पोप बीमार तो चर्चा में आए ‘चमत्कारी प्रोफेट’; रेप-हत्या के आरोपी बजिंदर ‘चंगाई सभाओं’ से कैसे बने मसीहा?

बजिंदर जैसे फेथ हीलिंग करने वाले लोगों पर आरोप हैं कि ये लोग असल में लोगों को ठीक करने के बजाय फर्जी तरीके से चमत्कार दिखाकर लोगों को ईसाई बनाते हैं

बजिंदर पर हज़ारों की संख्या में लोगों को ईसाई बनाने का आरोप है

बजिंदर पर हज़ारों की संख्या में लोगों को ईसाई बनाने का आरोप है

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस सांस संबंधी बीमारी से जूझ रहे हैं जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 88 वर्षीय पोप को दोनों फेफड़ों में निमोनिया होने का पता चला है और वैटिकन ने बताया है कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। पोप लंबे समय से ब्रोंकाइटिस से पीड़ित रहे हैं और युवावस्था में ही उनके फेफड़े का एक हिस्सा निकाल दिया गया था। पोप के बीमार होने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की है कि उन्हें चमत्कारों से लोगों का इलाज करने का दावा करने वाले ईसाई पादरी प्रोफेट बजिंदर सिंह से अपना इलाज कराना चाहिए।

क्या बोले पूर्व डीजीपी वैद्य?

जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रोफेट बजिंदर को लेकर सवाल उठाए हैं उनमें पूर्व आईपीएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) रहे एसपी वैद्य भी शामिल हैं। वैद्य ने ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, “वेटिकन के अनुसार, पोप फ्रांसिस को दोनों फेफड़ों में निमोनिया है। उन्हें भारत आना चाहिए और प्रोफेट बजिंदर सिंह से मिलना चाहिए, जो एक चमत्कारी ईसाई हैं और अपनी उपचार शक्तियों के लिए जाने जाते हैं।”

वैद्य के अलावा कई अन्य लोगों ने भी बजिंदर को लेकर सवाल उठाए हैं। एक ‘X’ यूज़र ने लिखा, “पोप फ्रांसिस अभी रोम से निकले हैं और दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। चर्चा है कि वे दिव्य निमोनिया उपचार के लिए बजिंदर से मिलने आए हैं।” एक अन्य यूज़र ने लिखा, “भारत के प्रिय ईसाइयों कृपया पादरी बजिंदर सिंह को तुरंत पोप फ्रांसिस के पास ले जाएं, ताकि उन्हें बचाया जा सके।”

कौन हैं प्रोफेट बजिंदर?

सोशल मीडिया पर आपने अक्सर बजिंदर के वीडियो देखे होंगे जिनमें वे किसी पादरी की तरह नहीं बल्कि पूरे कॉरपोरेट लुक में ब्लेजर और शर्ट-पैंट पहने लोगों का चमत्कारिक इलाज करते नज़र आते हैं। प्रोफेट बजिंदर का एक यूट्यूब चैनल है जिस पर करीब 37 लाख सब्सक्राइबर्स हैं और इस पर उनकी ‘चंगाई सभाओं’ के कई वीडियो मौजूद हैं। बजिंदर जैसे विश्वास आधारित उपचार (फेथ हीलिंग) करने वाले लोगों पर आरोप लगते रहे हैं कि ये लोग असल में लोगों को ठीक करने के बजाय फर्जी तरीके से चमत्कार दिखाकर लोगों को ईसाई बनाते हैं। खुद बजिंदर के खिलाफ लोगों ने कई शिकायतें की हैं।

बजिंदर सिंह का जन्म 10 सितंबर 1982 को हरियाणा के एक जाट परिवार में हुआ था। जब बजिंदर आठवीं क्लास में थे तब गलत लोग उन्हें बेहद परेशान करते थे जिसके कारण बजिंदर का स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया था। 20 साल की उम्र में वो हत्या के मामले में फंसने पर जेल चले गए थे। बजिंदर सिंह की वेबसाइट पर बताया गया है, “मैं गलत संगत में चला गया और 4-5 साल तक मैंने कई लोगों को मारा-पीटा था। एक बड़े झगड़े की वजह से मैं 1.5 साल जेल में रहा था। वहीं, मैंने भगवान की तलाश शुरू की, मुझे शैतानी शक्तियां दिखाई देती थीं और वो मुझे जेल में भी मार देती थीं। इस वजह से मैंने आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी। मैं सभी देवताओं का नाम लेता था लेकिन फिर भी बुरी शक्तियां मुझे परेशान करती थीं। फिर किसी ने मुझे बाइबिल दी। मैं बीमार पड़ गया और मेरा खून 7 ग्राम कम हो गया। एक पादरी ने मेरे लिए प्रार्थना की और मेरा खून 2 घंटे में पूरा हो गया।”

बजिंदर ने अपनी यात्रा की शुरुआत ही कथित चमत्कार से की थी। 13 साल पहले 2012 के आसपास ही बजिंदर सिंह ने जेल में रहते हुए ही ईसाई धर्म का रुख किया था। इसके पीछे उन्होंने चमत्कार की कहानी जोड़ी और इसी चमत्कार की सीढ़ी पर चढ़ते हुए वे पंजाब में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हो गए

कैसे लोकप्रिय हुए बजिंदर सिंह?

