पहले चलाया बुलडोजर फिर लगाई आग, कट्टरपंथियों ने ढहाया बांग्लादेश के संस्थापक का घर, बोलीं शेख हसीना- ‘अब बड़ा काम होगा’

बांग्लादेश में हिंसक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने बांग्लादेश के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर बुलडोजर चलाकर उस पर आग लगा दी। यह पूरी घटना उस समय हुई जब शेख हसीना बुधवार (5 फरवरी, 2025) को बांग्लादेश के लोगों को ‘ऑन लाइन’ संबोधित कर रही थीं। इस घटना पर शेख हसीना ने कहा है कि बांग्लादेश आतंकियों का गढ़ बना गया है और वह अब भी जिंदा हैं। इसका मतलब यह है कि बड़ा काम बाकी है।

दरअसल, आवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (अब प्रतिबंधित) द्वारा 5 फरवरी को रात 9 बजे शेख हसीना का एक ‘ऑन लाइन’ कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के जरिए शेख हसीना बांग्लादेश के लोगों को संबोधित करने के साथ ही वर्तमान सरकार के खिलाफ संगठित होकर विरोध करने का आह्वान करना चाहती थीं। इस कार्यक्रम की जानकारी सामने आने के बाद से ही धनमंडी स्थित शेख मुजीबुर्रहमान के घर के बाहर कट्टरपंथी जमात इकट्ठा होना शुरू हो गई थी। शाम होते-होते यह जमावड़ा हजारों में पहुंच गया था।

इसके बाद शेख हसीना के कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही कट्टरपंथियों ने घर पर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया था। इसके बाद देखते ही देखते ही घर के कई हिस्से जमींदोज कर दिए गए। एक ओर जहां बांग्लादेश में कट्टरपंथी शेख मुजीबुर्रहमान का घर गिराने में जुटे हुए थे, वहीं शेख हसीना भारत से बैठकर लोगों को लाइव संबोधित कर रही थीं।

इस दौरान, शेख हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चला रहे मुहम्मद यूनुस की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर हासिल किया है। वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।”

शेख हसीना ने यह भी कहा, “हम धनमंडी की उन यादों को जीते हैं। अब वे उस घर को नष्ट कर रहे हैं। पिछली बार उन्होंने इस घर पर इन लोगों ने इसमें आग लगा दी थी। अब वे इसे तोड़ भी रह हैं। क्या मैंने कुछ नहीं किया? क्या मैंने आप सभी के लिए काम नहीं किया? जिस घर से मेरे पिता ने आजादी का आह्वान किया था, उसे क्यों लूटा गया? मैं अपने लोगों से पूछना चाहती हूं कि इसके पीछे कौन है?”

इतना ही नहीं शेख हसीना ने यह भी कहा कि अगर वह जिंदा हैं तो निश्चित रूप से कुछ बड़ा काम बाकी है। हसीना ने कहा कि भीड़ बुलडोजर से उनका घर गिरा सकती है, लेकिन इतिहास को मिटाने में कभी सफल नहीं होगी। अराजकता और उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे बांग्लादेश में विनाश का खेल शुरू हो गया है । बांग्लादेश जो दुनिया भर में विकास का आदर्श था, वह आतंकवादियों का गढ़ बन गया है। यह सभी के लिए बहुत दुर्भाग्य की बात है।

शेख हसीना के भाषण समाप्त होने के बाद भी कट्टरपंथी भीड़ रुकी नहीं और घर को तोड़ती चली गई। इतना ही नहीं गुरुवार (6 फरवरी, 2025) तड़के इस घर पर आग भी लगा दी। बता दें कि कट्टरपंथी भीड़ ने जिस घर को तोड़ा है, उस घर से शेख मुजीबुर्रहमान ने बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। इस घर पर ही तमाम मीटिंग्स होती थीं। बाद में इस घर को एक ट्रस्ट को दान कर दिया था। इसके बाद से यह घर ‘बंगबंधु स्मारक संग्रहालय’ कहलाता था।

 

 

 

 

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