सोमवार को बजट सत्र के तीसरे दिन की शुरुआत एक बार फिर हंगामे के साथ हुई। जहां एक ओर महाकुंभ भगदड़ को लेकर विपक्ष ने शोर मचाने की कोशिश की, वहीं नेता विपक्ष राहुल गांधी ने फिर से कुछ ऐसे बयान दिए, जिनसे न केवल राजनीतिक माहौल गरमाया, बल्कि देश की छवि विदेशों में भी प्रभावित हो सकती है। विदेश मंत्री Dr. S. Jaishankar ने राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “राहुल गांधी(Rahul Gandhi) के बयान भले ही राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हों, लेकिन इससे विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचता है।”
क्या बोल गए राहुल गाँधी
सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने एक और बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर भारत में मजबूत मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम होता, तो विदेश मंत्री को बार-बार अमेरिका जाने की जरूरत नहीं पड़ती, ताकि वह प्रधानमंत्री की ताजपोशी के लिए अनुरोध कर सकें। उनका यह भी कहना था कि विदेश मंत्री को इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, कि उन्हें अमेरिका जाकर कहने की आवश्यकता हो – “कृपया हमारे प्रधानमंत्री को बुलाइए।”
राहुल गांधी के इस बयान पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी के दावे को गलत और झूठा बताते हुए कहा कि उनकी अमेरिका यात्रा का उद्देश्य कुछ और था, जिसे जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया। जयशंकर ने यह भी साफ किया कि राहुल गांधी के बयान ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया और इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
विदेश मंत्री का पलटवार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर विदेश में भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की है।
Leader of Opposition Rahul Gandhi deliberately spoke a falsehood about my visit to the US in December 2024.
I went to meet the Secretary of State and NSA of the Biden Administration. Also to chair a gathering of our Consuls General. During my stay, the incoming NSA-designate met…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 3, 2025
अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में जयशंकर ने लिखा, “राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में गलत जानकारी दी। मैं बाइडन प्रशासन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट और एनएसए से मुलाकात करने गया था, और साथ ही हमारे महावाणिज्य दूत की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता भी की। मेरे दौरे के दौरान नए नामित एनएसए ने मुझसे मुलाकात की।”
उन्होंने आगे कहा, “किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री के संबंध में निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई। यह सामान्य ज्ञान है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते हैं। वास्तव में, भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है। राहुल गांधी के झूठ राजनीतिक दृष्टिकोण से हो सकते हैं, लेकिन ये विदेशों में देश को नुकसान पहुँचाते हैं।”