प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ को लेकर सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में कई बड़े दावे किए जा रहे हैं। इस दावे में एक दावा यह भी है कि इस योजना में 562 करोड़ रुपए का घोटाला या फर्जीवाड़ा हो गया है। चूंकि बीजेपी नेताओं से लेकर PM मोदी तक सरकार में एक भी घोटाले न होने के दावे करते आए हैं। ऐसे में TFI ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना में हुए घोटाले के दावे का फ़ैक्ट चेक किया है।
क्या हो रहा दावा:
मीडिया पोर्टल पंजाब केसरी ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इसका शीर्षक है, “Ayushman Bharat Yojana में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, 562 करोड़ रुपए के 2.7 लाख क्लेम पाए गए फर्जी।”
Ayushman Bharat Yojana में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, 562 करोड़ रुपये के 2.7 लाख क्लेम पाए गए फर्जी#Modigovt #AyushmanBharatYojana #Fraud #NationalAntiFraudUnit #Privatehospitals #562crorerupees #2.7lakhfakeclaimshttps://t.co/JTuwGwxNCn
— Punjab Kesari (@punjabkesari) February 12, 2025
इसी तरह टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी ‘आयुष्मान भारत’ योजना में हुए फर्जीवाड़े के बारे में बताया गया था।
ऐसे ही खबरें अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी थीं। इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने खासतौर से AAP और कांग्रेस समर्थक ट्रोल्स ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया।
एक यूजर ने लिखा, “डंका बज रहा है दुग्गल साहब और मंडली का।”
डंका बज रहा है दुग्गल साहब और मंडली का।
Fake claims in Ayushman Bharat: Rs 562.4cr fraud health insurance claims in India, 74cr of them from Punjab, Haryana, Himachal Pradesh | Chandigarh News – The Times of India https://t.co/0iuUWQTN8p
— Guramneet Singh Mangat l ਗੁਰਅਮਨੀਤ ਸ਼ਿੰਘ ਮਾਂਗਟ l (@guramneet) February 13, 2025
Total budget 7000 crore
Fraud 562 crores
Ayushman yojna is a scam https://t.co/cFV5czgIip
— Arun Arora (@Arun2981) February 12, 2025
एक अन्य यूजर ने भी ऐसा ही दावा करते हुए लिखा, “कुल बजट 7000 करोड़, फ्रॉड हुआ 562 करोड़ का, आयुष्मान योजना एक घोटाला है।”
Total budget 7000 crore Fraud 562 crores Ayushman yojna is a scam pic.twitter.com/XkWWnBynsR
— ηᎥ†Ꭵղ (@nkk_123) February 13, 2025
Modi’s #AyushmanBharat is by far one of his hugest scam schemes to loot the poor and the government exchequer alike.
This vishwaguru has conveniently overlooked 3.42 lakh fraud cases detected under Ayushman Bharat-PMJAY. #ModiHaiTohVinaashHai#ModiIsAntiIndia
Over 56,000… pic.twitter.com/H8bF0fmumN
— Pragnya Gupta (@GuptaPragnya) December 15, 2024
It’s literally 10% fraud of the budget allocated to Ayushman Bharat yojana। https://t.co/MaOHWP9yPi
— غولرز شخ (@GulRose_views) February 12, 2025
Ayushman Bharat has a probable 500 crore scam but why bother Papa ji. Let’s talk some irrelevant nonsense on prime time. https://t.co/m91egUpYMB
— Utkarsh (@Cowlogy) February 12, 2025
आरजेडी सांसद अमरेंद्र धारी ने सवाल किया था, “क्या प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में फर्जी बिलिंग के मामले सामने आए हैं? जिसके जरिए गरीब लोग हॉस्पिटल द्वारा दिए गए लालच में फंस जाते हैं।”
इस सवाल के जवाब में सरकार की ओर से कहा गया, “नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा जांच के बाद 6.66 करोड़ दावों में से, प्राइवेट हॉस्पिटलों के 562.4 करोड़ रुपए के 2.7 लाख दावे अनुचित या गलत जानकारी दिए जाने के कारण अस्वीकार्य पाए गए। इसके अलावा, नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा संदिग्ध पाए जाने वाले हॉस्पिटलों के किसी भी दावे को स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट टीमों द्वारा की जाने वाली उचित जांच पूरी होने तक रोक दिया गया है। इसमें आवश्यक होने पर फील्ड पर जाकर (रोगी व्यक्ति से मिलकर) जांच करना भी शामिल है।”
सरकार के इस जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि 562.4 करोड़ रुपये के 2.7 लाख दावे ‘अस्वीकार्य’ पाए गए तथा इन दावों को जांच होने तक रोक दिया गया। इसका मतलब यह था कि जो भी संदिग्ध दावे पाए गए हैं उन्हें सरकार द्वारा पेमेंट नहीं किया गया है, यानी कि सरकार द्वारा हॉस्पिटल को फंड नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, फर्जीवाड़ा करने वाले हॉस्पिटल पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने 1114 हॉस्पिटलों को ‘आयुष्मान भारत’ योजना के पैनल से हटा दिया। इसके साथ ही, 549 हॉस्पिटल को इस योजना से जुड़ी सेवाओं हेतु सस्पेंड कर दिया गया है।
इस तरह TFI के फ़ैक्ट चेक में सामने आया कि सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना में 500 करोड़ का घोटाला या फर्जीवाड़ा नहीं किया है बल्कि फर्जीवाड़ा कर रहे हॉस्पिटलों को पेमेंट न करके सरकारी खजाने के 562.4 करोड़ रुपए बचाए हैं। साथ ही फर्जीवाड़ा करने वाले हॉस्पिटल पर कार्रवाई भी की है। एक वाक्य में कहें तो TFI के फ़ैक्ट चेक में सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत पाया गया।