हिन्दुओं के भगवान से ख़ुद की तुलना कर रहा OYO, पहले अख़बार में पन्ने भर का विज्ञापन दिया, फिर विरोध होने पर माँगी माफ़ी

विज्ञापन से लेकर माफीनामे तक- जानें क्या है पूरा मामला

OYO Controversy

OYO Controversy

OYO दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनियों में से एक है। इसके युवा संस्थापक रितेश अग्रवाल को अक्सर उनकी सक्सेस स्टोरी साझा करने के लिए विभिन्न मंचों पर आमंत्रित किया जाता है। ऐसे ही एक पॉडकास्ट के दौरान रितेश ने बताया था कि OYO का लोगो भगवान जगन्नाथ की छवि से प्रेरित होकर डिजाइन किया गया है। उनकी बात सुनकर कई लोगों को यह जानकर अच्छा लगा कि एक भारतीय कंपनी ने अपनी पहचान के लिए भारतीय संस्कृति से प्रेरणा ली है। लेकिन यह सराहना जल्द ही नाराजगी में बदल गई जब कंपनी के हालिया विज्ञापन में खुद को भगवान से तुलना करने जैसा दावा किया गया।

OYO का विवादित विज्ञापन

इस तुलना ने कई हिंदू परिवारों और भक्तों की भावनाओं को आहत किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए #BoycottOYO ट्रेंड चलाया। लोगों का कहना था कि ऐसे विज्ञापन न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं बल्कि समाज में अनावश्यक विवाद भी पैदा करते हैं। बढ़ते विरोध और जनता के आक्रोश को देखते हुए आखिरकार कंपनी को सफाई देते हुए माफी मांगनी पड़ी।

विज्ञापन से लेकर माफीनामे तक

हाल ही में सोशल मीडिया पर OYO का एक विज्ञापन तेजी से वायरल हुआ, जिसने कई लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया। लोग इस विज्ञापन को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। दरअसल, विवाद की वजह बना OYO द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित एक फुल-पेज विज्ञापन, जिसमें बड़े अक्षरों में लिखा गया था — “भगवान हर जगह हैं”, और इसके ठीक नीचे छोटे अक्षरों में जोड़ा गया था — “और OYO भी”। इस तुलना ने लोगों को आहत किया और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर #BoycottOYO का ट्रेंड शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर विरोध बढ़ने के बाद आखिरकार कंपनी ने आगे आकर सफाई दी।

OYO ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया कि उनके विज्ञापन का मकसद सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना था, न कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना। कंपनी ने कहा, “हम भारत की विविध आस्थाओं और परंपराओं का सम्मान करते हैं और देश की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का सम्मान करते हुए इसे बढ़ावा देना चाहते हैं। हमारे इस विज्ञापन का उद्देश्य यह बताना था कि OYO की सेवाएं प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भी उपलब्ध हैं, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान बेहतर सुविधाएं मिल सकें।” हालांकि, इस संदेश की प्रस्तुति ने लोगों के दिलों में गलत धारणा पैदा कर दी, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।

आगे कंपनी ने बताया कि भारत में धार्मिक पर्यटन में तेजी से वृद्धि हो रही है और इस क्षेत्र में निवेश कर यात्रियों के लिए सुविधाजनक और किफायती आवास उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है। इसके तहत OYO ने 2025 के अंत तक देश के 12 प्रमुख तीर्थ स्थलों पर 500 नए होटल खोलने की योजना बनाई है। इन होटलों के माध्यम से यात्रियों को उनकी आध्यात्मिक यात्राओं के दौरान आरामदायक और बजट-अनुकूल सुविधाएं दी जाएंगी। हालांकि, कंपनी के माफीनामे के बावजूद लोगों का आक्रोश अभी भी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है।

 

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