राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन; सीएम योगी समेत कई नेताओं ने जताया शोक

32 साल से सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार (12 फरवरी) को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्हें 3 फरवरी को ब्रैन हैमरेज हो गया था जिसके बाद उन्हें लखनऊ के SGPGI में ट्रांसफर कराया गया था और वह न्यूरोलॉजी वार्ड के HDU में भर्ती थे। बीते लंब वक्त से उनकी तबीयत खराब चल रही थी और वे हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज से भी जूझ रहे थे।

आचार्य सत्येंद्र दास के पार्थिव शरीर को अयोध्या लाया जाएगा और उनके आश्रम सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। 32 साल से सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। उनके निधन पर अयोध्या के सभी मठ-मंदिरों में शोक की लहर दौड़ गई है। 6 दिसंबर 1992 को विवाद ढांचा गिराए जाने के दिन वह रामलला को गोद में लेकर भागे थे और तब से लेकर वह रामलला की सेवा कर रहे थे।

निधन पर नेताओं ने जताया शोक

आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने शोक जताया है। सीएम योगी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ‘X’ पर लिखा, “परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येंद्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!”

गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने भी उनको श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “सत्येंद्र दास का योगदान श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर रामलला के पुनर्स्थापन तक अविस्मरणीय रहेगा। उनकी मधुर वाणी, ज्ञान की गहराई, और भक्ति की ऊर्जा ने असंख्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया। उनकी अनुपस्थिति से अयोध्या और समस्त भक्त समुदाय में एक अपूरणीय शून्य उत्पन्न हो गया है, जिसे भर पाना असंभव है।”

इससे पहले 15 अक्टूबर को भी सत्येंद्र दास की हालत बिगड़ने पर पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया था। उन्हें अयोध्या से लाया गया था। उनका इलाज न्यूरोलॉजी के डॉक्टर प्रकाश चंद्र पांडेय की देखरेख में चल था। कई दिनों तक इलाज के बाद उन्हें वापस अयोध्या ले जाया गया था और इसके बाद धीरे-धीरे सुधार हो रहा था। लेकिन 3 फरवरी को उनकी हालत एक फिर बिगड़ गई थी। 4 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनका हाल चाल लेने अस्पताल पहुंचे थे और डॉक्टरों को ज़रूरी दिशानिर्देश दिए थे।

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