मोदी सरकार में हो गया ₹5000000000 का ‘आयुष्मान भारत’ घोटाला, AAP के ‘शीशमहल’ से भी बड़ा स्कैम: जानिए दावे का क्या है सच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ को लेकर सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में कई बड़े दावे किए जा रहे हैं। इस दावे में एक दावा यह भी है कि इस योजना में 562 करोड़ रुपए का घोटाला या फर्जीवाड़ा हो गया है। चूंकि बीजेपी नेताओं से लेकर PM मोदी तक सरकार में एक भी घोटाले न होने के दावे करते आए हैं। ऐसे में TFI ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना में हुए घोटाले के दावे का फ़ैक्ट चेक किया है।

क्या हो रहा दावा:

मीडिया पोर्टल पंजाब केसरी ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इसका शीर्षक है, “Ayushman Bharat Yojana में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, 562 करोड़ रुपए के 2.7 लाख क्लेम पाए गए फर्जी।”

इसी तरह टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी ‘आयुष्मान भारत’ योजना में हुए फर्जीवाड़े के बारे में बताया गया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट का स्क्रीनग्रैब

ऐसे ही खबरें अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी थीं। इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने खासतौर से AAP और कांग्रेस समर्थक ट्रोल्स ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया।

एक यूजर ने लिखा, “डंका बज रहा है दुग्गल साहब और मंडली का।”

एक अन्य यूजर ने लिखा, “कुल बजट 7000 करोड़, फ्रॉड हुआ 562 करोड़ का, आयुष्मान योजना एक घोटाला है।”

एक अन्य यूजर ने भी ऐसा ही दावा करते हुए लिखा, “कुल बजट 7000 करोड़, फ्रॉड हुआ 562 करोड़ का, आयुष्मान योजना एक घोटाला है।”

एक यूजर ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए और बड़ा दावा किया। उसने लिखा, “मोदी की आयुष्मान भारत योजना गरीबों और सरकारी खजाने को लूटने की अब तक की सबसे बड़ी घोटाला योजनाओं में से एक है। इस विश्वगुरु ने आयुष्मान भारत-PMJAY के तहत पकड़े गए 3.42 लाख धोखाधड़ी के मामलों को आसानी से अनदेखा कर दिया है।”
एक अन्य ने दावा किया, “वास्तव में आयुष्मान भारत योजना के लिए आवंटित बजट का 10% हिस्से के साथ फ्रॉड हो गया है।”
एक यूजर ने अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ को छिपाने के आयुष्मान भारत का सहारा लेने की कोशिश की। उसने लिखा, “आयुष्मान भारत में 500 करोड़ का घोटाला होने की संभावना है, लेकिन पापा जी को क्यों परेशान करना। चलो प्राइम टाइम पर कुछ बेमतलब की बातें करते हैं।”
इस दावे का फ़ैक्ट चेक करने के दौरान TFI मीडिया ने पाया कि सभी मीडिया पोर्टल्स में यह खबर 12 फरवरी को ही प्रकाशित हुई थी। साथ ही रिपोर्ट्स में सरकार द्वारा ‘फर्जीवाड़े’ स्वीकार करने की बात भी लिखी गई थी। ऐसे में हमने सरकार के आदेश या बयान से तलाशने शुरू किए। इस दौरान हमें राज्यसभा में सरकर द्वारा दिए गए जवाब से जुड़ा दस्तावेज प्राप्त हुआ। इसमें सामने आया कि आयुष्मान योजना से जुड़ी यह खबर, 12 फरवरी को राज्यसभा में आरजेडी सांसद अमरेंद्र धारी सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल के बाद सामने आई।

आरजेडी सांसद अमरेंद्र धारी ने सवाल किया था, “क्या प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में फर्जी बिलिंग के मामले सामने आए हैं? जिसके जरिए गरीब लोग हॉस्पिटल द्वारा दिए गए लालच में फंस जाते हैं।”

इस सवाल के जवाब में सरकार की ओर से कहा गया, “नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा जांच के बाद 6.66 करोड़ दावों में से, प्राइवेट हॉस्पिटलों के 562.4 करोड़ रुपए के 2.7 लाख दावे अनुचित या गलत जानकारी दिए जाने के कारण अस्वीकार्य पाए गए। इसके अलावा, नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा संदिग्ध पाए जाने वाले हॉस्पिटलों के किसी भी दावे को स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट टीमों द्वारा की जाने वाली उचित जांच पूरी होने तक रोक दिया गया है। इसमें आवश्यक होने पर फील्ड पर जाकर (रोगी व्यक्ति से मिलकर) जांच करना भी शामिल है।”

सरकार के इस जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि 562.4 करोड़ रुपये के 2.7 लाख दावे ‘अस्वीकार्य’ पाए गए तथा इन दावों को जांच होने तक रोक दिया गया। इसका मतलब यह था कि जो भी संदिग्ध दावे पाए गए हैं उन्हें सरकार द्वारा पेमेंट नहीं किया गया है, यानी कि सरकार द्वारा हॉस्पिटल को फंड नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, फर्जीवाड़ा करने वाले हॉस्पिटल पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने 1114 हॉस्पिटलों को ‘आयुष्मान भारत’ योजना के पैनल से हटा दिया। इसके साथ ही, 549 हॉस्पिटल को इस योजना से जुड़ी सेवाओं हेतु सस्पेंड कर दिया गया है।

इस तरह TFI के फ़ैक्ट चेक में सामने आया कि सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना में 500 करोड़ का घोटाला या फर्जीवाड़ा नहीं किया है बल्कि फर्जीवाड़ा कर रहे हॉस्पिटलों को पेमेंट न करके सरकारी खजाने के 562.4 करोड़ रुपए बचाए हैं। साथ ही फर्जीवाड़ा करने वाले हॉस्पिटल पर कार्रवाई भी की है। एक वाक्य में कहें तो TFI के फ़ैक्ट चेक में सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत पाया गया।

 

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