की संवा के पर्याय है और महाकुंभ में हुआ हादसा केवल एक संयोग था। उन्होंने कहा कि गुरु की फर्जी वसीयत के आधार पर अविमुक्तेश्वरानंद ने खुद को शंकराचार्य घोषित किया है और इसकी जांच की जानी चाहिए। बकौल पुरी, सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारी और प्रमुख संत सीएम योगी के साथ हैं।

इसके अलावा कई अन्य संतों ने भी महाकुंभ के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है। आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सीएम योगी का भाव कट्टर सनातनी का है। उन्होंने कहा, “सीएम योगी के कारण अखाड़ों का अमृत स्नान हो पाया था, सभी अखाड़ों ने सरकार का समर्थन किया है।” वहीं, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि जब से सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली है, तब से सनातन का सूर्य पूरे विश्व को प्रकाशित कर रहा है। उन्होंने कहा, “जिस महापुरुष ने महाकुंभ का संकल्प लिया है, उनके नेतृत्व में पूरा संत समाज सुरक्षित व सम्मानित है। मैं योगी जी को विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार के लिए बधाई देना चाहता हूं।”

महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद जहां एक और व्यवस्थाओं को लेकर सवाल हैं तो दूसरी और इतना भव्य आयोजन कराने के लिए साधु-संत से लेकर तमाम श्रद्धालु सीएम योगी के नेतृत्व की तारीफ कर रहे हैं। भगदड़ के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और चाक चौबंद कर दी है और सीएम योगी खुद व्यवस्थाओं पर निगरानी रख रहे हैं।

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