बजिंदर सिंह की लोकप्रियता का सबसे बड़ा राज़ उनके कथित चमत्कार और उनकी भविष्यवाणियां हैं। बजिंदर ने 2012 के बाद जालंधर के ताजपुर गांव में अपनी प्रोफेट की यात्रा शुरू की थी, यहां उन्होंने अपनी चमत्कारी शक्तियों से गंभीर से गंभीर रोगों को ठीक करने का दावा करना शुरू कर दिया था। 2016 में चंडीगढ़ के एक चर्च में उनकी पहली सभा हुई जिसमें करीब 100 लोग थे और आज यह संख्या हज़ारों में पहुंच गई है।

देश के अलग-अलग हिस्सों से लेकर दुनिया के विभिन्न देशों में वे अपनी सभाएं करते हैं। इन सभाओं में भीड़ और मंच के प्रबंधन के लिए सैकड़ों स्वयंसेवक सहयोग करते हैं और उनके हर कथित चमत्कार को कई कैमरों से रिकॉर्ड किया जाता है। बाद में इन चमत्कारों को उनके व उनकी मिनिस्ट्रीज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्लेटफॉर्म पर साझा किया जाता है जहां से लाखों लोगों तक इन कथित चमत्कारों की कहानी पहुंच जाती है। इन सभाओं के ज़रिए बजिंदर पर कथित चमत्कारों की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। बजिंदर कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों को ठीक करने और मृत लोगों को ज़िंदा करने का दावा करते हैं।

बजिंदर पर लगे हैं गंभीर आरोप

बजिंदर पर लोगों को धर्म के नाम पर बरगलाने, बहकाने और फिर उन्हें ईसाई बनाने के आरोप तो हैं ही, साथ ही उन पर कई गंभीर आरोप भी लगे हैं। 2018 में बजिंदर को एक महिला के साथ रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बजिंदर को दिल्ली एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह लंदन के लिए उड़ान भरने वाले थे। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि वह 2017 में बजिंदर के संपर्क में आई थी और वह उसे विदेश ले जाने के बहाने अपने साथ ले गया था। जिसके बाद महिला उनके स्वयंसेवकों की टीम का हिस्सा बन गई जो उसके कार्यक्रमों में सुरक्षा का काम देखती थी। पीड़िता ने बताया कि बजिंदर ने चंडीगढ़ के सेक्टर 63 में अपने घर पर उसके साथ बलात्कार किया और इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया। बकौल पीड़िता, बजिंदर ने शिकायत करने पर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी भी दी थी। हालांकि, इस केस में उन्हें राहत मिल गई थी।

‘दैनिक भास्कर’ की एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सूट-बूट और सिक्योरिटी में रहने वाला बजिंदर सिंह अपने भाषणों के दौरान सुंदर लड़कियां पर नजर रखता था। रिपोर्ट में बताया गया, “बाद में उन लड़कियों को अपनी स्पेशल टीम में शामिल करता था। जिस लड़की के साथ रेप किया गया, वह भी बजिंदर सिंह की सभाओं  में जाती थी। वहीं बजिंदर ने उसे देखा और बाद में उसे अपने जाल में फंसाया।”

इसके अलावा, अप्रैल 2021 में मुंबई के एक परिवार ने प्रोफेट बजिंदर सिंह मिनिस्ट्रीज पर कैंसर से पीड़ित एक 17 वर्षीय लड़की के इलाज के लिए उनसे 80,000 रुपये लेने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। कहा गया था कि लड़की की जब मृत्यु हो गई तो मिनिस्ट्रीज के कर्मचारियों ने उसे ‘वापस लाने’ की पेशकश करते हुए और अधिक पैसे की मांग की थी।

बजिंदर सिंह पर वित्तीय गड़बड़ी करने के भी आरोप लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में उनकी आय कई गुना बढ़ी है और उनके वित्तीय लेन-देन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई थी। यहां तक की कुछ पुलिस अधिकारियों की काली कमाई को रखने के उन पर आरोप लगाए गए थे

अंशुल सक्सेना नामक शख्स ने बजिंदर पर 2021 में आरोप लगाया कि बजिंदर धर्मांतरण की गतिविधियों में एक नाबालिग लड़के का इस्तेमाल कर रहे हैं। अंशुल ने इससे जुड़े वीडियो भी शेयर किए जिसमें एक बच्चा दावा कर रहा था कि उसकी बहन बजिंदर के ‘चमत्कार’ के कारण बोलने लगी थी। हालांकि, उस समय बच्चे और उसकी मां ने अंशुल पर ईसाई धर्म का अपमान करने आरोप लगाया था। 4 वर्षों बाद बच्चे का एक और वीडियो वायरल हुए जिसमें उसने दावा किया कि उसकी बहन कभी गूंगी नहीं थी और उसने 2 किलो चावल, 3 किलो चीनी और 5 किलो गेहूं के आटे के बदले में झूठ बोला था।

राजस्थान के भरतपुर के होटल में करीब एक वर्ष एक धर्मांतरण का कार्यक्रम हुआ था। इस मामले में आयोजक कुंवर सिंह और शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने पूछताछ में बजिंदर का ही नाम बताया था। इस कार्यक्रम में बजिंदर सिंह चंडीगढ़ से लोगों को धर्मांतरण की दीक्षा दे रहा था। ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ये लोग केवल भरतपुर में ही 20,000 लोगों का धर्म बदलवा चुके थे। चंडीगढ़ में बैठे बजिंदर ही आरोपियों को इन आयोजनों के लिए ऑनलाइन पैसे भेजते थे।

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