Pak में रची जा रही खिलड़ियों और पर्यटकों के अपहरण की साजिश, चैंपियंस ट्रॉफी में मंडराया आतंकी हमले का डर

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पाकिस्तान का नाम सुनते ही सबसे पहले आतंक आतंकी हमले याद आते हैं। अब ICC चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) में भी आतंक का साया मंडरा रहा है। पाकिस्तानी खुफिया ब्यूरो (PIB) ने एक अलर्ट जारी कर विदेशी खिलाड़ियों और दर्शकों को सतर्क रहने के लिए कहा है। PIB ने अलर्ट में कहा है कि आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत’ (ISKP) चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान आए विदेशियों के अपहरण की प्लानिंग कर रहा है।

दरअसल, पाकिस्तान में हमेशा ही आतंकी हमले होने का खतरा मंडराता रहता है। ICC चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भी ऐसी ही आशंका जताई जा रही थी। भारतीय खिलाड़ियों का पाकिस्तान न जाने के पीछे सुरक्षा भी बड़ा कारण रहा है। अब सामने आई रिपोर्ट से आतंकी हमले की आशंकाओं को बल मिला है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत’ (ISKP) के आतंकी शहरी क्षेत्रों के बाहरी इलाकों में किराए पर मकान ले रहे हैं या फिर इसकी योजना बना रहे हैं। 

यह भी सामने आया है कि आतंकी जानबूझकर ऐसे स्थानों में कमरे किराए पर ले रहे हैं, जहां कैमरे नहीं लगे हुए हैं और बड़े वाहनों की पहुंच नहीं है। यानी कि बाइक या रिक्शा ही वहां पहुंच सकते हों। बाहरी इलाकों में घर किराए से लेने का मतलब यह है कि आतंकी रात के अंधेरे में लोगों को अपहरण करेंगे और फिर चुपचाप इन घरों में जाकर छिप जाएंगे। चूंकि कैमरे नहीं होंगे और इलाका कम आवाजाही वाला होगा ऐसे में आतंकियों का काम आसान हो जाएगा।

रिपोर्ट के सामने आने के बाद अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी (GDI) ने भी ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत’ (ISKP) के संभावित हमले और अपहरण की खबरों को लेकर अपने अधिकारियों को सतर्क किया हैं। साथ ही आतंकियों और उनके ठिकाने की तलाश तेज कर दी है। 

बता दें कि इससे पहले बीते साल यानी साल 2024 में, ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत’ (ISKP) से जुड़े अल अज़ैम मीडिया ने 19 मिनट का एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में कहा गया था कि क्रिकेट मुस्लिमों के खिलाफ बौद्धिक युद्ध के लिए पश्चिमी हथियार है। ISKP ने कहा था कि क्रिकेट राष्ट्रवाद और दुष्प्रचार को बढ़ावा देता है, जो इस्लाम की जिहादी विचारधारा के खिलाफ है। इतना ही नहीं वीडियो में अफ़गानिस्तान क्रिकेट टीम का समर्थन करने के लिए तालिबान की भी आलोचना की गई थी।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में पहले भी हमले होते रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान पर विदेशियों की सुरक्षा की चिंता न करने का आरोप भी लगता रहा है। साल 2024 में खैबर पख्तून प्रांत के शांगला में चीनी इंजीनियरों पर हमला हो या फिर साल 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमला, इन हमलों के चलते पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों पर हमेशा ही सवालिया निशान लगता रहा है। 

 

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